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कोख का किराया                            दूसरा पन्ना

फोन जया ने उठाया था  "जया, मैं मैनी"

जया के कान कुछ सुनने को बेचैन हो रहे थे। उसने जानबूझ कर इतने दिन मैनी को फोन नहीं किया था ताकि मैनी को सोच-विचार करने का समय मिल जाए।

''हाँ जी, क्या हो रहा है? बच्चों के क्या हाल हैं?
 बाकि सब तो ठीक है, बस मुझे तुम जिस भंवर में छोड ग़ई हो, मैं उससे बाहर नहीं निकल पा रही हूँ।
 फिर क्या सोचा तुमने? गैरी से बात की?
 नहीं। गैरी से पहले मैं कुछ बातें डेविड के साथ करना चाहती हूँ।
 ठीक है, कल शाम को डेविड घर पर ही होगा। आ जा
ओ।
 नहीं जयाबात यह है कि मैं डेविड के बच्चे की मांमेरा मतलब है कि यदि मैं डेविड के बच्चे को जन्म देने वाली हूँ तो कम से कम हम दोनों को अकेले में कुछ बातें साफ करनी आवश्यक हो जाती हैं।

कुछ पलों के लिये सोच में डूब गई जया,  ठीक है तुम दोनों अकेले में बातें कर लेना। वैसे भी मुझे रिहर्सल के सिलसिले में जाना था, आने में देर भी हो सकती है।

आज मैनी ने अपनी सबसे प्रिय ड्रेस पहनी है। बाल भी विशेष रूप से पर्म करवाए हैं और चश्मे के स्थान पर कॉनटेक्ट लैन्स लगाए हैं। ईमान डिगाने का पूरा प्रयत्न किया है मैनी ने।

'' नहीं मैनी यह संभव नहीं है। जो तुम कह रही हो वह ठीक नहीं, फिर गैरी मेरा दोस्त है। उससे छिप कर यह करना मॉरली गलत होगा। मैंने जब से जया के साथ विवाह किया है मेरे कदम नहीं डगमगाए। तुम बहुत सुन्दर हो, कोई भी इन्सान तुम्हारे शरीर को पाकर गर्व का अहसास करेगा। पर यहां हालात एकदम अलग हैं।
 यह तुम किस सदी की बातें कर रहे हो डेविड?  मैनी का निर्लज्ज अहम आहत हो गया था।
 मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनने वाली हूँ। निर्णय तो तुम्हें और मुझे करना है, इसमें जया और गैरी की तो कोई भूमिका है ही नहीं।
 मैनी, तुम एक बात भूल रही हो। तुम केवल गर्भधारण कर मेरे बच्चे को जन्म दोगी। उस बच्चे की माँ तो जया ही होगी। हाँ हम दोनों तुम्हारा पूरा खयाल रखेंगे, तुम्हें स्नेह देंगे, और इस काम पर होने वाले खर्चे के अतिरिक्त तुम मुझसे जो चाहोगी मिलेगा। डेविड ने आगे बढक़र एक हल्का सा चुम्बन मैनी के होंठों पर अंकित कर दिया। आज पहली बार ऐसा हुआ है कि डेविड ने स्वयं मैनी के होंठों को चूमा है। अन्यथा तो मैनी ही ऐसे अवसरों की तलाश में रहती थी।
 डेविड, क्या यह बच्चा उस एक पल की निशानी नहीं बन सकता जिसकी मुझे एक लम्बे अर्से से प्रतीक्षा है? क्या तुम्हारा यह स्नेह, कुछ पलों के लिये ही सही प्रेम या वासना ही सहीनहीं बन सकता?
 मैनी , मैं एक किराये की कोख की तलाश में हूँ। प्रेमिका सी पत्नी तो मेरे पास पहले से है, जया से मुझे किसी किस्म की शिकायत तो है नहीं। फिर तुम मेरे मित्र की पत्नी हो। मैं अपने मित्र पर वार नहीं कर सकता। हाँ यह तुम्हारा अहसान होगा हम दोनों पर। इसके लिये हम दोनों, मैं और जया, जीवन भर तुम्हारे ॠणी रहेंगे।

