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हामिला

अलसाई आँखों से
बरगद की
छाँव में
आई एक गिलहरी..
मकई का एक दाना
चुभला कर
चार दाने मकई के सिरहाने रख
आँखें मूंदी..
पतझर की अजोरिया रात
में बरगद झलता रहा अपनी सासें
गिलहरी सोती रही ..
दूसरे दिन
सवेरे गिलहरी के सिरहाने से
चार मकई के दाने गायब थे
हामिला, बरगद की खोखल में घोंसला तैयार कर रही थी ...


 -गार्गी
5 जनवरी 2015

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