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(मदर्स डे पर विशेष) एक दिन औरत का दिन होगा एक दिन औरत का दिन होगा एक दिन वह खिलाएगी दूध से सनी रोटियां दुनिया के सारे बच्चों को एक दिन होंगी उसकी छातियां प्रेम की नदी से भरपूर वह चलना सिखायेगी दुनिया की सारी सभ्यताओं को वह हंसेगी कि उसकी हंसी में होगी सिर्फ हंसी और कुछ नहीं होगा गीत फूटेंगे होंठों से लोरियां बनकर वह स्थगित कर देगी सारे युद्ध‚ सारे धर्म वह एतबार का पाठ पढ़ाएगी एक दिन औरत का दिन होगा जब हम जान नहीं पाएंगे उसका सुख क्योंकि हम कभी जान नहीं पाए दु:ख उसका…। |
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