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हाइकू

मन में छाया
ब्यार बासंती
प्र्रिये के संग।
दिल हमारा
निस्वार्थ प्रतीक
हमेशा रहे।
प्रेम गीत का
मौसम बहार का
साथ तुम हो।
ईश्वर सा
मंत्री व संतरी
राजतंत्र है!
जहाँ मे देखा
असुरक्षित जन
दिवस –रात
जर्जर तन
आँसू चीत्कार साया
कैसा जीवन?

–रंजना सोनी 


 

ग़जल

दिलबर मैं दीवाना तू ।
जीने का है बहाना तू ।
आ मेरी पलकों में बस जा ।
छोड़ ये आना जाना तू ।
मदहोशी का आलम हमदम
साकी तू पैमाना तू ।
आखों का काजल बह जाये
इतना भी ना सताना तू ।
जब दूरी पीछा ना छोड़े
ख्वाब में गले लगाना तू ।
"अश्क" भी उन राहों से मुड़ कर
जिनसे है बेगाना तू ।

— हरदेव सोढ़ी ' अश्क़'


 

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