तेजेन्द्र शर्मा

जन्म और बचपन
21 अक्टूबर, 1952 को पंजाब के शहर जगराँव के रेलवे क्वार्टरों में। पिता वहाँ के सहायक स्टेशन मास्टर थे। उचाना, रोहतक (अब हरियाणा में) व मौड़ मंडी में बचपन के कुछ वर्ष बिता कर 1960 में पिता का तबादला उन्हें दिल्ली ले आया। पंजाबी भाषी तेजेन्द्र शर्मा की स्कूली पढ़ाई दिल्ली के अंधा
मुग़ल क्षेत्र के सरकारी स्कूल में हुई। 

शिक्षा : दिल्ली विश्विद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) अँग्रेज़ी एवं एम.ए. अँग्रेज़ी, कम्प्यूटर कार्य में डिप्लोमा 

संप्रति : लंदन के ओवरग्राउण्ड रेल्वे में कार्यरत।

प्रकाशित कृतियाँ : कहानी संग्रहः
काला सागर (1990), ढिबरी टाईट (1994 - पुरस्कृत), देह की कीमत (1999), ये क्या हो गया? (2003)
, बेघर आंखें (2007)

कविता एवं ग़ज़ल संग्रह
ये घर तुम्हारा है... (2007)
भारत
एवं इंग्लैंड की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ, लेख, समीक्षाएँ एवं ग़ज़लें प्रकाशित।
अँग्रेज़ी में:
1. Black & White – the Biography of a Banker (2007), 2. John Keats - TheTwo Hyperions (1978) 3.
Lord Byron - Don Juan (1977)


अन्य लेखन:
दूरदर्शन के लिए "शांति" सीरियल का लेखन। 

गतिविधियाँ: अन्नु कपूर द्वारा निर्देशित फिल्म "अभय" में नाना पाटेकर के साथ अभिनय
बी.बी.सी. लन्दन, ऑल इंडिया रेडियो व दूरदर्शन के कार्यक्रमों की प्रस्तुति, नाटकों में भाग एवं समाचार वाचन।
ऑल इंडिया रेडियो व
सनराईज़ रेडियो लन्दन से बहुत सी कहानियों का प्रसारण। 

सम्पादनः पुरवाई - इंग्लैंड से प्रकाशित होने वाली पत्रिका का दो वर्ष तक सम्पादन।

पुरस्कार / सम्मान:

1.ढिबरी टाइट के लिये महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार - 1995 प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों।

2.सहयोग फ़ाउंडेशन का युवा साहित्यकार पुरस्कार - 1998

3.सुपथगा सम्मान -1987

4.कृति यू.के. द्वारा वर्ष 2002 के लिये "बेघर आँखें" को सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार

5.प्रथम संकल्प साहित्य सम्मान दिल्ली (2007)

6.तितली बाल पत्रिका का साहित्य सम्मान बरेली (2007) 

विशेष: वर्ष 1995 "इंदु शर्मा कथा सम्मान" की स्थापना। अब यह कार्यक्रम प्रति वर्ष लन्दन के हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में आयोजित किया जाता है।  

वर्ष 2000 से ही इंग्लैंड में रह कर हिन्दी साहित्य रचने वाले साहित्यकारों को सम्मानित करने हेतु "पद्मानंद साहित्य सम्मान" की शुरुआत की गई। 

कथा यू.के. के माध्यम से लन्दन में निरंतर कथा गोष्ठियों, कार्यशालाओं एवं साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन। लन्दन में कहानी मंचन की शुरुआत "वापसी" से की। लन्दन एवं बेजिंगस्टोक में अहिंदी भाषी कलाकारों को लेकर हिन्दी नाटक "हनीमून" का सफल निर्देशन एवं मंचन। 

यॉर्क विश्विद्यालय में कहानी कार्यशाला करने वाले ब्रिटेन के पहले हिन्दी साहित्यकार। 

सम्पर्क : kahanikar@gmail.com

 

 

कहानी
कोख का किराया
श्वेत- श्याम
बेघर आंखे
एक ही रंग
कैंसर

कविता
ईद के अर्थ

नववर्ष की पूर्वसन्धया  पर
पतझड़
मेरे पासपोर्ट का रंग

ग़ज़ल

मैं जानता था
दिन रात की तकरार से
आज मुनासिब नहीं हालात
परेशान न होना