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नीलकण्ठ

प्रिय बच्चों,

तो कैसा लगा हुदहुद यानि हूपो जब आपने उसके बारे में पढ क़र उसे अपने लॉन में देखा?

इस बार एक नये खूबसूरत रंगो वाले पक्षी  नीलकण्ठ या ब्लू जे या इन्डियन रोलर को आपसे मिलवाने लाया हूँ इसे आपने अपने घर या स्कूल के आस-पास पेड क़ी खुली शाख पर या टेलेफोन के तारों पर बैठे जरूर देखा होगा, या इसे उडते देख इसके सुन्दर नीले रंग के पंखों को देख आकर्षित हुए बिना न रह सके होगे उत्सुक हो न इसके बारे में जानने को?

हाँ तो बच्चों ये ब्लू जे यानि इन्डियन रोलर यानि नीलकण्ठ जो है वह लगभग कबूतर के आकार का या उससे जरा पतला होता है और जैसा कि नाम है इसके पंख नीले होते हैं, इसकी पीठ और गर्दन हल्का भूरा रंग लिये होती है इसका धड भूरा और पेट तथा पूँछ के नीचे का हिस्सा पीलापन मिला नीला होता है उडते समय ही इसके पंखो का शोख नीला रंग अलग-अलग शेड्स में दिखता है, एक गहरी नीली धारी दूसरी हल्की नीली धारी में सजे इसके पंख बडे मोहक लगते हैं इसकी चोंच काली होती है

ब्लू जे सामान्यतया अकेले तार पर बैठा दिखता है यह समूचे भारत में दिखाई देता है फिर भी इसका मनपसंद आवास शहरों, गावों के बाहर बसे हल्के फुल्के जंगल हैं यह तारों या खुली शाखाओं पर अपने शिकार की तलाश में बैठता है, चाहे वह बडा कीडा हो या गिरगिट या मेंढक या जंगली छिपकली शिकार मिलते ही यह उस पर झपटता है और तार पर फिर जा बैठता है, और वहीं बैठ उसे निगल जाता है यह किसानों के लिये बहुत उपयोगी है क्योंकि वो कीडे ज़ो हमारी फसलों को बेहद नुकसान पहुँचाते हैं उन्हें खाकर ये कम करता है इसकी आवाज बडी तीखी टरटराती सी चक-चक होती है

जब यह मादा ब्लू जे को आकर्षित करने के लिये अपने करतब दिखाता है तो वह दृश्य बडा भव्य होता है, यह हवा में गोते लगाता है और अजीब सी चीखें निकालता है, तब इसके पंखों की सुन्दरता देखने लायक होती है मार्च से लेकर जुलाई माह तक इसका नेस्टिंग सीजन होता है यह मध्यम ऊँचाई पर पेडों की कोटर में अपना घोंसला बनाता है इसका घोंसला साधारण सा होता है, तिनकों और कचरे को इकठ्ठा कर बनाया हुआ इसके अण्डे एकदम सफेद होते हैं , एक बार में मादा ब्लू जे 4 या 5 अण्डे देती है नर व मादा ब्लू जे दोनों मिलकर अण्डे सेते हैं और नन्हे चूजों का उडना सीखने तक पोषण करते हैं

आपको पक्षी अच्छे लगते हैं ना? अगली बार भी मैं आपको एक खूबसूरत नए पक्षी से मिलवाउंगा, वह भी अकसर आपके आसपास पेडों, तारों पर समूह में बैठा दिख जाता है, और उसका रंग बेहद प्यारा सा हरा होता है, ना नहीं भाई नहीं तोता नहीं अब आप अन्दाज लगाओ और मुझे बताओ अब आप दो चिडियों के बारे में जान गए हो, आप उन्हें गौर से देखते हो? किसी दिन सुबह जल्दी उठो और चुपचाप अपने लॉन या बैकयार्ड में जाकर बैठो तुम्हें बहुत से ऐसे पक्षी मिलेंगे जिनके बारे में मैं अगले अंकों में आपको बताउंगा

ह्न तब तक के लिये हैप्पी बर्ड वॉचिंग

तुम्हारा मनोज अंकल
स्टेट कॉर्डिनेटर ऑफ इन्डियन बर्ड नेटवर्क
फरवरी 15, 2001


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