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कथा - रिर्पोताज : प्रभा खेतान
भूकंप

अचानक पंखा हिलने लगा मगर मैं ने पंखा चलाया ही महीं था लेकिन यह पंखा गोलाकर घूमने के बदले घडी क़े पेंडुलम की भांति डिंग - डांग क्यों कर रहा है, क्या हुआ है इसे? और खिडक़ियां खडख़डा क्यों रही हैं? दरवाजे पर यह किसकी दस्तक? अरे मेरे पलंग को भी कोई झूला झुला रहा है तब तक कमरे के दरवाजे पर बाबूलाल खडा था, वही आलसी स्वरदीदी उठेंगे नहीं, भूकंप आया है  क्या? और मैं उठकर कमरे से बाहर, फ्लैट के दरवाजे से बाहर सीढियां इतरते हुए चीख रही थी भूकंप! हाय राम भूकंप! बाबूलाल ऊपर वाली सीढियों पर खडे ख़डे कह रहा था घबराइये मत धरती मैया तो कभी कभी डोलती ही है इ जब सेस नाग करवट बदलते हैं ना तब ऐसे ही होता है

' अरे नहीं मुझे नहीं मरना मैं सीढियां फर्लांग रही थी। मेरी आंखों के सामने छब्बीस जनवरी का गुजरात घूम रहा था। दूरदर्शन में क्या क्या नजारे नहीं दिखलाये गये। प्रकृति क्रूर हो चली है। बहुत क्रूर नैशनल ज्योग्राफिक चैनल में देखा नहीं  इंडोनेशिया के जंगल में लगी हुई आग ओह  इसे ही तो बडनावल कहते हैंचारों तरफ नारंगी आग की ऊंची ऊंची लहरें थीं। काली काली धुंए की लहरें और हेलीकॉप्टरों से आग बुझाने की कोशिश। कहीं तूफानी समंदर उछाल मारता है तो कहीं बाढ और महामारी का प्रकोप। प्रकृति की अपनी स्वभावगत विशेषताएं हैं। सृजन और विनाश का क्रम चलता रहता है और आदमी? वह पहले भी प्रकृति के हाथों का खिलौना था और आज भी है। जो मुट्ठी भर प्रगति उसने की भी तो उससे क्या हुआ? मारपीट, दंगा फसाद, बढता हुआ आतंकवाद, क्या इसे उपलब्धि मानें!

अब तक मैं नीचे पहुंच गयी थी चार तल्ले नीचे उतरने में आखिर कितना वक्त लगता ? वहां लोग पहले से जमा थे मुझे निचली मंजिल में रहने वाली मिसेज क़ल्याणी, उनके दोनों लडक़े श्याम और श्रीराम तथा रामा उनका हाउस मैनेजर रमण भाई कल्याणी से मेरी अच्छी दोस्ती है उसी से पता चलता है, सारे पडाैसियों के बारे में अब तक दूसरे माले के कोरियन दंपत्ति अपने दोनों बच्चों के साथ पहुंच गये थे और ग्राउण्ड फ्लोर के मिस्टर गुरुमूर्ति ने मुझसे कहा, '' घबराइये नहीं, भूकंप रुक चुका है''
मिस्टर गुरुमूर्ति , वे न्यूजर्सी में रहते हैं,
कल रात आये हैं
यों नीचे उतरने में जितना बडा भूकंप हम लोगों ने मचाया उससे ज्यादा गहरा धक्का भूकंप का नहीं था बाल्टी में रखे शांत जल को किसी ने हिला कर रख दिया था

आस पडौस के भी कुछ लोग सडक़ पर थे रात के नौ बजे हैं ऐसी कोई रात भी नहीं हुई पर यह पॉश इलाका है तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष इसी मुहल्ले में रहते हैं उनका अल्सेशियन कुत्ता भौम्क रहा था
''
यहां चैन्नई में कभी भूकंप नहीं आता
'' कल्याणी ने कहा
''
नहीं हमारे कोरिया में भूकंप के गहरे झटके लगते हैं
'' मिस्टर लिन पा ने कहा, और उस बार तो हमारी पोस्टिंग सैनफ्रान्सिस्को में हुई थी कोरियन दम्पत्ति से आज पहली बार बातचीत हो रही थी कल्याणी का कहना है, '' कोरियन लोग अपने आप में डूबे रहते हैं किसी से बात नहीं करते किसी और जाति के लोग इनके घर नहीं आते'' मैं ने उनकी चार साल की बेटी को देखा वह माथे पर बेला का गजरा लगाये हुए थी और उसके गोल चेहरे पर चाइनीज क़ट के बाल और बालों की कुछ लटों को गुलाबी मेरून रंग से रंग दिया था चलती - फिरती गोल मटोल चाइना डॉल देखकर मेरे मन होने लगी, बिलकुल आस्ट्रेलियन सेव है, मन किया काट खाऊं आस्ट्रेलियन एक सेव दस रूपए में मिलता है

'' आपकी बेटी हमेशा फूल लगाना पसन्द करती है'' कल्याणी ने उसकी मां से कहा।
जिस दिन मैं पहले पहल इस मकान में रहने आई थी तो दोनों बच्चे अपनी आया के साथ मुझसे मिलने आए थे, घूमघाम कर उन्होंने फ्लैट देखा, फिर लडक़ी ने मेरी आया मंजुला से कहा, '' भूख लगी है''
''
क्या खाओगी? मैगी?'' मैं ने पूछा था।
''
नो  नो इडली सांभर'' दोनों बच्चे मेरे साथ खाने बैठे। मंजुला ने कहा  यह सांभर इडली बहुत पसन्द करती है और उसके साथ चिकन मसाला दोसा।''
''
तुम्हें कैसे मालूम?''
''
मेरी बहन इनके यहां काम करती है ना।''
''
अच्छा कितनी तनखा मिलती है?''
''
ढाई हजार।''
''
तुम्हें तो पन्द्रह सौ देती हूं।''
''
अपनी अपनी तकदीर है। कल्याणी मैडम तो सुन्दरी को छह सौ रूपए पकडा देती है। सुन्दरी चार घरों में जाती है तब कहीं हजार बारह सौ जुटते हैं।''

