हमारे लेखक
- आनंद हर्षुल
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23 जनवरी 1959 को , छत्तीसगढ़ के एक गाँव बगिया (रायगढ) में जन्म।
कानून तथा पत्रकारिता में स्तानक।
लेखन का प्रारंभ कविता से। पहली कविता 1981( साक्षात्कार : संपादक-सुदीप बेनर्जी) एवं पहली कहानी 1984 (साक्षात्कार : संपादक-सोमदत्त) में प्रकाशित।
उनका पहला कहानी संग्रह ‘बैठे हुए हाथी के भीतर लड़का’(आधार प्रकाशन) 1997 में प्रकाशित हुआ। उसके बाद ‘पृथ्वी को चंद्रमा’(मेधा बुक्स) 2003 में, ‘अधखाया फल’ (राजकमल प्रकाशन)2009 तथा ‘रेगिस्तान में झील(राजकमल प्रकाशन) 2014 उपन्यास ‘चिड़िया बहनों का भाई’(राजकमल प्रकाशन) 2017 में प्रकाशित। कहानी संग्रह ‘पुतले’ और उपन्यास ‘देखना’ राजकमल प्रकाशन से शीघ्र प्रकाश्य।
‘बैठे हुए हाथी के भीतर लड़का’के लिए मध्य प्रदेश साहित्य परिषद के ‘सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार’(1997) ‘पृथ्वी को चन्द्रमा’ के लिए ‘विजय वर्मा अखिल भारतीय कथा सम्मान‘(2003) एवं समग्र लेखन के लिए ‘वनमाली कथा सम्मान (2014) से सम्मानित। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की सीनियर फलोशिप (2020-21)
कहानियों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद।
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