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रूकना रोम में हम घर से एक सेमीनार के लिये निकले थे जो मिलान के पास कबेला नाम के गांव में होना था। इटली में रोम हमारा पहला पडाव था और साथियों ने जब कहा कि रोम में आकर प्राचीन सभ्यता के धनी एक भारतीय को इस नगरी की सांस्कृतिक संपदा के दर्शन किये बिना नहीं जाना चाहिये तो हम तीन दिनों के लिये रोम के हो लिये।
इतिहास को पुनर्जन्म देते रोम के चौराहे अगर मुझे अपनी रोम यात्रा को एक वाक्य में समेटना पडे तो मैं कहूंगी कि मैने इतिहास को पुर्नजन्म लेते हुए देखा है।लगभग पचीस साल पहले मैने जिस यूरोप का इतिहास पढा था, वह जैसा का तैसा चलचित्र के फ्रेमों की तरह आंखों के सामने था। अगर आप भी इतिहास में पीछे जाना चाहते हैं तो लोगों से अपनी नजर परे रखते हुए रोम की सडक़ दर सडक़ चहल कदमी से बेहतर कुछ नहीं। रोम का रोमांच ही ऐसा है। पुनर्जागरण युग की इमारतें, कलात्मक पाषाणी मूर्तियां, जीवन्त चौराहे, कला-स्थापत्य-इतिहास और मदमस्त करने वाले भोजन की सुगंध से परिपूर्ण रोम को अपने में समेट पाना मुश्किल सा लगता है। स्मारकों संग्रहालयों महलों चर्चो और कथीड्रलों का यह शहर कई शताब्दियों बाद आज भी वैसा ही है। चाहे वह पियात्सा वेनेसिया हो जो रोम का प्रमुख चौराहा है या फिर रोमन फोरम के प्रचीन खंडहर! तारीफ करनी होगी रोम वासियों की जिन्होंने इतने प्यार से अपना शहर सहेजा है कि वक्त की आंच इसे छू तक नहीं पाई है। पैनेथियोन को ही लीजिये यह रोमनों का सबसे प्रसिध्द और पुराना स्मारक है। ईसा से 27 वर्ष पूर्व बने इस स्मारक को 608वीं सदी में एक चर्च के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। सौन्दर्य की दृष्टि से अपूर्व इस इमारत में महान कलाकार राफेल और इमानुएल चिरनिद्रा में सोए हुए हैं। यह बेहतरीन इमारत अपने रखरखाव मरम्मत और पुनरूध्दार के कारण आज भी जैसी की तैसी है। कैटाकोम्बस की डरावनी भूमिगत गैलरियां जहां प्राचीन रोमन शवों को दफना कर सुरक्षित रखते थे या फिर कैलोसियम नाम से जाना जाने वाला वह भव्य स्टेडियम जिसे हमने अनेक विदेशी फिल्मों में देखा है आज भी शान से सिर उठाए अपनी अविस्मरणीय आभा के साथ खडे हुए हैं। इसकी खूबसूरत प्रकाश व्यवस्था में नहाती रोम की मध्दम रोशनी और सिगरेट के धुएं में धीरे धीरे गरमाती रात किसी छायावादी युग की कहानी सी महसूस होती है। बारिश का एक तेज झोंका आकर निकल गया। मामा मिया! हमारा सुदर्शन युवक गाइड फ्रांसेस्का खुशी से चिल्लाया।मैने अपने ब्रांको डयलेटर का एक गहरा पफ लिया। कितनी सिगरेट पीते हैं ये रोमवासी! अपने इनहेलर के बावजूद हर जगह दम घुटता सा महसूस होता था। रोम के रग रग में सिगरेट का धुआं समाया हुआ है। जादातर जगहों पर स्मोकिंग एरिया और नॉन समोकिंग एरिया न तो अलग है और न बहुत दूर! बिना फव्वारों के रोम की कहानी पूरी नहीं होती खासतौर पर त्रेवी के बिना। वही त्रेवी जहां आप दाहिने हाथ से बाएं कंधे के ऊपर सिक्का उछालते हैं रोम में फिर से आने के लिये। अनेक लोक कथाओं की पृष्ठभूमि यह फव्वारा अपनी कलात्मक मूर्तियों और सफेद संगमरमर के लिये प्रसिध्द है। हम तस्वीरें खीचने के लिये थोडी देर को अपने दिग्दर्शक दल के साथ बस के बाहर थे। अगर आप देर शाम यहां पहुंचे हों तो गलियों के भीतर अटे खूबसूरती के इस टुकडे पर बेहतरीन रोशनी की महीन चादर से झरते पानी की मोहक धुन, गलियों से उठती खाने की खुशबू, सैलानियों की गहमागहमी और इतालवी भाषा की मिठास इसे आपके जीवन का एक अविस्मरणीय पल बना देगी। आप यहां बैठ कर दुनियां भूल सकते हैं - हम अपनी बस और यात्रा टोली भूल गये।