बच्चों से पहली मुलाकात वाली घटना मिसेज लिन पा को बताते हुए मैं हंस पडी थी लेकिन मेरी बात पर विशेष ध्यान मिसेज लिन पा कहने लगीं, '' प्र्रकृति कब बदला ले क्या मालूम? मुझे याद आता है जब हम सैनफ्रान्सिस्को में थे, जरा से भूकंप से सारे अमेरिकन ऐसे घबरा गये थे कि क्या बतायें पर जो अमेरिकन जापान रह आते हैं उन्हें भूकंप की आदत पड ज़ाती है वे नहीं घबराते''
'' क्यों नहीं घबराते याद करो लोग कैसे दहल गये थे?''
मिस्टर लिन पा ने बीच में कहा

'' नहीं, नहीं भूकंप से नहीं घबराये थे,
भूकंप वाली घटना के चार महीने बाद जो बारिश आई समुद्री तूफान उठा
''
'' हांहां अब याद आया, ओ माय गॉड, उस दिन तो मानो आकाश से पानी की चादरें उतर रही थीं, पानी की दीवार सब कुछ डूब रहा था मैं घर पहुंचता इसके पहले तो गाडी सडक़ पर बह रही थी मैं उतर कर पठारी पर चढ ग़या,
कमर तक ओह कैसा कीचड सना हुआ था
दो घंटे की बरसात में ऐसी हालत कि बस पूछो मत किसी तरह ठेलते - ठेलत सडक़ किनारे के एक मकान तक पहुंचा जोरों से दरवाजा पीटता रहा मगर जवाब नदारद अब क्या करुं? ऐसे कैसे किसी अनजान आदमी के घर में घुस जाऊं? लेकिन तब तक एक बुढिया ने दरवाजा खोला अन्दर आ जाओ बांई तरफ बाथरूम है और पिछवाडे चौका तुम्हें तीन चार घण्टे रहना पड सकता है ज्यादा शोर शराबा नहीं करना मैं दिल की मरीज हूं। और जानती हैं मुझे वहां पूरे सार दिन रहना पडा शैरेन ने सोचा कि मैं जरूर मर मरा गया हूं खैर किसी तरह पानी उतरा तो मैं घर जाने लायक हुआ''

आफत विपद में आदमी सहज हो जाता है पर आज तक ऊपर नीचे आते जाते हुए इन लोगों ने कभी मुझसे बात करने की कोशिश नहीं की, कल्याणी का कहना है ये कोरियन बडे स्नॉब हैं हुंडई का सेल्स मैनेजर है पर किसी से बात नहीं करता
'' क्यों नहीं हम लोग कुछ देर साथ बैठें? ''
मिस्टर लिन पा का सुझाव था

मैं कुछ क
हूं इससे पहले मिस्टर गुरुमूर्ति ने कहा, '' ओके नो प्रॉब्लम क्यों आप लोग सब मेरे फ्लैट में चलें थोडी ग़पशप हो जायेगी यों भी बिजली चली गयी है लिफ्ट तो चल नहीं रही भूकंप के झटके तो निकल गये पर बादल घिर आए हैं लगता है बारिश होगी''

हॉल में बेंत की कुर्सियां थीं, मेज पर उनके नौकर ने मोमबत्ती जलाई कमरे की दीवारों पर हमारी छायाएं गुंथ गयीं हॉल के एक किनारे लाइन से छोटे बडे बक्से रखे थे और उनके हैण्डलों से तरह तरह के एयरलाइन टैग झूल रहे थे
''
मैं अकेला ही आया
हूं। मुझे म्यूजिक़ का बहुत शौक है कर्नाटक संगीत के बिना कान सूखने लगते हैं आह! या रस है मैं और मेरी दो बहनें  ये सामने वाले तीनों मकान हम तीन भाई बहनों के लिये अप्पा ने बनवाये थे, पर अप्पा का सपना कहां पूरा हुआ, इस चैन्नई में तो कोई रहना ही नहीं चाहता मैं न्यूजर्सी में रहता हूं, बडी बहन सिंगापुर और छोटी टोरेन्टो रहती है तीनों मकानों को किराये पर उठा दिया है''
''
शायद कभी लौटना हो
'' कल्याणी का स्नेहासिक्त स्वर उन्हें आश्वस्त नहीं कर पाया
'' इल्ले वैन्डा, नहीं कोई नहीं आयेगा,
मैं तो अब अमेरिकन
हूं। जिसकी अपनी अहमियत है मैं घमण्ड नहीं कर रहा पर ग्यारह सितम्बर के बाद तो अमेरिका की अलगाववादी नीति के कारण कौन जाने कब किसे खामियाजा भुगतना पडे बडी वाली ने तो सिंगापुर के चाईनीज से शादी की है और बिलकुल चाइनीज हो गई है उसके दोनों बेटे चैन्नई में आने से रहे''
''
और छोटी वह अकेली है
अपनी बहनके पास रहेगी यहां नहीं आयेगी अप्पा हम लोगों से कहते ही रह गये वापस आ जाओ, अपना देश अपना ही रहेगा '' मिस्टर गुरुमूर्ति की आंखें थोडी असहाय लगीं आवाज क़ा गीलापन छुपा न था'' पर मैं आ न सका अप्पा को ही अपने पास बुलाता रह गया, पर अप्पा, ओल्ड फैशन्ड राष्ट्रवादी गांधी के परमभक्त उन्हें दुनिया का सबसे बडा स्वर्ग अपना चैन्नई लगता था हर शाम अपने दोस्तों के साथ संगीत सभा लगाते कोई कंगाली तो थी नहीं, तन्जौर में पांच सौ एकड क़ी खेती, मैं उन्हें क्या पैसे भेजता, बाद के दिनों खेती की सारी जमीनें बेचकर रुपया उन्होंने हम तीनों भाई बहनों में बांट दिया पर अप्पा का एक बात का आग्रह था, '' गुरु इस शहर में संगीत सुनने जरूर आना''

