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दुआ अल्लाह तेरा शुक्र तूने मुझे इंसानी जिंदगी दी दी हिदायत और मुसलमान बनाया नहीं भूलूंगा तेरा एहसान पंचवक्ता नमाजी बनाया और मौका दिया यह नमाज अता करने का माफ करना मेरे खुदा, और नहीं मागूंगा तुझसे कुछ भले ही भूखा रहूं, ठोकरें खाउं चाहे झोक देना दोजख में दुनिया में जैसा करूंगा, वैसा भरूंगा बनाया हुआ है तेरा ही नियम इसी को मानूंगा आमीन...। - तसलीम अहमद |
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