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अपने
-
अपने
दायित्व
सब अपने
-
अपने दायित्व
निभाने पर तुले हैं,
'क' ने जान से
मारने का दायित्व अपने कंधों पर ले रखा है,
'ख' भी कहां
पीछे हट रहा है अपनी जिम्मेदारी से,
उसमें सारी
दुनिया को लूट लेने की प्रतिभा है,
धरती आसमान एक
कर देगा अपेक्षित परिणाम पाने में
,
'क' अपनी तरह से
जानता है दुनिया के सत्य को,
जो धरती पर
आया है उसे एक न एक दिन जाना होगा,
और
जब तक जीवित है,व्यर्थ ही कष्ट उठाना होगा,
क्यों न आज ही
दुखों से मुक्त कर दिया जाए।
'ख' भी जगत का
शाश्वत सत्य पहिचानता है,
कोई भी आज तक
ले जा सका है ,
दुनिया में
जोड़ी हुई संपत्ति,
इसलिए आज ही
उसे भगवान के निकट जाने लायक बना दो
,
लगता
है दोनों ही समर्पित प्रभु भक्त हैं,
मोक्ष दिलाने
के लिए कितने प्रतिबध्द
आओ
इन्हें प्रणाम करें । -डा. हरि जोशी
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