बारिश शुरु हो गयी थी सरवणा का नौकर कॉफी बनाकर ले आया था
''
मिस्टर गुरुमूर्ति और आप सब कितनी अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हो
मुझे तो आप लोग जैसा होना है मैं अपनी अंग्रेजी सुधारना चाहती हूं।'' मिसेज लिन पा ने कहा
''
आप तो अच्छी अंग्रेजी बोल रही हैं
'' मैं ने कहा
'' और एक दिन की घटना, दुकान पर लगे साइनबोर्ड को पढक़र कुछ समझ नहीं पा रही थी, लिखा था, '' चिल्ड्रेन कट पीसेज अवेलेबल'' यानि बच्चों के कटपीस,
बच्चो के टुकडे नहीं नहीं बच्चों की पोशाक बनाये जा सके ऐसे
कपडों के छोटे छोटे टुकडे ज़िसे अंग्रेजी में कटपीस कहते हैं  नहीं मैं कल्याणी जैसे अंग्रेजी बोलना चाहती हूं। यहां वाला एक्सेन्ट यहां के लोगों का एक्सेन्ट ''

हाय अम्मा, क्या कहूं अब? भाषा की इतनी विकट समस्या तो हिन्दुस्तान में और कहीं नहीं जितनी यहां पर है अभी उसी दिन मिस्टर चन्द्रन कहने लगा, '' मैडम अमेरिकन्स आर बेरी चिल्ली  चिल्ली यानी मेरी आंखों में प्रश्न थाफ्रिडमैन मैडम, ऑवर बाइयर इस वेरी चिल्ली, नो फिलिंग
''
ओह! होंठों से हंसी फिसलते हुए बची आंखों के सामने चैन्नई शहर की चाय - कॉफी की दुकानें घूम गयीं
लिखा रहता है, '' कूल बार, हॉट एण्ड चिल्ल यानी ठण्डा गरम दोनों हॉट के माने हॉट कॉफी चिल्ल के माने चिल्ली कोकाकोला कल्याणी ने ढाढस बंधाया
' मिसेज लिन पा,
आप चेष्टा कीजिये बिल्कुल हमलोगों वाली अंग्रेजी बोलने लगेंगी

मैं चौंक कर मुस्कुरा उठी
तमिल तो बिलकुल समझ नहीं पाती, कोरियन दंपत्ति कह रहे थे हम तो अभी और चार साल यहां रहेंगे फैक्ट्री की परेशानियों के चलते मुझे भी न मालूम कितने दिन रहना पडे क़लकत्ता बहुत याद आता है सारी दुनिया घूमती रहती हूं पर लौट कर कलकत्ता कोलकाता पहुंचते ही अपने डैनों को समेट लेती हूं, कुछ नहीं, कोलकाता जैसा आराम कहीं नहीं मरा हुआ शहर है, बेकार होते हुए लोग हैं पच्चीस साल से मार्क्सवाद, क्रान्ति के तमाम आश्वासनों को झुठलाता हुआ कुंडली मारे बैठा हुआ है बिलकुल निश्चल फिर भी मेरा कोलकाता भालो आछे

'' आप लोगों को यहां रहने में कोई परेशानी नहीं होती मिसेज लिन पा? ''
''
हम तो इसी तरह सिंगापुर, टोकियो, सॉन फ्रान्सिस्को में भी रहते थे।''
 पर आपका देश कोरिया, आपको अपने देश की याद तो आती होगी।''
''
नहीं ऐसे है एक देश से दूसरे देश बदलतो रहे हैं। बहुनिगम कंपनियों की ट्रेनिंग ही ऐसी होती है। जहां रहो वहां के होकर रहो।''
''
और इसके बाद?'' मैं बार बार उनके मुंह से कोरिया सुनना चाहती थी।
''
जहां हमारे बच्चे रहेंगे। खासकर हमारी बेटी वैसे भी हम अमेरिकन नागरिक होना चाहेंगे।''
बारिश थम गई थी और बिजली लौट आई थी, बच्चे ऊपर अपने फ्लैट में चले गये थे।

बडी अच्छी कहानी है, बाढ - भूकंप, बडनावल और प्रवासन की देशनिकाला भोगते और घरविहीन एवं यात्रा केवल यात्रा ये शब्द पुराने पड चुके हैं, कम से कम इन शब्दों का संदर्भ आदमी है इनके उच्चारण से आदमी का बोध होता है पर यह आज की कहानी है - भारतीय चेहरा, अंग्रेजी उच्चारण और न्यूजर्सी के वासी तमिल - अमेरिकन हैं। पडौसी के रूप में कल्याणी मुरली जो इकतीस की कमउम्र में विधवा हो गयी चैन्नई शहर से बाहर कभी नहीं गई जिसकी अपनी अकेली दुनिया है बेटे को अमेरिका पढने भेजा है और कोरियन दंपत्ति पहली बार भारत आये हैं, विशेषरूप से तमिल लोगों की तरह अंग्रेजी बोलना चाहते हैं मैं कलकत्ते से आई हूं, कोलकाता लौटना चाहती हूं, भाषा की जितनी बडी समस्या यहां होती है अमेरिका इंग्लैण्ड में नहीं, एशिया में नहीं 'नो हिन्दी मैडम इंग्लिश खाक इंग्लिश जानते हैं ये अंग्रेजी के दो शब्द सीखते हैं तो हिन्दी क्यों नहीं सीख लेते क्या ये लोग टीवी और सिनेमा नहीं देखते? पर मैं ही क्यों नहीं तमिल सीखना चाहती? क्या यह मेरा देश नहीं, इडली साम्भर मुझे पसन्द नहीं? बहुत पसन्द है