इटली में अंग्रेजी बोलने-समझने वाला ढूंढ पाना बहुत मुश्किल है। हम उस दिन देर रात अपने होटल के कमरे तक कैसे पहुंचे वह एक अलग रोमांचक कहानी है। रोम की गलियां और इसके चौक रोम की आत्मा हैं। फव्वारों, पत्थर की जानदार मूर्तियों खाने पीने गाने बजाने और प्रेमी जोडों से भरे इन जीवन्त चौराहों को इतालवी लोग पियात्जा कहते हैं। गुनगुनी दोपहर और रंगीन शाम को यहां की आवारा हवा व अलसाए मौसम का आनंद हमने पैदल घूम कर उठाया।सडक़ दर सडक़, गली दर गली पदचापों के साथ रोम आपकी रगों में समाने लगता है। वे छोटे छोटे अविस्मरणीय दृष्य हमारे फोटो अलबम की अमूल्य निधि हैं। रोम कैथोलिकों का तीर्थ स्थल है और वेटिकन सिटी के बिना रोम की यात्रा अधूरी सी है। लेकिन वैटिकन अपने आप में एक सम्पूर्ण शहर है। धर्म इतिहास कला और कलाकारों की नगरी। अनुभव के उस एक सम्पूर्ण टुकडे क़ो यहां एक अनुच्छेद में समेटना अन्याय होगा। बिना खाने पीने के किसी यात्रा का मजा नहीं है और अगर आप इतालवी खाने के शौकीन हैं तो पिजा, पास्ता, स्पेगेटी, रिसोतो और अनेक प्रकार के ड्रिंक्स की अनगिनत किस्में यहां मौजूद हैं। तीन दिनों में हमने अनेक नये व्यंजनों के नाम सीखे और उनके स्वाद का मजा लिया। अगर आप महिला हैं तो बिना खरीदारी के यात्रा पूरी नहीं कर सकतीं। खास तौर पर कुछ छोटी यादगार चीजों के। अगर आप कलाप्रेमी हैं तो रोम किसी स्वर्ग से कम नहीं। चित्र, मूर्तियां, मुखौटे, मोजेक़, वाल हैंगिंग, सजावटी सामान _ सबकुछ आप हर तरह के दाम में खरीद सकते हैं। और यकीन मानिये उन सब में कारीगरों के नाम पिकासो, मोनेट, राफेल और माइकलेंजलो ही होंगे। निश्चित रूप से वे ऐतिहासिक कलाकार नहीं हैं पर आज भी रोम में यही नाम लोकप्रिय हैं। इटली मूंगे और एगेट पर हाथ से उत्कीर्ण कारीगरी के लिये प्रसिध्द है। अगर आप डिजायनर गहनों के शौकीन हैं तो रोम इनकी खरीदारी के लिये उपयुक्त जगह है। रोम एक प्राचीन नगर है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि यहां नया कुछ नहीं है। रोम की प्राचीनता में नवीनता का सुंदर समन्वय हुआ है। यहां के हेन्ड्रेक किस्चियन एंडरसन म्यूजियम में प्राचीन और नवीन कलाकृतियों की अनेक दीर्घाएं हैं जो दोनों युगों के अनेक कलाकारों को जोडती हैं। विला बोर्गीज ज़ो रोम का सबसे सुंदर पार्क है। वहां की ट्राम और 'जे बसें, बांगला देशियों की छोटी दूकानें, खाने पीने के रंगीन नुक्कड और तराशे हुए चेहरों वाले सुंदर इतालवियों के आधुनिक परिधान आपके इतिहास को रबर की तरह खीच कर वर्तमान से जोड देते हैं। तीन दिन तीन पल की तरह गुजर गये। रोम में रूकने का समय कैसे पूरा हो गया पता ही नहीं चला। प्रस्थान का समय आगया। पतिदेव मुझे जल्दी उठाते हैं। ब्रेक फास्ट का समय निकला जा रहा है हमें फ्लोरेंस की ट्रेन पकडनी है ..वीवा ला रोम, ग्रेशिया ....अल्विदा .....चाओ हम अगले पडाव की ओर बढ चले। —
पूर्णिमा वर्मन |
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