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मोक्ष का रहस्य पुछा मैंने एक दिन एक दिव्य आत्मा से, क्या है जीवन-मरण,
मोक्ष
का
रहस्य
तो
बतलाओ। दिन बीतता है और, जैसे रात भी कट जाती है, ठीक वैसे ही तो, मृत्यु के बाद, जिन्दगी भी खत्म हो जाती है, कहां है, कौन है हमारी आत्मा,
इसका
जरा
पहेली
तो
सुलझाओ। देखा है मैंने भी असंख्य, बेजान बेधर्म आत्माओं को, क्या आत्मा भी पाखंड है,
इसकी
वैधता
का
कारण
तो
बतलाओ। ना जाने कितनी बार, इस निज आत्मा का, बेरहमी से कत्ल किया मैंने, हर बार इसके पुर्नजीवित होने का बंधु कोई कारण तो बतलाओ।
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