आज के आदमी को दो तरह की सीमाओं को पार करने का अनुभव है एक उत्तर आधुनिक और दूसरी तकनीक के वायरस का लेकिन देस उतना ही प्राचीन जितनी कि तमिल भाषा संस्कृति आर्यों से भी पहले ये थे, रावण के वंसज इनसे राम जी की सेना को डर नहीं लगता दुनिया का एक और सच है, आज दुनिया में पुराना और नया हर पल, हर क्षण एक दूसरे का सामना करते रहते हैं ऐसा सामना, ऐसी मुठभेड पहले नहीं हुआ करती थी दो भिन्न दुनिया एक दूसरे से टकराती हुई फिर - फिर छिटकती हुई हवाओं के साथ चिंदी - चिंदी उडती हुई

यह शताब्दी तो बस अभी अभी खत्म हुई है हम सभी जानते हैं, एक गतिशील शताब्दी अपने साथ हवाईजहाजो को उडाती हुई टेलीफोन का सपंर्क और इलेक्ट्रिक बिजली से चलने वाले नये नये खिलौने, कैलक्यूलेटर, कंप्यूटर, लेसर कार्डलैस फोन, बडे बडे धाकड पुरुषों को जब मैं खिलौनों से खेलते देखती हूं तो हंसी आ जाती है आदमी खेलता है सारी दुनिया में डोलता है अपने ही बनाये हुए खिलौनों की तोकरी लिये संयुक्त राष्ट्र की 1996 में हुई हैबिटेट की कान्फ्रेन्स में सेक्रेटरी जनरल का कहना था, इतिहास में इससे बडा स्थानान्तरण कभी हुआ नहीं मानो झुण्ड के झुण्ड लोगों को धरती एक कोने से दूसरे कोने तक फेंकती जा रही हो देखने में जितना आकर्षक लगता है, सोचने में उतना त्रासद शरणार्थी कैम्पों की संख्या बढती जा रही है मध्य यूरोप के शरणार्थ्ाियों की संख्या बर्लिन और वियेना की जनसंख्या से अधिक है ज्यादातर लोगों के लिये दुनिया एक डायस्पोरा बन गई है इन्सान के नये नये रूप गैस्टरबियेटर्स ताउम्र नावों में रहने वाले लोग क्योंकि किसी देश की जमीन पर वे लोग पांव नहीं रख सकते ऑकलैण्ड में रवाण्डा के हैं लोग और आइसलैण्ड में मोरोक्कन रहते हैं देखने में मेलबॉर्न बिलकुल ह्यूस्टन जैसा लगने लगा है ढेर के ढेर वियतनामी कैफे, जिसे ' फो - कैफे कहा जाता है और कंप्यूटर का जमावडा हमें विश्वास दिलाता है कि दुनिया का कोई कोना एक दूसरे से दूर नहीं बस बटन दबाने की देर है सब जगह सब कुछ मिलता है कमोबेसी हर रूप में अभी दस दिन पहले विदेश गई थी सैनफ्रान्सिस्को के चाइना टाउन में मैं एक व्यापारी से बातें कर रही थी, उसका नाम श्रीधर कुलकर्णी यानि महाराष्ट्रीयन था कलकत्ता में जन्मा, मैक्सिको में रहने लगा और फिलहाल चीन और भारत के निर्यात उद्योग की तुलना कर रहा था बस अभी अभी उसकी पहचान की एक आइरिश औरत मिल गई है  कब से परिचय है?
 जब मैं इंगलैण्ड में पढ रहा था,
इसका भाई मेरा दोस्त था
श्रीधर कॉफी नहीं पीता आजकल चायबागानों में कस कर घाटा लग रहा है खासकर दार्जीलिंग के बगीचों में
 क्यों?''
 
क्योंकि पहले कीनिया में गृहयुध्द चल रहा था और अब वहां सांति है
श्रीलंका में शांति है और जब शांति कायम होती है ना तब असली व्यापारिक प्रतियोगिता का सामना करना पडता है भारत इतनी सस्ती चाय उगा नहीं सकता ऐसा बहुत कुछ है जो भारत नहीं कर सकता
 श्रीधर आपको भारतीयता की सबसे विसिय्ट पहचान क्या लगती है?
''
एक दूसरे को अपने से हीन मानना

लौटकर अपने होटल की सीढियां चढते हुए रिसेप्शन पर बैठी हुई महिला फोन पर गुजराती में बातें कर रही थी लेकिन शक्ल और पोषाक, खैर पोषाक तो यहां सभी की एक सी है, मैं ने चाभी के लिये हाथ बढाते हुए पूछागुजराती?
 हां
 गुजरात के किस हिस्से से? जिस समय वहां भूकंप हुआ, क्या आप वहां थीं?
 