स्टार, सन, र्स्पोट्स और डेली मिरर जैसे समाचारपत्र तो डेविड की एक भिन्न प्रकार की छवि दुनिया भर को दिखाते हैं। यह असली डेविड उस छवि से कितना अलग है। समाचारपत्र तो डेविड को कामदेव की तरह प्रस्तुत करते हैं - कभी किसी लडक़ी को चूमते हुए, तो कहीं अपना नग्न वक्ष दिखाते हुए, कभी लडक़ियों से घिरे हुए, कभी जया के वक्ष पर अपनी हथेलियां रखे। मैनी इस गोरखधन्धे को समझ नहीं पा रही है। यदि डेविड अपनी पत्नी के प्रति इतनी निष्ठा रखता है तो जब बच्चा हो जाएगा तो किस प्रकार का पिता बनेगा? जमाने से एकदम अलग। मैनी सोच रही थी कि वह डेविड को उसकी अनुपस्थिति में जी भर कर कोसेगी, किन्तु उसका हृदय इतनी शक्ति बटोर पाने में असफल हो गया। उसे डेविड पर और अधिक प्यार आने लगा। लगता है मैनी जैसे कोई निर्णय ले चुकी है।

'' तुम्हारा दिमाग तो नहीं खराब हो गया? तुमने यह बात सोची भी कैसे?
 अरे! डेविड तुम्हारा मित्र है, अगर हम दोनों मिल कर जया और डेविड की सहायता नहीं करेंगे तो क्या कोई बाहर वाला आकर करेगा।
 हम भी बाहर वाले ही हैं। यह उनका आपसी मामला है। वो जो करना चाहें करें। परपर तुम क्यों अपने आप को इन चक्करों में डालती हो?
 अपना निजी मामला ही तो लेकर आई थी जया मेरे पास। अगर हम बाहर वाले होते तो हमारे सम्बंध इतने गहरे कभी न बन पाते।
 मैनी, तुम हालात को समझने की कोशिश नहीं कर रही हो।आल दिस इज ग़ोईंग टू हर्ट यू। हो सकता है कि तुम इस समय यह सोच कर खुश हो रही हो कि तुम डेविड के बच्चे की माँ बनने वाली हो। मुझे मालूम है कि पूरे इंग्लैण्ड की कोई भी लडक़ी या औरत डेविड के बच्चे के लिये माँ बन कर बहुत प्रसन्न होगी। मगर तुम यह नहीं समझ पा रही हो कि यह फैसला तुम्हें किस कदर तोड सकता है।बात दो दिन की नहीं है। पूरे नौ महीने हमारा सारा घर इस ख्याल के साथ लडता रहेगा कि हमारे घर में एक बच्चा आने वाला है जिसका बाप मैं नहीं डेविड है।यह सब इतना आसान नहीं है, जितना तुम समझ रही हो।
 गैरी, मेरे मन में ऐसी कोई बात नहीं है कि मैं डेविड के बच्चे की माँ बन कर कोई महान काम करने वाली हूँ। बात केवल सहायता की है। मैं जया और डेविड की सहायता करना चाहती हूँ। और तुम तो जानते हो कि जया मेरी कितनी प्यारी सहेली है। वह कार्ल और रीटा को कितना प्यार करती है। और सोचो समूचे देश में उन्हें मेरे अलावा किसी पर इतना विश्वास नहीं है। क्या यह हमारे लिये गर्व की बात नहीं है?
 इस झूठी शान और छलावे से बाहर आओ मैनी। तुम जया और डेविड के जीवन के बाहरी ग्लैमर के पीछे बौराई सी फिर रही हो।याद रखो, तुम मेरी पत्नी हो, एक रेल्वे ड्राइवर की, पच्चीस हजार सालाना पाउण्ड पगार वाला रेल ड्राइवर। हम इस देश के लाखों लोगों से बेहतर जीवन जीवन जी रहे हैं। रेल में कहीं भी जाना हो मुफ्त यात्रा, हमारे बच्चे अच्छी शिक्षा पा रहे हैं और मैं उन्हें अच्छे संस्कार देने की कोशिश में हूँ। तुम, बने बनाए घर की नींव हिलाने की कोशिश कर रही हो। बहुत पछताओगी।
 तुम भी गैरी! कैसी मिडल क्लास बातें करते हो। तुम सोचो हमारा बच्चा डेविड की सारी सम्पत्ति का मालिक बनेगा। मेरा बच्चा हमारा बच्चा !
 यही तो समझाने की कोशिश कर रहा हूँ कि वो हमारा तो क्या तुम्हारा बच्चा भी नहीं रहेगा।मैनी।यह सब इतना आसान नहीं होता है। कल जब डेविड तुम से डॉक्यूमेन्ट पर हस्ताक्षर करवाएगा कि तुम होने वाले बच्चे से कभी मिलने की कोशिश नहीं करोगी, तुम्हारा उस पर कोई हक नहीं होगा, तुम उसे जताओगी नहीं कि तुम उसकी माँ होऔर बात केवल साइन करने की नहीं , जब वह सचमुच तुम्हें उस बच्चे से दूर कर देगा, तब तुम!
 तुम देखते रहना गैरी, मैं कैसे हालात को अपने पक्ष में कर लूंगी।
 देन, गो टू हैल! 

