तुमसे मिले बिना, इतनी लम्बी राह चली
सड़क का परला सिरा दिखने लगा।
इस लम्बी अवधि में
जीती रही
ऐसे
जैसे कभी-कभी बिना धूप
फूल खिल लेता है
जैसे कभी-कभी
बिना नग, कोई
अंगूठी पहन लेता है।
कविताएँ
तुम्हारे बिना
आज का विचार
शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।
आज का शब्द
शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।