मैं यहां थी अमेरिका में

पर आप गुजरात तो गई होंगी अब तक मुझे अनुमान हो चुका था कि वह अमेरिकन गुजराती है
अं हां  उसने सर झटकते हुए कहा नहीं नहीं हम चार पीढी से अहमदाबाद नहीं गये पहले नैरोबी में रहते थे, हमारा छोटा सा होटल हुआ करता था एक दिन पापा को काले लोगों ने मार डाला मम्मी हम बच्चों को लेकर यहां आ गईं
 आपका कभी गुजरात जाने का मन नहीं करता?
 क्यों नहीं, कभी जाऊंगी, मेरी बडी दादी ने सती देवी की मन्नत रखी थी,
पर वह पूरी नहीं हुई
अब तक हमारे परिवार में कोई सती देवी के दर्शन करने वहां नहीं जा सका मेरी दादी विधवा हो गई थी, मेरी मां, बुआ भी कम उम्र मेंविधवा हो गई, घर में कोई सुहाग ही नहीं बचता है जब तक सती देवी के दर्शन हम नहीं कर लेते यह सब तो घटेगा ही
आप मानती हैं इन सब बातों को?
उसने कंधे उचका दिये
बडी सोफियाना औरत है पर फिर भी गुजराती, भारतीयमेरे देश की
 तब क्या सती देवी में आपकी श्रध्दा है?
 गलत मत समझियेगा, कुलदेवी का तो दर्शन करना चाहिये ना?
वैसे मुझे अफ्रीका की बेहद याद आती है
बस अलसाई सी दुपहरिया होती थी, सब कुछ कितना फैला हुआ शांत हिन्दुस्तान ओह नो वहां तो मैं कभी गई ही नहीं वैसे मैं कहीं भी रहूं पेरिस, न्यूयार्क, सैनफ्रान्सिस्को मेरी मां मुझे फोन करती है
 मां कहां रहती हैं? नैरोबी में?''
''
नहीं लंदन में
पापा के मरने के बाद उन्होंने दूसरी शादी कर ली इसीलिये तो देवी की पूजा करने मुझे जाना होगा यह देखो मेरा लॉकेट दादी ने मुझे दिया था लॉकेट पर सतिया बना हुआ था, नीले रंग की मीनाकारी पर लाल रंग में

श्रीधर कुलकर्णी से मैं ने पूछा थाआप सपने में कोलकाता नहीं देखते? मैं तो चैन्नई में कभी पार्कस्ट्रीट, कभी लेक कभी गंगा का किनारा देखती रहती हूं। मुट्ठी भर बादाम मुंह में ठूंसते हुए उसने कहामैं तीन तरह के सपने देखता हूं, मेक्सिकन, अमेरिकन और हिन्दुस्तानी हिन्दुस्तानी सपने का रंग सफेद काला होता है सॉरी हिन्दुस्तान का कोई कलर अब याद नहीं रह गया हिन्दुस्तान के बारे में सारे सपने भी धूसर हो गये हैं
श्रीधर की दुखती रग मैं जानती
हूं। मैं खामोश सुनती रही थी सबसे आश्चर्य तो मुझे अपने आप पर होता है क्योंकि अब कोई बात कोई किस्सा मुझे आश्चर्यचकित नहीं करता कल तक जो कुछ चौंकाया कराता था आज वह स्वीकृत है क्या इसी को साक्षी होना कहते हैं?

दुनिया में घूमते हुए सैंतीस वर्ष हो गये, पर ये नये मिश्रण अब तैयार हुए हैं बाईस की उम्र से दुनिया घूमने निकली थी राउंड द वर्ल्ड की टिकट पर कुल पांच हजार रूपए लगे थे और एक्सचेंज के नाम पर पर्स में दस डॉलर थे हांगकांग, टोकियो, हवाई द्वीप, लॉस एंजेल्स, सेंट लुइस, न्यूयार्क, लन्दन स्विट्जरलैण्ड कहां कहां नहीं उडती फिरी थी रात साढे दस बजे फ्लाइट टोकियो उतरा था एयरपोर्ट पर मुझे लेने डॉक्टर मोमोसे आए मुझे देख कर उन्होंने कहा थासो यंग एण्ड ऑल अलोन कितना कुछ बदल गया एडवर्ड सईद निष्कासन पर चिंतन करते हैं उनसे पहले होमर और दांते ने आदमी के निष्कासन पर चिंता की थी बनवास तो राजा राम को भी मिला था और पांडवों को भी, कोई नई बात नहीं नया कुछ भी नहीं पर जो घट रहा है, जिस त्वरित गति से दुनिया बदल रही है उससे आश्चर्य जरूर होता है भागवत गीता में श्रीकृष्ण ने आत्मा का वर्णन करते हुए अर्जुन से कहा थाकोई इसे आश्चर्यचकित हो देखता है, तो कोई इसका आश्चर्यवत् वर्णन करता है कोई कोई इसका श्रवण करता है और बहुतेरे ऐसे हैं जो श्रवण करने पर भी इसे नहीं जानते( गीता का श्लोक द्वितीय अध्याय) क्या है यह भूमंडलीय आत्मा?

बचपन का खेल याद आ गया दोनों हाथ फैलाये गोल गोल वर्तुल घूमती रहती थी, घूमती रहती थी जब तक सिर न चकरा जाये और धडाम से बैठ न जाऊं या छिटक कर गिर न पडूं ऌस युग के दो महान इंजन हैं तकनीक का निरंतर अन्वेषण और उसका बनाने, खरीदने -बेचने का उद्योग उद्योग को असीम ऊर्जा चाहिये दोनों एक दूसरे को संपोषित करते रहते हैं मशीनों के लिये अधिक से अधिक गति अपने आप में उद्देश्य बन गया है और गति की अदम्य वासना तेज और तेज ग़ति के लिये तकनीक की जरूरत हर जगह इसका प्रभाव नजर आता है हर मिनट, एक से डेढ मिलियन यानी पन्द्रह लाख डॉलरों का विनिमय होता है और हर साल सिलिकन चिप्स का उत्पादन डबल हो रहा है दुनिया में छाई हुई मंदी का एक महत्वपुर्ण कारण यही है। चीजों का उत्पादन अधिक से अधिक उत्पादन और दाम का कमतर होते जाना स्मृतियों पर निरंतर सूचनाओं का दबाव बढता जा रहा है कभी लगता है मानो धरती बस अभी अभी अपनी नई नवेली मर्सीडीज पर सैर को निकली है - प्रति घण्टे नब्बे मील की रफ्तार से घुमावदार रास्ते पर, कभी ऊप्र कभी नीचे जाती हुई इलेक्ट्रानिक कॉटेज की कल्पना करते हुए मार्शल मैकलुहान ने कहा थातुम बडी ज़ल्दी गलत ठिकाने पर पहुंच जाते हो

