मुखपृष्ठ  |  कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | फीचर | बच्चों की दुनिया भक्ति-काल धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |  संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन स्वास्थ्य | साहित्य कोष |

 

 Home | Boloji | Kabir | Writers | Contribute | Search | FeedbackContact | Share this Page!


 

नादान सी बच्ची

mishuglass.jpg (12715 bytes)

मेरे अन्दर
एक नादान सी
बच्ची है ।
ये नादान सी बच्ची
ख्वाबों के
मेले से जब
गुज़रती है
हर हसीन
ख्वाब औ ख्वाहिश के
खिलौने को
पाने के लिये
मचलती है ।
मेरे अन्दर की वही बच्ची
हक़ीक़त की
पथरीली
राहों से जब
गुज़रती है
देखकर सच के
डरावने चेहरे
अपनी आंखें
मूंद लेती है ।
मेरे अन्दर
ये कैसी
नादान सी
बच्ची है
जो ख्वाब को सच
और सच को ख्वाब
समझती है ?

– मिनाक्षी झा

मन कहता है  

मन कहता है मैं मुक्त कंठ से गाऊं
जग को मन का सच्चा राग सुनाऊं
सत्य असत्य का द्वंद्व छिड़ा है
निश दिन अंतर में दुविधा है
प्रश्न कई उठते हैं
उत्तर एक नहीं दे पाऊं ।
मन कहता है मैं मुक्त कंठ से गाऊं
अन्तरों में जिसके प्रीत बोल हों
लय में जिसके विश्वास के स्वर हों
कुछ ऐसे अनूठे अनुपम
गीत मैं रच जाऊं ।
मन कहता है मैं मुक्त कंठ से गाऊं
राग मेरा भले जग से निराला
सुना के जिसे हो मेरा मन मतावाला
क्यूं फिर उन गीतों को
मैं छुप छुप के गाऊं ।
मन कहता है मैं मुक्त कंठ से गाऊं
दुनियादारी सब लगे है झूठी
बिन चाहत की मुस्कान भीकी
चल दूं कोई सफर अकेले
अपनी मनमानी कर जाऊं ।
मन कहता है मैं मुक्त कंठ से गाऊं

– मिनाक्षी झा
 

ख्यालों के रेले

ये दुनिया है एक ख्वाबों का मेला
जो दिखता है सब है खयालों का रेला
खयालों के रेले . . . . . .
आते हैं जाते हैं
आकर के मुझको उड़ा ले जाते हैं
यहां से वहां, वहां से यहां
घुमाते हैं मुझको सारा जहां
हंसाते हैं रूलाते हैं
ख्वाबों के मुझको झूले झुलाते हैं
नीचे से ऊपर, ऊपर से नीचे
इस पल ज़मीं तो उस पल आसमां
डुबाते हैं बहाते हैं
जज़्बों की लहरों पे गोते खिलाते हैं
कभी सुख का सागर
कभी दुख का दरिया
लहर कौन सी हो
ये मेरे बस में कहां
बहलाते हैं खेलाते हैं
कठपुतली की मानिंद
मुझको नचाते हैं
मैं ही तमाशा
तमाशाई भी मैं ही
लगती है दुनिया खेल का कोई मैदां
जो दिखता है
सब है खयालों का रेला
ये दुनिया है एक ख्वाबों का मेला ।

– मिनाक्षी झा

Hindinest is a website for creative minds, who prefer to express their views to Hindi speaking masses of India.

 

 

मुखपृष्ठ  |  कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | बच्चों की दुनियाभक्ति-काल डायरी | धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |  संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन साहित्य कोष |
 

(c) HindiNest.com 1999-2021 All Rights Reserved.
Privacy Policy | Disclaimer
Contact : hindinest@gmail.com