हैल!नर्क क्या इसी को कहते हैं? पति और बच्चे छोड ज़ाएं, सभी नाते रिश्तेदार किनारा कर लें और इन्सान अंधेरे बंद कमरे में अपने अस्तित्व से डरता रहे। यही तो है नर्क की वह आग जिसकी तपिश तो महसूस की जा सकती है पर जो दिखाई नहीं देती। आज उसे हर आंख यही प्रश्न करती दिखाई देती है कि तुम यह क्या कर बैठीं। गैरी तो कह ही रहा था कि तुम अभी तक जीवन की विषमताओं को समझ नहीं पा रही हो। जब सच्चाई सामने आएगी तभी तुम्हें मालूम होगा कि क्या कहाँ खो गया।

'' सच तो यह है मैनी, कि हर समय कुछ ऐसा अहसास होता रहता है कि कुछ न कुछ, कहीं न कहीं खो गया है। एक विचित्र सी कमी महसूस होती रहती है। मैं भी चाहती हूँ कि हमारे घर में भी एक छोटे बच्चे की किलकारियों की आवाज ग़ूंजे। मगर क्या करें।
 जया, क्या तुम भी मुझ से ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाओगी कि मैं होने वाले बच्चे से नहीं मिल सकती? ''
'' मैनी, भला तुम्हारे और मेरे बीच किसी दस्तावेज की क्या आवश्यकता है? हाँ, डेविड तो गोरा ब्रिटिश है। वह तो हर काम कानूनी ढंग से करने में विश्वास रखता है। अगर उसकी तसल्ली की खातिर कुछ एक जगह दस्तखत करने भी पड ज़ाएं तो क्या फर्क पडता है? और इसी बहाने मेरी सहेली को कुछ पैसों की सहायता भी मिल जायेगी।आखिर तुम साल-डेढ साल की छुट्टी लोगी, तुम्हारा डिलिवरी के दौरान खाने-पीने और डॉक्टर का खर्चा होगा। यह डिलिवरी किसी सरकारी हस्पताल में तो होगी नहीं। इसके लिये तो तुम्हें प्राइवेट नर्सिंग होम में भरती होना पडेग़ा। अब अगर डेविड यह सब खर्चा करना चाहता है तो करने दो न।

प्राइवेट नर्सिंग होम! आज तो लगता है पागलखाने में भरती होना पडेग़ा। कितनी जल्दी सब बदल जाता है। एक अनुभूति मात्र के लिये मैनी ने क्या-क्या खो दिया।  सरोगेट माँ  बनने के चक्कर में, न वह मां रह पाई और न ही पत्नी। बस सरोगेट ही रह गई। गैरी के बार-बार मना करने के बावजूद भी तो वह नहीं मानी थी। कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र पहुंच ही गई। डेविड के वीर्य और मैनी के गर्भाशय व ओवरी की कई बार जांच हुई। ओव्यूलेशन के सही समय की प्रतीक्षा थी। गैरी असहाय दर्शक बन कर देख रहा था, उसे शिकायत भी थी और आक्रोश भी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि मैनी को अपने आपको इस समस्या में उलझाने की क्या आवश्यकता थी? और वह पल आया ही चाहता था जिसकी मैनी को बेसब्री से प्रतीक्षा थी।