दो हजार साल की आखिरी शाम को मेरे घर पार्टी थी मेरी बहन गीता खास इस दिन के लिये मान्ट्रियल से आई थी मेरा बेटा संदीप मेरे पास था और मेरे पैरों की टूटी हड्डियों पर प्लास्टर चिपका हुआ था, डॉक्टरों को आशा नहीं थी कि मैं पहले जैसा चल पाऊंगी खैर चल तो रही हूं। पर उस साल मुझे दाबोस जाना था, स्टॉल केमिकल कंपनी वालों ने मीटींग रखी थी, हर साल डाबोस में यह मीटींग होती है इस बार मुझे भी मौका मिला था सारी दुनिया के अर्थशास्त्री, नेता, व्यापारी यहां जमा होते हैं विली वास्कोविच ने मुझसे कहा था कि वह जरूर मुझे ले जायेगा पैरों की चोट की वजह से मैं जा नहीं सकी थी विली फोन पर घंटे भर तक बातें करता रहाबताता रहा यहां बर्फ पड रही है चारों तरफ की सफेदी में क्रिसमस ट्री पर जगमगाती हुई बत्तियां गजब लग रही हैं मैं ने पूछाक्या इसी पहाडी ग़ांव में थॉमस मैन का दफनाया गया था?
विली को मेरे साहित्यिक प्रश्नों से बडी क़ोफ्त होती है
स्वर में छिपी बौखलाहट मुझ तक तैर आई थीमालूम नहीं मैं पूछकर बताउंगा, पर फिलहाल यहां ढेरों लोग आये हैं बडे - बडे उद्योगपति, कारपोरेट जायंट, राजनेता
यदि भूमण्डलीकरण का कोई फार्मल कॉरपोरेट चेहरा देखना है तो यहां आना चाहिये

 हां सोचा तो था,
लेकिन मेरी तकदीर बिस्तर पर पडी
हूं।
 लोग चर्चा कर रहे हैं,
एक जिम्मेवार भूमंडलीकरण की हमें भूमण्डलीय कैलेण्डर मिले हैं
जिस पर एक साथ कराची, रियो और सिडनी की तारीखें समय अंकित हैं
 सुबह से क्या किया?

भागवतगीता के प्रथम अध्याय में अंधा धृतराष्ट्र पूछता हैहे संजय, मुझसे कहो वहां युध्द क्षेत्र में कौन कौन महारथी आए हैं?
 महाराज मैं यहां बिलगेट, वारेन बियेटी,
यासेर अराफात को एक संकरी पगडंडी पर संभल संभल कर चलते देख रहा
हूं। अर्जुन के कहने पर महाराज श्रीकृष्ण ने रथ को युध्द के बीचों बीच ले जाकर खडा कर दिया
 किस बात पर चर्चा हो रही है महाराज?
 
ओपनिंग सेसन में जैट लैग के नुकसान की चर्चा हुई
जैट लैग के कारण पांच सौ ऊंघते हुए श्रोताओं से एक वैज्ञानिक कह रहा था कि  इन जेट यात्राओं का सबसे बडा नुकसान होता है कि आदमी की धारणा शक्ति पांच सौ पतिशत कम हो जाती है
 
अच्छा ही है तब तो यहां होने वाली चर्चा परिचर्चा पर लोग ध्यान नहीं दे पायेंगे

 तुम और क्या देख रहे हो संजय! कौन सा नया महाभारत? मुझे बताओ,
मैं अंधा धृतराष्ट्र उस युध्दक्षेत्र में जाने के काबिल नहीं

 
और मैं देख रहा
हूं किसी ने बर्फ की एक विशालकाय कोकाकोला की बोतल निर्मित की है उस पर लाल चमकदार रंग की टोपी लगा दी है
मैं फिर पूछती
हूं, विली तुम सब कितने विदेशी वहां जमा हुए हो?
 विदेशी? प्रभा इस सब्द को भूल जाओ,
बहुनिगमिय कंपनी के लिये यह एक वर्जित शब्द है हम बार बार कहते हैं
सबसे कहते हैं और अपने आप से भी कहते हैं दुनियाभर से कहते हैं हम सब मनुष्य एक हैं हम जातिवाद को नहीं मानते वह आज नहीं तो कल एक उपभोक्ता, एक संभावित खरीदार है तुमको पता है प्रभा?
 क्या?
 
मेरी पत्नी

 कौनसी वाली पहली या दूसरी या तीसरी?
 
मजाक
छोडो। हां तो मैं रोजेट के बारे में कह रहा था जो कि सीएनएन में है, किसी ब्रॉडकास्ट में वह विदेशी शब्द का उच्चारण नहीं करतीयह शब्द ही हमारे लिये वर्जित है आई बी एम का एकमात्र उद्देश्य है जहां रहो वहां के होकर रहो बिलकुल स्थानीय
 
हां हां यह शब्द फॉरेन आजकल बडा फॉरेन लगता है
शायद विली वास्कोविच को मेरा मजाक समझ में नहीं आया, बडी संजीदगी से उसने कहा, मैं सुबह का इंतजार कर रहा हूं तुम्हारे यहां तो बस अभी अभी शाम ढली होगी
 तो डाबोस का संदेश क्या है?
ध्यान से सुनो भूमण्डलवाद के अनुसार यह दुनिया बस एक बाजार है,
फकत बाजार

लेकिन इसके बावजूद अखबारों में फोरम की रिर्पोट छपी थी 1999 की - यह दुनिया छोटी है, सुन्दर है और बडी चंचल अस्थिर, क्षणभंगुर, नाशवान धरती के किसी एक कोने में आग लगती है तो दूसरे कोने में रहने वालों का धुंआ से दम घुटने लगता है बारिश का पानी बाढ क़ा रूप ले लेता है किसी की प्यास नहीं बुझाता यदि बडनावल है तो महीनों जलता रहेगा इस पर रोटी नहीं सेंकी जा सकती अमेरिका के उपराष्ट्रपति अल गोर संबन्धित होने के इस अवबोध को विज़डम कहते हैं उन्होंने ही कहा था कि किसी भी अग्निदाह को नियंत्रित करने में अमेरिका समर्थ है लेकिन 1999 तक ग्यारह सितम्बर का अग्निकांड नहीं घटा था पर उस दिन अमेरीका महान अमेरीका कितना कमजोर लगा था हम सब तुम्हारे साथ हैं अमेरिका, अमीर और गरीब राष्ट्र दुख में सुख में हम अधिक से अधिक एक दूसरे की मदद करेंगे जॉन मेजर के साथ तीसरी दुनिया ने ताल ठोंकी थी

