इस के उत्तर में मुझे एक अफ्रीकी जनजाति की कहानी याद आती है –

एक मबावा नाम का एक सियार था, एक दिन उसने फलों से लदे था नामक पेड क़ो खोज निकाला। उसने पेड से गिरे पके रसीले फल इकठ्ठे किये और बस उनका स्वाद लेकर खाने बैठा ही था कि उसे दूर से आती शेर की दहाड सुनाई दी। उस चतुर सियार ने सोचा कि –
‘लगता है शेर भूखा है, ऐसा न हो कि वह इधर ही चला आए और ये मीठे फल मुझसे छीन कर खा जाए। वह चिन्तित हो गया कि सभी जानते हैं कि शेर तो जंगल का राजा है, और राजा होने के नाते उसकी भूख बहुत ज्यादा है। और वह सबके खाने को छीन कर खाने को अपना अधिकार समझता है। उससे ना करने की किसी की हिम्मत तक नहीं होती।

शेर की दहाड अब पास से आती सुनाई दी, लेकिन अब तक चतुर सियार ने शेर से था के रसभरे मीठे फलों को बचाने की तरकीब खोज निकाली थी। जैसे जैसे शेर पास आ रहा था मबावा ने जल्दी जल्दी फलों के ढेर को खाना शुरु कर दिया, उसे पता चल गया कि शेर उसे लालचियों की तरह जल्दी जल्दी खाते हुए देख रहा है, तब अचानक वह जमीन गिर पडा और छटपटाने लगा और कराहने लगा फिर छटपटा कर मृत जानवर की तरह शांत और स्थिर हो गया, आखें भी उसने एक जगह टिका दीं।

शेर ने सोचा कि जरूर ये फल जहरीले होंगे तभी ये बेवकूफ सियार इन्हें खाकर मर गया है। शेर अपने रास्ते लौट गया। उसके नजरों से खूब दूर चले जाने के बाद मबावा उठा, उसने बचे हुए रसीले था के फल खाये और उसे याद आया कि पास ही नाले के पास एक दूसरे सियार का कंकाल पडा है। वह उसे उठा लाया और फलों के छिलकों के पास उसे पटक दिया, ठीक वहाँ जहाँ उसने अपने मरे हुए होने का नाटक किया था। अपनी तरकीब पर खुश होता हुआ सियार अपनी गुफा में लौट गया।

जब कुछ सप्ताह बाद शेर था फल के पेड क़े पास से गुजरा तो पेड उसी तरह लाल रसीले फलों से लदा था, उसकी भूख जग आई वह कुछ कदम बढा पर वह ठिठक गया वहाँ बेचारे लालची सियार का कंकाल पडा था। उसे गिध्द नोच रहे थे। उसे याद आ गया कि ओह यह तो मबावा का कंकाल है वही यहाँ लालची की तरह इन फलों को हबड हबड ख़ा रहा था, फिर छटपटा कर गिर गया था। उसने कसम खाई कि वह अब कभी किसी पेड क़ा फल नहीं खाएगा।

तब का दिन और आज का दिन शेर ने था पेड क्या किसी पेड क़े फल खाने से तौबा कर ली। इससे सियार और अन्य झाडियों में रहने वाले छोटे छोटे जानवरों को बडी ख़ुशी हुई कि राजा होने के नाते शेर कम से कम उनके खाने पर अब हाथ नहीं साफ कर पाएगा। अब उन्हें अपने फल शेर के साथ नहीं बाँटने अब वे जितना जी चाहें फल खा सकते हैं।

तो अफ्रीकन कहानी के अनुसार ऐसे शेर ने फल खाना छोडा।

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आज का विचार

मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।

आज का शब्द

मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।

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