'' मैनी, तुम एक बार फिर सोच लो। अभी भी कुछ नहीं बिगडा है। कहीं ऐसा न हो कि डेविड और जया को खुशी देते-देते तुम्हारे अपने जीवन में खुशियां हमेशा के लिये गायब हो जाएं।''
'' अब सोचने जैसी स्थिति कहां रह गई है, गैरी? अब तो बस मुझे वो काम कर दिखाना है, जिससे तुम्हारे मित्र के जीवन में खुशियों की हल्की-हल्की गुलाबी सी वर्षा होने लगे। जया के चेहरे की उदासी दूर करनी है मुझे।
 बात यह नहीं है मैनी, मैं जानता हूँ कि तुम मन ही मन डेविड को चाहती हो। मैं इसे तुम्हारा कुसूर नहीं मानता, पूरा देश ही उसका दीवाना है। पर इसका यह अर्थ तो नहीं कि तुम र्निलज्ज हो जाओ।
 तुम मुझ पर इल्जाम लगा रहे हो। मैंने सेक्स के मामले में कभी तुम्हें धोखा नहीं दिया है।
 तुमने जीवन में सदा अपनी मनमानी की है, और मैंमैं सदा ही तुम्हारी बेहूदगियां बरदाश्त करता आया हूँ। इसका कारण यह नहीं कि मैं कोई कमजोर किस्म का आदमी हूँ। इसका कारण केवल इतना ही है कि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ। मगर याद रखो कि हर चीज क़ी एक सीमा होती है। ठीक उसी तरह मेरे सहने और तुम्हारे बेतुके व्यवहार की भी कोई सीमा होनी चाहिये। तुम अभी भी न कर सकती हो। मुझे अच्छी तरह मालूम है कि एक बार तुम गर्भवती हो गई तो पीछे नहीं हटोगी। इसलिये बार-बार समझा रहा हूँ, इस आत्महत्या जैसी हरकत से बाज आओ।
 गैरी तुम सपने नहीं देखते। जागते हुए सपने देखने का आनंद ही कुछ और होता है। जया और डेविड जिस बच्चे को जीवन भर प्यार देंगे, वो बच्चा मेरी कोख से जन्म लेगा। सोच कर ही मन पगला-पगला जाता है।
 इसी पागलपन से बचने को कह रहा हूँ मैनी।

किन्तु मैनी कहाँ मानने वाली है। वह तो एक स्वछंद हवा में उडने वाला पक्षी है। आम मनुष्य के नियम उसे कहाँ बांध कर रख सकते हैं। आम गोरे पुरुषों की तरह गैरी गालियां नहीं देता। यदि वह दे पाता तो आज मैनी को गालियों से नवाज देता। वह आज तक मैनी के माता-पिता से नहीं मिला। उन्होंने मैनी के प्रेम-विवाह के बाद से उन्हें अपने जीवन से निकाल बाहर किया है। मन में आया कि उसके पिता से बात करे, किन्तु

आज गैरी अपने ही विचारों से संघर्ष करता हुआ रेलगाडी चलाए जा रहा है। सिग्नल का रंग लाल है या हराउसे ठीक से सुझाई नहीं दे रहा। बेवन के शब्द उसके दिमाग में बार-बार बज रहे हैं - यदि तुम्हारी मानसिक स्थिति ठीक नहीं तो काम पर मत जाओ। जरा सी सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।और वही हुआ भी। गनर्सबरी से साउथ एक्टन के बीच के लाल सिग्नल को नहीं देख पाया और स्पैड हो गया, यानि कि सिग्नल पास्ड एट डेन्जर। उसके सात साल की बेदाग ड्राइवरी में एक लाल निशान लग गया। अब साली इन्क्वायरी होगी। किसी को क्या मालूम कि गैरी का सारा जीवन ही लाल बत्ती पर आकर ठहर गया है।

मैनी को गर्भ ठहर गया है। वह प्रसन्न हैडेविड खुश हैऔर जया की भावनाओं को तो व्यक्त करने के लिये किसी भी भाषा के शब्दों में सार्मथ्य नहीं है। उन भावनाओं को व्यक्त करने के लिये तो कोई नई शब्दावली बनानी होगी, नए मुहावरे गढने होंगे। मैनी के माध्यम से वह स्वयं गर्भवती हो गई है। और मैनी! अभी तो केवल यह तय हुआ है कि वह गर्भवती है और उसे अपने भीतर चलता-फिरता डेविड महसूस होने लगा है।

'' यदि मैं डेविड के साथ संसर्ग कर भी लेती तो भी अन्तत: होना तो यही थामुझे उसके बच्चे की माँ ही तो बनना था और वह चुम्बन जो डेविड ने मेरे होंठों पर अंकित कर दिया था। क्या आज की स्थिति में मैं उसे ब्लैक-मेल कर सकती हूँ? क्या उसे मजबूर कर सकती हूँ कि वह मुझसे शारीरिक सम्बंध बनाए? आज तो उसकी सारी आशाएं मुझ पर आ टिकी हैं परन्तु डॉक्टर ने तो उसके सामने ही कहा है कि मैं अगले तीन महीनों तक सेक्स से दूर ही रहूँअन्यथा गर्भपात हो सकता है।मैं तो गैरी की बांहों में भी डेविड की कल्पना कर लेती हूँ। डेविड का प्रिय कोलोन 'कूल वाटर ही गैरी के लिये भी खरीदने लगी हूँ। दोनों के शरीर से एक सी गन्ध आने लगी है। किन्तु फुटबॉल के मैदान में खेल समाप्ति के पश्चात उसके पसीने की गंध तो मुझे दीवाना बना देती है। क्या डेविड मुझे एक गहरा चुम्बन भी नहीं दे सकता? 