हां इसी तरह 1999 की आखिरी साम बीत गई शताब्दी खत्म होने पर ऐसा कोई नया अहसास नहीं हुआ बस हमलोगों ने ठूंस ठूंसकर खाया खूब वाइन पी और देर रात गये दोस्तों के साथ पुरानी दुनिया के सपने देखते रहे दूसरे ही दिन नये साल की शुभकामना के लिये मैं ने ही विली वास्कोविच को फोन किया बेचारे ने तुरंत कहातुम फोन के पास रहो, मैं दस मिनट में वापस फोन कर रहा हूं। मजेदार खबर है मन किया कि विली से कहूं इस कृष्ण अर्जुन संवाद के संदर्भ सच को कहूं पर चुप लगा गई थोडी देर बाद विली वापस फोन पर था  मीटिंग अच्छी ही रही हमने सुबह स्कीईंग की

इस मीटिंग में जरूर एक कोने से मन में आवाज उठी होगी - होली मुबारक अपनी स्पष्ट अंग्रेजी में बोला होगाहमने लगी हुई आग तो बुझा दी है पर हमें मालूम नहीं कि फिर से घर कैसे बनाया जाये कोफी अन्नान ने कहा होगाइस धरती की एक चौथाई जनसंख्या अब भी भूखी है और उनके किसी साथ ने स्वर मिलाया होगाशतियुध्द के बाद एक चौथाई जनसंख्या पहले से ज्यादा गरीब है यानी दुनिया में गरीबी बढी है
 क्यों अब बर्लिन की दीवारें टूट गयीं, सोवियत संघ का विघटन हो गया तो इस नये शीतयुध्द की जरूरत? अमेरिका को खुद अपने आप से ही डर लगता है?
नेल्सन मंडेला ने नई दुनिया के द्वारपालों से पूछा होगाक्या बूमन्डलवाद केवल शक्तिशाली राष्ट्रों का स्वार्थ पूरा करेगा? गरीबी से उत्पीडित स्त्री बच्चों को आप कौनसा भविष्य देंगे?
दुनिया के मंच पर आपस में कानाफूसी हो रही है
सभी चिंतित हैं हालांकि भूमण्डलीय आदमी भी केवल रोटी के लिये जिन्दा नहीं रह सकता कोई तो वैश्विक सार्विक मूल्य उसे चाहिये ये मूल्य डालरों और पाउण्डों पर नहीं लिखे जा सकते ये मूल्य हवाई उडानों की सस्ती मंहगी टिकटों पर नत्थी नहीं किये जा सकते और यह भूमण्डलीय चहल पहल, आपाधापी किसी एकल मानवीय मूल्य को संस्थापित करने में असमर्थ है मगर क्यों? आखिर क्यों अपनी अपनी पहचान के साथ भी हम एक दूसरे से जुड नहीं सकते?

यह सवाल मेरे कानों में भी फुसफुसाता रहा है दुनिया के जिस कोने में मैं गई हूं और जिससे भी मैं मिली हूं। हर स्त्री हर पुरुष के पांच ज्ञानेन्द्रिय पांच कर्मेन्द्रिय तो है, वह एक दिन जन्म लेता है और फिर एक दिन मर जाता है दुनिया इन्हीं से बनी है पूरी की पूरी समग्र दुनिया, तब फिर यह समूचापन, समूची दुनिया अमूर्त कैसे हुई? क्या आलोचनात्मक रूप से किसी समग्र को स्थापित नहीं किया जा सकता जो कि इस धरती की समग्र शक्ति के समरूपता के साथ धडक़ता हो सांस लेता हो कहते हैं कि किसी वैज्ञानिक ने एक विशालकाय कंप्यूटर का निर्माण किया है जिसे वह मिलेनियम की घडी क़हता है - और प्रत्येक एक हजार साल बाद यह घडी बजेगी और दुनिया को हजार साल बीतने की सूचना देगी यह घडी हमें जिन्दगी की धीमी गति की याद दिलायेगी हमें समझायेगी कि हम कितना भी तेज दौडें पर समय की अपनी गति है समय इतनी जल्दी नहीं बदलता समय को बदलने में हजार साल लगते हैं कि हमें उस आने वाली पीढी क़ी प्रतीक्षा करनी होगी जो न केवल उच्च तकनीक की चर्चा करेगी बल्कि जिन्दा रहने की तदबीर की भी चेष्टा करेगी सशक्त तकनीक में केवल वह चीज होती है, जबकि तदबीर से हम स्वयं होते हैं

