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किसे मां कहते हैं 

पहले कुछ और थी, अब बात थोडी और सी है,
आओ नए रूप में बोले किसे मां कहते हैं 

इधर फाईल, उधर बच्चों का रखे पूरा ख्याल
यूं जिम्मेदारी उठाए, उसे मां कहते हैं 

हो जरूरत तो बन जाए पिता मां भी,
बहन, बिटिया  भी जाए बन, उसे मां कहते हैं

स्कूल बस लेट हो दस मिनट तो दस युगों से कटें
इतनी चिंता भरा हो मन, उसे मां कहते हैं

दिखी आते बच्चों पर गर मुसीबत की घटा
भिड पडे चाहे हो दुनिया दुश्मन, उसे मां कहते हैं 

पहले कुछ और थी, अब बात थोडी और सी है,
पर उसकी कब कम हुई ममता जिसे मां कहते हैं.

-राईना दुबे

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