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पीला लडका

रात का गहन अंधेरा था रामू शहर से घर लौट रहा था । रामू खेतों से होकर घर लौट रहा था । आसमान में घने बादल रात के कालेपन को काफी भयंकर कर चुके थे । रामू काफी तेजी से कदम बढा रहा था , यकायक बारिश होने लगी और बादल गरजने लगे । रामू तेज गति से दौडने लगा , कुछ ही दूरी पर एक झोंपडी दिखायी दी , जहाँ उसे चार लोग बैठे दिखायी दिये , झोंपडी सामने दूर थी , वो तेजी से दौडने लगा । यकायक तेजी से बिजली चमकी और उसके पास से होती हुई निकल गयी । रामू काफी डर गया उसने अपनी स्पीड काफी तेज कर दी वो चारों लोग इस चीज को देख रहे थे।

उनमें से एक आदमी ने कहा '' देखो इस काली भयानक रात में यह लडका क्या कर रहा था ।''

दूसरे ने कहा '' मुझे लगता है इस पर बारिश के देवता इन्द्र कुपित हैं और उन्होंने अपने वज्र रुपी बिजली से मारने की कोशिश की ।''

'' अरे ये तो कोई जादूगर हो सकता है , पास के शान में सिध्दि करके लौट रहा हो '' तीसरे आदमी ने कहा ।

चौथे ने कहा '' तभी तो बिजली इसका कुछ नहीं बिगाड सकी ''

उन्होंने उसे आता देख कर दरवाजा बन्द कर दिया । रामू झोंपडी के पास पहँचा और कहा

''मुझे अन्दर आने दिजीए, बाहर काफी तेज बारिश हो रही ।''

'' चले जाओ यहाँ से '' एक आदमी ने कहा ।

'' देखिये , बारिश बंद हो जायेगी तो मैं चला जाउंगा ''

'' तुम एक जादूगर हो , हम जानतें है तुम्हें , हम बडी आसानी से पहचान सकतें हैं तुम्हें ।''

रामू ने जब यह सुना तो समझ नहीं पाया कि क्या कहा जा रहा है ।

''चले जाओ यहां से '' चारों एक साथ बोले ।

रामू तेज दौडा , उसका दिमाग पूरी तरह से खाली हो गया काफी देर के बाद वो घर पहूंचा ।

उसे ठंड लग रही थी ।

वो चारों लोग उस गांव गये और बातें करनी शुरू कर दी ।

'' अरे ये लडका जादूगर नहीं हो सकता है , मैं जानता हूँ इसे '' उस लडके के मित्र ने कहा ।

 

दूसरे ने कहा '' अरे तुम नहीं जानते , कुछ जादूगर दिखते बहुत सामान्य हैं पर होते बहुत ही खतरनाक हैं '' एक बढे आदमी ने बडे सयानेपन के साथ अपनी दाढी खुजाते हुए कहा ।

 

'' ये तो उन लोगों में से है जो हवा में हाथ घुमाता है और इंसानों को गायब कर देता है , भूत-प्रेतों के साथ इसकी दोस्ती है । एक बीडी फुंकते हुए आदमी ने ठहाका लगाते हुए कहा।

'' हां शायद तुम सही कह रहे हो , मेरे ख्याल से हो सकता है वो बचपन से ही ऐसा ही हो । बुढे आदमी ने फिर कहा । 

लोग कई तरह की बातें कर रहे थें । कल तक जो लडका उनके लिए सभ्य,धार्मिक और संस्कारित लडका था आज उन्हें एक खतरनाक आदमी के रुप में लग रहा था । अजीब सी इंसानी फितरत है , बरसों साथ रहने , जानने के बावजूद बगैर तर्कों के सब कुछ स्वीकार कर लिया जाता है ।

इंसानियत यकीनन लोगों के अंदर मर चुकी है वो अपने स्वार्थों के लिए इंसानियत को पैदा करतें है और हंसी में उडा देते है ।

