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जनता के नेता

अभिनेता सहित नेता अपने क्षेत्र में आये
अपने सहयोगी उर्फ चमचे साथ में लाये
नेता जी का भाषण देने का विचार था
और उनकी इच्छा के आगे‚ हर कोई लाचार था
तब नेता जी ने माइक सम्भाला
जेब से परचा निकाला
अपने अधर खोले
और जोर से बोले
भाइयों और बहनों
हमें इस क्षेत्र में विकास लाना है
और आप सबका खून बहाना है
गदंगी यहां से हटाना है
और गरीबों की बस्ती जलाना है
सभी धर्मों को मिलाना है
और भाई भाई को लड़ाना है
तभी एक नादान देशभक्त
दौड़ा हुआ स्टेज तक आया
नेता के कान में फुसफुसाया
ये नये सिद्धांत कब से निकाले?
क्या पुराने उसूल बदल डाले ?
नेता जी बोले
हमने अपने उसूलों को नहीं बदला है
ये तो हमारा सैक्रेट्ररी पगला है
उसे दो परचे लिखने थे
एक यहाँ लाना था
दूसरा विदेश जाना था
लगता है मेरे ईमान के साथ
उसने विदेशियों के हाथ
अपना दिमाग भी बेच दिया है
तभी मुझे गलत परचा लिखकर
यहाँ भेज दिया है
पर तभी नेता जी ने सामने देखा
मुख पर दौड़ी हर्षित रेखा
क्योंकि नेता जिनको भाषण सुना रहे थे
उनमें कुछ सो रहे थे
बाकी उघाँ रहे थे ...

– सालिम हुसैन



 

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