हमारे लेखक
- अनुकृति उपाध्याय
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अनुकृति ने साहित्य से फ़िनांस सेक्टर और फ़िनांस से फिर साहित्य का घुमावदार सफ़र तय किया है। बहुत वर्षों हांगकांग प्रवास के बाद अब मुंबई और बाक़ी विश्व में वास है। देश विदेश की यात्राएँ और विश्व साहित्य पढ़ने का पुराना व्यसन है। हिंदी कहानी संग्रह, जापानी सराय, और लघु उपन्यास नीना आँटी राजपाल एंड संस से प्रकाशित हुआ है। अंग्रेज़ी में दो लघु उपन्यास, दौरा और भौंरी, उपन्यास किन्तसुगी एवं कहानी संग्रह द ब्लू विमन हारपरकोलिंस से प्रकाशित हुए हैं। किन्तसुगी को २०२१ का सुशीला देवी पुरस्कार मिला है।हिंदी व अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में कहानियाँ प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आ चुकी हैं।