मुखपृष्ठ कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | फीचर | बच्चों की दुनिया भक्ति-काल धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |   संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन डायरी | स्वास्थ्य | साहित्य कोष |

 

 Home | Boloji | Kabir | Writers | Contribute | Search | FeedbackContact | Share this Page!

 

बॉलीवुड और अण्डरवल्र्ड के सम्बन्ध

अभी थोड़े ही दिन पहले एक हिन्दी चैनल के एक खासे लोकप्रिय कार्यक्रम में संजय दत्त अपने मासूमियत के अच्छे खासे अभिनय के साथ अपने शुभचिन्तकों और परिजनों के साथ बड़ी बड़ी बातों और आदर्शों के साथ मौज़ूद था। उसने दर्शकों को लगभग यकीन दिला ही दिया था कि बॉम्बे ब्लास्ट के मामले में उनके विरोधियों ने उन्हें फंसाया था‚ अन्यथा सुनील दत्त जैसे सज्जन पिता का पुत्र ऐसा कैसे कर सकता है?
किन्तु ये सारा अभिनय धरा का धरा रह गया जब महाराष्ट्र पुलिस ने संजय दत्त और अण्डरवल्र्ड डॉन छोटा शकील के साथ उसकी बातचीत के टेप जारी किये। यह बहुत चौंका देने वाला टेप था। इस टेप में बहुत से फिल्मी सितारों‚ निर्देशकों‚ निर्माताओं का ज़िक्र और बातचीत है। अखबारों और टीवी चैनलों के समाचारों में बहुत सी आवश्यक काट छांट के बाद इन्हें प्रस्तुत किया है‚ अन्यथा इन्टरनेट पर जारी अनसेन्सर्ड असली टेप में तो कदर्य गालियों की भरमार के साथ यह बातचीत आरंभ हुई है। पूरी टेप में संजय दत्त द्वारा इन भाईयों की स्तरहीन जी हजूरी भरी पड़ी है। धमकियों तथा अपने प्रतिद्विन्द्वयों की हत्या की कामना इस टेप में सुन कर इस फिल्मी दुनिया के प्रति जुगुप्सा जागती है।

यह टेप नहीं बल्कि बॉलीवुड के एक देशद्रोही पहलू से नकाब उतारने की शुरुआत है कि कैसे यह फिल्मी अभिनेता‚ निर्देशक‚ निर्माता इन कुख्यात डॉन और कथित भाईयों के आगे नाक रगड़ते हैं और फाईनेन्स के लिये इन पर निर्भर करते हैं या कैसे इनसे सम्बन्ध रखते हैं और इनकी सहायता करते हैं। अभिनेत्रियां भी इन कारनामों में पीछे नहीं हैं‚ वे भी अपने फिल्मी अस्तित्व की रक्षार्थ तथा अपने कैरियर के लिये इन तथाकथित भाईयों की पार्टीज़ में शिरकत करती हैं।

एक सभ्य परिवार से ताल्लुक रखने वाला‚ सुनील दत्त जैसे सज्जन राजनेता का पुत्र‚ हिन्दी फिल्मों का हीरो इस स्तर पर उतर सकता है‚ तो वह अपने दर्शकों के सामने क्या आदर्श रखेगा?

क्या यह उसी भारतीय फिल्मी उद्योग का चेहरा है जो कभी अच्छी समाजोन्मुख फिल्में बनाता था‚ आज हर दूसरी फिल्म अण्डरवल्र्ड पर बनती है। 'वास्तव' जैसी फिल्म के निर्देशक महेश मांजरेकर क्या प्रस्तुत करेंगे‚ छोटा शकील जैसे कुख्यात अपराधी के जीवन पर फिल्म बना कर जैसा कि उनकी टेप की गई बातचीत में उल्लेख हुआ है। क्या यही वजह है कि फिल्म उद्योग अपना महत्व खो रहा है।
हालांकि अब भी कुछ बहुत अच्छे निर्देशक‚ अभिनेता और निर्माता हैं जो इन तथाकथित भाईयों की धमकियों को सहते‚ उपेक्षित करते अपने बलबूते पर अच्छे मूल्यों की फिल्में बनाते हैं। पर यही हाल रहा तो फिल्मी उद्योग पर एक दिन अण्डरवल्र्ड का वर्चस्व हो जायेगा।
गुलशन कुमार की हत्या‚ राकेश रोशन पर प्राणघातक हमला‚ आमिरखान को मिली धमकियां क्या इसी बात की ओर संकेत नहीं करतीं?

कहाँ एक ओर पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल मुर्शरफ‚ दाऊद और उसके साथियों के पाकिस्तान में होने की बात को नकारते आए हैं‚ कहाँ ये भारतीय फिल्मी सितारे कंराची में छोटा शकील से मज़े से सम्पर्क करते हैं और पौन घण्टे तक बातचीत करते हैं।

भारत के दुश्मनों में पड़ोसी देश तो है ही किन्तु भारत अपने ही भीतर कितने सारे देशद्रोही छिपाए बैठा है‚ और वो भी वे लोग जो भारतीय सिनेमा के माध्यम से स्वयं को जनता के सामने नायक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। बॉम्बे ब्लास्ट के बाद संजय दत्त ने अब कोई कसर नहीं छोड़ी है स्वयं को ' खलनायक ' कहलवाने में और अपने भले पिता का नाम मिट्टी में मिलाने में।
 

– मनीषा कुलश्रेष्ठ

Top

Hindinest is a website for creative minds, who prefer to express their views to Hindi speaking masses of India.

 

 

मुखपृष्ठ  |  कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | बच्चों की दुनियाभक्ति-काल डायरी | धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |  संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन साहित्य कोष |
 

(c) HindiNest.com 1999-2021 All Rights Reserved.
Privacy Policy | Disclaimer
Contact : hindinest@gmail.com