विली का दूसरे दिन वापस फोन फिर नहीं आया अंधे धृतराष्ट्र को महाभारत के चुनिंदा दृश्य बताकर उसने अपना फर्ज अदा कर दिया जो नहीं कहा वह भी समझ में आ गया समझ में आया कि दुनिया केवल वस्तु और डाटा का ही आयात -
निर्यात नहीं कर रही बल्कि बहुत बडी संख्या में मनुष्य का भी आयात - निर्यात हो रहा ही
और उन आदमियों से कहा जा रहा है भूमंडलीय मंच पर अपने भूमण्डलीय मानस की पर्तें उधेडाे मानस की पर्तें उधेडते हुए हम कह नहीं पाते कि इन सारे
सार्वजनिक संयुक्त उद्यम को एन्रॉन कंपनी के पीछे व्यक्तिगत साझापरस्ती का सिलसिला है
लाभ हानि का लेन देन है और कभी कभी बिना कहे भी ये बहुत कुछ कहते हैं खाली हमारे देश में भ्रष्टाचार नहीं अमेरिका में भी भ्रष्टाचार है मिलियन - बिलियन डॉलर की दवा कंपनियां केवल महंगी दवाओं को इजाद करती हैं गरीब के लिये अब भी उसका अल्लाह है, राम, यीशू, यहोबा है बस कोई है कहीं बैठा है किसी के लिये कुछ करता हुआ तुम उसे चाहे जिस नाम से पुकारो और फिर शरणार्थियों का जत्था है झंझरी होती हुई भूगोल की सीमाएं हैं और शायद इसी कारन यहां और वहां का विभाजन, व्यक्तिगत और सार्वजनिक भेद रेखाएं टूट रही हैं, मिट रही हैं कभी खुद ब खुद टूटती हैं तो कभी संगीन की नोक पर मिटाई जा रही है कभी खुले बाजार के लिये तो कभी नये स्पेस की सुविधा के लिये नई रेखाएं बन भी रही हैं तो एक इसी भूमण्डल पर न जाने कितने सद्दाम और कितने बिन लादेन जन्म ले रहे हैं और विडम्बना तो यह है केवल एक क्षण में दुनिया दो विरोधी देशों में गतिशील है, ( राष्ट्र छोटे राज्यों में टूट रहे हैं और बहुराष्ट्रीय निगम कंपनियां अधिक से अधिक महाद्वीपों की सवारी गांठ रही हैं) यह मेरी जिन्दगी का सच भी हो गया है टेलीफोन पर मैं विली वास्कोविच(नीदरलैण्ड), जूडी रोथवेल(लन्दन) गीता गुप्ता( मान्ट्रियल) से घण्टों बतियाती हूं। क्योंकि दूरगामी संचार बडा सस्ता हो गया है उनके पास छुट्टियां बिताती हूं, वे क्रिसमस, दिवाली बिताने कलकत्ता आते हैं पर अपने पडाेसियों से अपने शहर में मेरा संपर्क मेरा संवाद निरंतर कम होता जारहा है

'दुनिया बहुत पास आ गई है और पडौसी दूर। कल्याणी कहा करती है। नहीं कहीं कोई विभाजन स्थायी नहीं। बाहर का आकाश मेरे कमरे का आकाश एक ही तो है। घट के भीतर घट के बाहर का आकाश एक ही तो है। हिन्दू दर्शन में किसने कहा था याद नहीं आता ब्रह्म और जीव दोनों का आकाश एक है। ओह अब याद आया अद्वैतवादियों के अनुसार, ब्रह्म: सत्यम् जगत: मिथ्याम् यानी सबकुछ माया है। भेदक रेखा कुछ भी नहीं बस एक माया है। माया महाठगिनी हमजानी। बेचारे कबीर दास।
गुरुराजगोपालाचारी भूगोल की रेखाओं को नहीं स्वीकारते। बहुतेरे लोग नहीं मानते पर नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को डाबोस वाली मीटींग के प्रसंग में शायद ज्यूरिख एयरपोर्ट पर डेढ घंटा रुकना पडा था। उनके भारतीय पासपोर्ट पर स्विस वीसा था। मुहर जो नहीं लगा था।

एक बार लन्दन से लौटते हुए प्लेन में मेरे पास एक बडा व्यापारी बैठा था खुले बाजार और यूरो डॉलर पर अच्छी खासी बातचीत हो रही थी परिवर्तन के उमडते हुए इस महासागर में कपिल मुनि का सागर मेला लगा हुआ था बालू पर नंगे पांव चलते हुए कदमों के बनते मिटते निशान, न जाने कितने अनाम चरण चिन्ह, या फिर एक बडा प्राचीन बौध्दविहार, उसकी घिसी हुइ पथरीली सीढियों पर अंकित कोई चरणचिन्ह आज भी तो बरकरार है! शताब्दियों से लोग वहां जाते हैं और  बुध्दम शरणम् गच्छामि की प्रार्थना दोहराते हैं कहां कुछ भी तो नहीं बदला एमरसन ने कहा था, हम तो केवल इस वैश्विक आत्मा के गुण हैं इसकी अभिव्यक्ति ओह मैं भी बात कहां से कहां ले जा रही हूं। बीजेपी से हाथ मिलाने के, हिन्दुत्ववादियों से हाथ मिलाने का मेरा कोई इरादा नहीं, मगर नास्तिक भी नहीं हूं फिर क्या हूं, निरंतर संकुचित होती दुनिया मुझे अहसास दिलाती हैकि हम सबमें कुछ है जो एक है हम उस समूचेपन में हैं हम ऐसी जगह पर हैं जहां भूगोल की सीमा लागू नहीं होती

मुझे याद आता है कि प्लेन में एक बार एक सहयात्री ने अपना विजिटिंग कार्ड दिया था, उसके पीछे लिखा था, मैं कुछ नहीं खरीदता, न कुछ बेचता मेरे पास पैसा नहीं है मैं व्यापार नहीं करता मैं इनमें से कुछ भी नहीं करना चाहता और मेरे मुंह से अनायास ही निकला था  बडा तकदीर वाला आदमी है विली वास्कोविच जैसे लोगों का कहना है हम जिसे भूमंदलीय रकता का नाम देते हैं वह और कुछ नहीं बस साझे का बाजार है सूचनाओं का जंजाल है, डॉलर की खरीद बेच, उतार चढाव है ऐसी बहुतेरी सुविधाएं हैं भोग और ऐशोआराम हैं जो हमारे पूर्वजों को नसीब नहीं था मगर अब कोई केन्द्र नहीं क्योंकि हर परिधि अपने आप में केन्द हो चुकी है

क्रमश: इसके शेष भाग का परिवर्धन शीघ्र ही किया जायेगा

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