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दीपावली की शुभकामना

जीवन पथ में चलते–चलते. परिजन प्रियजन का प्यार लिये ।
सुख दुख की आँख–मिचौली में. आँगन में सदा बहार लिये ।
हम रहे व्यस्त इतना लेकिन. जब चाहा तुम्हें पुकार लिये ।
मेरे मन में यूँ ही रहना. नयनों में सदा दुलार लिये ।
दीपों का पर्व तुम्हें शुभ हो. घर आंगन खुशियाँ ले आये।
दुख के अँधियारे दूर भागें. विपदायें सारी ले जायें ।
नभ से ऊंची हो ख्याति सदा. तुम सबके प्यारे रहो सदा ।
मान और सम्मान बढें. तुम स्नेह सलिल में बहो सदा।
जो चाहो सब कुछ मिल जाये. आदर्श बनो तुम जीवन में ।
अनुकरण तुम्हारा सभी करें. तुम सदा रहो सबके मन में ।
मेरी खुशियाँ भी तुम्हें मिलें. उज्जवल हो आने वाला कल ।
स्वर्णिम गाथा तुम बन जाओ. मन. वचन. कर्म से रहो "विमल"

– सुरेश चन्द्र विमल
 

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