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बदला समय बदल गया है कलैन्डर, लो भाई आ गया है नये साल का उत्साह सबके अन्दर। लेकर नये संकल्प और संदेश, आओ करे हम नये वर्ष न हो अब कोई बच्चा भूखा, चाहे पड़े दु:खा या सूखा। स्वप्न यह हमने है देखा, सबके हाथों में हो लक्ष्मी की रेखा। भटकों को मिले किनारा जीवन का ये मंत्र तुम भी अपनाना, अपने संग एक गरीब को आगे बढ़ाना। असहाय को सहारा फैले चारों ओर भाईचारा, देखो रह न जाये फिर कोई दु:खियारा, बेचारा। नव ये पावन उद्देश्य आओ फैलाये हम चारो ओर मानवता का संदेश, मिटा कर आपस के सारे क्लेश। अमित कुमार सिंह
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ये तुम्हारी सुबह है
प्रदीप मिश्र |
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