आपको‚ आपके मम्मी पापा और आपके दोस्तों को मैरी क्रिसमस। आजकल तो हम बच्चे सारे त्यौहारों का मज़ा लेते हैं‚ हैं ना? चाहे वह दीपावली हो या ईद या लोहड़ी या क्रिसमस। जब आधुनिक तकनीकी विकासों की वजह से समूचा विश्व करीब आ गया है तो क्यों न हम सारे धर्मों के त्यौहारों का आनन्द लें। हम बच्चे ही तो हैं जो अपने उत्साह के जरिये नफरत के बीजों को नष्ट कर प्रेम के अंकुर रोप सकते हैं।
हम को तो जहाँ दीपावली की मिठाई पसन्द है वहां ईद की सिवइयाँ भी मीठी लगती है और सान्ता क्लॉज़ का स्नेहिल चेहरा‚ ममतामयी मुस्कान और चबी गाल और उनका लाल लिबास बहुत प्यारे लगते हैं। हैं ना…. बस यही बात तो अच्छी है कि हमारे लिये सारे त्यौहार प्रेम और मस्तीभरे होते हैं। चाहे वह किसी धर्म से सम्बंधित क्यों न हों हम स्कूल में सारे त्यौहार मनाते हैं।वैसे तो दोस्तों आप स्वयं क्रिसमस के बारे में बहुत कुछ जानते होगे‚ पर मैं आपको कुछ बातें बताना चाहूंगी – हो सकता है आप में से किसी बच्चे का ना पता हों।
यह तो आपको पता होगा कि इस दिन बेथलेहम में प्रभु यीशु का जन्म हुआ था। उनके जन्म की कहानी कुछ इस तरह मैं ने सुनी है — आज से करीब 2 हजार वर्ष पहले गैलीली के नाजरथ कस्बे में एक युवा जोड़ा रहता था। एक रात गैब्रियल नामक देवदूत ने वर्जिन मैरी को बताया कि उन्हें ईश्वर के बेटे की मां बनने के लिये चुना गया है। इस बीच मैरी को अपने मंगेतर के साथ बेथलेहम जाना पड़ा। मैरी और जोसफ जब तक बेथलेहम पहुँचते तब तक बच्चे के जन्म लेने का समय आ गया इसलिये उन्हें रात में ही एक बार्न याने भेड़ों के बाड़े में रुकना पड़ा। वहीं प्रभु यीशु का जन्म हुआ। तीन बुद्धिमानों को प्रभु के जन्म का अनुमान था तो वे उन्हें खोजने निकल पड़े कि उन्हें आकाश में एक विशेष चमकीले नीले तारे को देख कर पता चला कि प्रभु जन्म ले चुके हैं। इसी तारे के सहारे वे बार्न तक आ पहुँचे। जब उन्होंने मैरी‚ जोसफ और बालक जीसस को देखा तो वे उनकी पूजा करने लगे और बहुत से कीमती धातुओं के तोहफे उन्हें दिये। सामान्य बालक की तरह पले बढ़े जीसस के अन्दर पैगम्बर के वे समस्त गुण थे जिन्होंने उन्हें आदरणीय और अनुकरणीय बनाया। बहुत से विरोध और प्रताड़नाओं के बावज़ूद उन्होंने विश्व के सबसे व्यापक उदार और शान्ति और सेवा को सर्वोच्च मानने वाले इसाई धर्म की स्थापना की।
क्रिसमस को पूरे विश्व के इसाई समुदायों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। सभी इसाई परिवार क्रिसमस की शाम चर्च में इकट्ठे होते हैं जहां सामूहिक प्रार्थना और मास सरमन में भाग लेते हैं।
आपको पता है दोस्तों मन को मोह लेने वाली धुनों से सजे कैरल्स यीशु की प्रशंसा और स्तुति के गीत होते हैं। आपको भी मेरी तरह ही क्रिसमस ट्री बहुत आकर्षित करता है ना यह एक विशेष वृक्ष होता है जो बर्फीली सर्दियों में भी हरा भरा रहता है। इसकी परम्परा तबसे चल पड़ी जब क्वीन विक्टोरिया के पति राजकुमार एल्बर्ट ने विंडसर कासल में कैण्डीज़ फल और छोटे तोहफों से एक बहुत बड़े क्रिसमस ट्री को सजाया था। तब से यह परम्परामें शामिल हो गया।
जब जब भी क्रिसमस पर स्नो फॉल होता है उसे शुभ माना जाता है और उसे वाईट क्रिसमस कहा जाता है।
तो दोस्तों आप मानते हो न कि सांता क्लॉज़ आप सब को मेरी तरह ही भाता है‚ चाहे आप किसी भी धर्म के हों‚ प्रेम भरे उपहारों का धर्म तो प्रेम ही होता है। सांता क्लॉज और प्रभु यीशु ने हमें सम्पूर्ण विश्व से जोड़ा है तो आओ क्यों न हम क्रिसमस भी उसी उत्साह से मनाएं जैसे दीवाली या ईद‚ ओणम या दुर्गा पूजा मनाते हैं। बहुत सारी बधाईयों के साथ।