उस लडके को कुछ दिन तक इसका पता नहीं लगा और जब उसने लोगों की बातें सुनी तो धीरे-धीरे वो पागलपन के क्रगार पर पहूंचने लगा । एक अजीब सा पागलपन , बेवजह वो इंसानो से डरने लगा , इंसानी बातों में उसे दैत्याकार धुआं दिखायी देता था । उसे इंसानी व्यवहार ही समझ में नहीं आ रहा था और लोग हर चीज को झूठी साबित करने की कोशिश में जुटे थे और वो असभ्य गांव के लोग जीवन के आधार पर प्रहार कर रहे थे । शायद इसकी एक और वजह थी कि वो गांव भूत प्रेतों से बुरी तरह से प्रभावित था , इसलिए वो लोग सच और झूठ के बीच फेसला नहीं कर पाते थे । रामू के दिमाग में ये बातें घुम रहीं थी ।

पर ये इंसानी फितरत में होता है लोगों को आलोचना करना पसंद होती है कुछ लोग आलोचना करने के लिए झूठ भी पैदा करने को तैयार रहतें हैं । लोगों को मजाक करना पसंद होता है उस दशा में जब उन्हें लगता है कि सामने वाला उनके खिलाफ कुछ भी नहीं करेगा । ये लोग हर एक महानता की आलोचना करतें हैं राम, कृष्ण , जीजस जैसे पूजनीय लोगों की भी आलोचना कि जाती है हंसी भी उडायी जाती है ।

फिर एक दिन गांव में किसी के यहां भेड मर जाती है तो उस आदमी को लगता है कि उस लडके पर बात डाल दो , पहले ही उस लडके के खिलाफ नेगेटिव फैक्टर है और वो लडका किसी से कुछ कहता नहीं इसीलिए लोग मेरी ही बात मानेंगें ।

'' मेरी भेड तो इसी लडके ने मारी होगी और भेड की आत्मा का इस्तेमाल अपनी ताकत बढाने में किया होगा '' तारु नाम के उस आदमी ने अपना सर खुजाते हुए कहा ।

'' हाँ, हाँ शायद तुम सही कह रहे हो , यही एकमात्र लडका हो सकता है , पूरे गांव में ताकत का भूखा एकमात्र यही आदमी
है । पास बैठे नौजवान ने हंसते हुए कहा ।

'' हाँ , लेकिन सफेद तरीके से वैसे ही उतनी ताकत हासिल कर सकता है , उसे काले जादू की क्या जरुरत पडेगी '' एक लडके ने पूछा ।

'' अरे तुम नहीं जानते काले जादू में सफेद जादू की अपेक्षा ज्यादा ताकत मिलती है और मेहनत भी कम करनी पडती है ।''  हंसते हुए दूसरे आदमी ने कहा ।

सब लोग एक साथ ठहाके लगाने लगे ।

एक अजीब सा वक्त था , उस लडके के भविष्य और अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया । एक के बाद एक झूठ पैदा किया जा रहा था । असल बात तो ठीक उल्टी थी वो लडका एक धार्मिक माहौल में पला बढा था , वो खुद ऐसी किसी भी चीज को स्वीकार नहीं करता था ।

इंसानी असभ्यता अपने उच्च स्तर पर थी , एसा लग रहा था मानो किसी किसी ने एक शांत झील के पानी में लाल रंग घोल दिया हो और वो धीरे धीरे उस झील का रंग ही बदलने की तैयारी कर रहा हो ।

भेड वाला आदमी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा था कि वो उस निर्दोष लडके से अपनी भेड निकलवा सके ।

तब वो लडका पास के गांव में एक संत के पास जाता है जो काफी पढे लिखे थे पर वैराग्य उत्पन्न होने से संत बन गये । संत उसे कहता है कि सब सही हो जायेगा भगवान पर भरोसा रखो ।

दूसरे दिन संत गांव में आता है और उन लोगों को समझाता है कि '' उस लडके के अंदर दुष्टात्मा थी जो उसके मंत्रों से बाहर निकल गयी है और वो भेड वाला आदमी बेवजह झूठ पैदा कर रहा है अब तुम सब उस लडके से सभ्य व्यवहार करो नहीं तो वो लडका पूरी तरह से पागल हो जायेगा । गांव के लोगों को अपनी गलती का अहसास होता है और वो फिर से उस लडके के प्रति बेहतर सम्मान प्रकट करते है ।

अनिल कुमार खंडेलवाल
अप्रेल 30,2008
 

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