'' आज खाना नहीं बनाया क्या?  गैरी की आवाज उसे विचारों की दुनिया से खींच कर ठोस सच्चाई के धरातल पर ला पटकती है। वह अपने विचारों में ऐसी खोई हुई थी कि भोजन तैयार करने का तो ख्याल ही नहीं आया।

'' गैरी डार्लिंग, मेरी तबियत आज थोडी ढ़ीली लग रही है।  पिजा हट से पिजा मंगवा लो न। बच्चों को भी चेन्ज हो जाएगा।
 हमने कल रात भी पिजा ही खाया था, मैनी! तुम तो जानती हो कि मुझे बाहर का खाना बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता। तुम मेरे मोबाईल पर फोन करके बता देती कि तबियत ठीक नहीं तो मैं कम से कम आते हुए रास्ते में से कुछ लेता आता। वैसे मैनी, यह रोज-रोज का बाहर का खाना हमारे बजट का तो सत्यानाश करेगा ही हमारे परिवार में गलत परम्पराओं को जन्म देगा। मुझे तो अपनी माँ का तरीका
 प्लीज ग़ैरी, अब दोबारा शुरु मत करना। पहले ही मेरी तबियत ठीक नहीं है, तुम तो जानते हो, इन दिनों मुझे कितनी उल्टियां होती हैं। सारा-सारा दिन मैं परेशान रहती हूँ मैं।
 क्यों रहती हो परेशान? किसके लिये? मैंने मना किया था न कि पंगा मत लो। अभी तो कुछ हुआ भी नहीं मैनी, तुम्हारा हठ हमारे सारे जीवन को तहस-नहस कर देगा।
 हम कितना बडा काम कर रहे हैं गैरी, तुम इस काम की महानता समझ ही नहीं रहे।
 देखो, मैनी, मैं सीधा-सादा आदमी हूँ। मेरी महत्वाकांक्षाएं, इच्छाएं बहुत सीमित हैं, मुझे महान या भगवान बनने का कोई शौक नहीं है। मैं केवल एक बात जानता हूँ कि तुमने मेरा कहना नहीं माना बस्स! 

अब तो यह कलह हर रोज घर में होनी है। किन्तु मैनी को अभी भी कहीं अपराध-बोध नहीं होता है। वह समझ नहीं पा रही कि आखिर उसका पति इतनी छोटी सी बात पर इतना परेशान क्यों हो रहा है। फिर हर दोपहर जब जया पहुंच जाती है, उसका हाल जानने, तो एक बार फिर वह अपने निर्णय पर अडिग सी खडी हो जाती है। आजकल जया उसका बहुत खयाल रखने लगी है। मैनी क्या खाएगी, क्या पहनेगी, कब सोएगी, कब जागेगी सभी कुछ तो वह तय करती है। जया मैनी के लिये मदरकेयर से ढीले गाउन ले आई है, मैनी के कमरे में सुन्दर से बालक का चित्र टांग दिया है। डेविड भी कभी-कभी फोन कर मैनी का हाल पूछने लगा है। हैरान हो रहे हैं कार्ल और रीटा!

कार्ल और रीटा सहमे रहते हैं। उनके डैडी-मम्मी के बीच चलती तकरार पूरे घर को तनावग्रस्त बनाए रखती है। वे हैरान हैं, परेशान हैं।यह सब क्या हो रहा है, दिमाग छोटे हैं, समस्याएं बडी हैं समझ आएं भी तो कैसे? वे दोनों जानने को बेचैन हैं कि उनके माता-पिता को अचानक हुआ क्या है? मां अचानक बीमार क्यों रहने लगी है, और वो पिता जो मां के छींकने भर से उसके लिये दवाइयां लाने को बेचैन हो उठता था, अचानक उनकी बीमार मां को डांटने क्यों लगा है?मां तो अस्पताल के चक्कर लगा रही है, फिर भी पिता इतना निष्ठुर और कठोर व्यवहार कर रहा है। और मां को अस्पताल ले जाने के लिये विशेष तौर जया आंटी लेने आने लगी हैं।

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