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जन्म - 4 अक्टूबर 1946 को विभाजन पूर्व लाहौर में जन्म ।
शिक्षा-
कलकत्ता
विश्वविद्यालय से
1967
में एम.ए.,
बी.ए.ऑनर्स
प्रकाशित कृतियां
-
बगैर तराशे हुए
(1967),
युध्दविराम
(1977),
महानगर की मैथिली
(1987),
काला शुक्रवार
(2003),
कांसे का गिलास(2004),
मेरी तेरह कहानियां
(2005)
रहोगी तुम वही
(2007)
सभी कहानी संग्रह
संपादन
- 1965-67
तक कलकत्ता विश्वविद्यालय की पत्रिका
'
प्रक्रिया'
का संपादन
, 1977-78
में कमलेश्वर संपादित कथायात्रा से सम्बध्द । सम्मान - युध्दविराम उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा 1978 में विशेष पुरस्कार से सम्मानित अनुवाद - कहानियां लगभग सभी भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेजी , फ्रेंच, पोलिश,इतालवी , चेक और जापानी भाषाओं में अनूदित। डॉ। दागमार मारकोवा द्वारा चेक , डॉ। कोकी नागा द्वारा जापानी, हेन्ज़ वेस्लर द्वारा जर्मन तथा अलस्सांद्रे द्वारा इतालवी भाशा में कुछ कहानियों के अनुवाद । लंदन के एक्सपेरिमेंटल थिएटर द्वारा ' रहोगी तुम वही ' का स्टीट प्ले प्रस्तुत स्तंभ लेखन - 'आम आदमी : ज़िदा सवाल' -- 1977-'78 में पाक्षिक ' सारिका ' में । 'वामा' 1996-97 में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर एक वर्ष दैनिक अखबार 'जनसत्ता' में साप्ताहिक कॉलम चर्चित । 'औरत की दुनिया' स्तंभ सन् 2004 से 'कथादेश' मासिक में । अन्य - कई कहानियों पर दूरदर्शन द्वारा लघु फिल्में निर्मित । रेडियो नाटक, टी वी धारावाहिक तथा फिल्म पटकथाओं का लेखन। 'बवंडर' फिल्म की पटकथा का लेखन । 1993 से महिला संगठनों और महिला सलाहकार केंद्रों के सामाजिक कार्यों से जुड़ाव। कई कार्यशालाओं में भागीदारी। मुंबई में भारतीय भाषाओं के पुस्तक केंद्र ' वसुंधरा ' से सम्बध्द। email – sudhaarora@gmail।com
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8 मार्च : महिला दिवस : प्रासंगिकता के सौ वर्ष
कहानी |