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लघुकथा राजनीति विज्ञान के शिक्षक ने जनतंत्र की परिभाषा तथा विशेषताएँ बताने के बाद भारत को विश्व का सबसे बड़ा जनतंत्र बताया तो एक छात्र से रहा नहीं गया. उसने अपनी असहमति दर्ज करते हुए कहा- ' गुरु जी! भारत में जनतंत्र नहीं स्वजन तंत्र है.' ' किताब में एसे किसी तंत्र का नाम नहीं है.' - गुरु जी बोले. ' कैसे
होगा? यह हमारी अपनी खोज
है और भारत में की
गयी खोज को किताबों में इतनी
जल्दी जगह मिल ही नहीं सकती. यह हमारे शिक्षा के पाठ्य
क्रम में भी नहीं है
लेकिन हमारी ज़िन्दगी के पाठ्य क्रम का पहला अध्याय यही है
जिसे पढ़े बिना आगे का
कोई पाठ नहीं पढ़ा जा सकता.'
छात्र ने
कहा. संजीव वर्मा |
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