एक प्रिज़्म है
तुम्हारी ये नई सलोनी उदासी
जिसमें से गुज़र कर
वियोग
सात रंगों
सात भावों
में
छन कर आता है
पीडा का बैंगनी रंग
कामना का नीला
प्रेरणा का आसमानी रंग
तो
लगाव का हरा
मोह का पीला रंग
आकर्षण का नारंगी रंग
और अंतत:
लाल रंग प्रेम का
कविताएँ
प्रिज़्म
आज का विचार
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
आज का शब्द
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।