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बसन्त-3
पलाश के रक्ताभ पेड़ सरसों के खेतों के रंग में अपना रंग घोल जाते हैं। काम जगाता बसन्त मदनोत्सव के साथ आरंभ होता है‚ धीरे धीरे अपना प्रभाव लिये बसन्त परिपक्व होता है और फगुनाई बौराई बासन्ती बयार की गंध नासारंध्रों को महसूस होने लगती है‚ तो याद आता है … होली करीब है !
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