हमारे लेखक
- गोविन्द मिश्र
- Banda, Uttar Pradesh
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जन्मदिवस: 01/08/1939
वर्ष 1957 – हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की विशारद परीक्षा उत्ताीर्ण।
वर्ष 1959 में (अंग्रेजी साहित्य में) इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए.
वर्ष 1963 से लगातार लेखन।
वर्ष 1997 – अध्यक्ष, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से सेवानिवृत्तिा
उपन्यास %
1. वह अपना चेहरा-1969, 2. उतरती हुई धूप-1971, 3. लाल पीली जमीन-1976 4. हुजूर दरबार-1981, 5. तुम्हारी रोशनी में-1985, 6. धीर समीरे-1988, 7. पाँच आंगनों वाला घर-1995 8. फूल … इमारतें और बन्दर-2000, 9. कोहरे में कैद रंग-2004, 10. धूल पौधों पर-2008.
कहानी संग्रह %
11. नये पुराने माँ-बाप-1973, 12. अंत:पुर-1976, 13. धांसू-1978, 14. रगड़ खाती आत्महत्यायें-1979, 15. मेरी प्रिय कहानियाँ-1980, 16. अपाहिज-1981, 17. खुद के खिलाफ-1982, 18. खाक इतिहास-1986, 19. पगला बाबा-1988, 20. आसमान कितना नीला-1992, 21 स्थितियाँ रेखांकित-1992.
(साठ के बाद की हिन्दी कहानी का संकलन सम्पादित)
22. हवाबाज-1998, 23. मुझे बाहर निकालो-2004
यात्रा-वृत्ताान्त %
24. धुंध भरी सुर्खी-1976, 25. दरख्तों के पार … शाम-1982, 26. झूलती जड़ें-1990, 27. परतों के बीच-1997, 28. और यात्राएं …… – 2004.
साहित्यिक निबंध %
29. साहित्य का संदर्भ-1985, 30. कथा भूमि-1988, 31. संवाद अनायास-1993, 32. समय और सर्जना-2000
बाल साहित्य %
33. कवि के घर में चोर-राधाकृष्ण प्रकाशन, 34. मास्टर मन्सुखराम-1997-आर्य बुक डिपो, 35.आदमी का जानवर-1997-आर्य बुक डिपो
कविता %
36. ‘ओ प्रकृति माँ‘-1995-राधाकृष्ण प्रकाशन.
विविधा %
37. मुझे घर ले चलो-1985-पराग प्रकाशन, (सभी विधाओं का प्रतिनिधि संकलन) 38. लेखक की जमीन-अलग-अलग समय पर दिये गये साक्षात्कारों का संकलन 39. अर्थ ओझल (भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित प्रमुख बीस कहानियों का संग्रह) 40. दस प्रतिनिधि कहानियाँ, 41. चर्चित कहानियाँ, 42. निर्झरिणी (दो खण्डों में सम्पूर्ण कहानियों का संकलन)-1996 43. प्रतिनिधि कहानियाँ (राजकमल पेपरबैक) 44. मेरे साक्षात्कार (किताबघर)-2000, 45. चुनी हुई रचनाएं-तीन खंडों में- वाणी प्रकाशन-2003.
विशिष्ठ उपलब्धियाँ %
1- ”लाल पीली जमीन” (क्रम सं.-3) श्रेष्ठ लेखन के लिए ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया द्वारा सम्मानित।
2- ”हुजूर दरबार” (क्रम सं.-4) उत्तार प्रदेश हिन्दी प्रतिष्ठान द्वारा ”प्रेमचन्द पुरस्कार” से सम्मानित।
3- ”धीर समीरे” (क्रम सं.-6) भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ताा द्वारा सम्मानित।
4- दिल्ली अकादेमी द्वारा साहित्य में योगदान के लिए सम्मानित।
5- भारत सरकार के सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अन्तर्गत जर्मनी, चेकोस्लोवाकिया और हंगरी की यात्रा।इस दौरान हाइडिलबर्ग विश्वविद्यालय को सम्बोधित किया।
6- केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी एक कहानी का पाठ।
7- त्रिनिडाड और टोबैगो में अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन के लिए भारत के प्रतिनिधि मंडल में शामिल।
8- मौशस की हिन्दी प्रसारणी सभा की स्वर्ण जयन्ती में भारत का प्रतिनिधित्व।
9- ”हुजूर दरबार” मुम्बई विश्वविद्यालय के लिए और ”तुम्हारी रोशनी में” एस एन डी टी विश्वविद्यालय के पाठयक्रम में सम्मिलित। पूणे बोर्ड की 12वीं कक्षा के लिए नियत हिन्दी की पाठयपुस्तक में लेखक की एक कहानी शामिल। कई विश्वविद्यालयों में लेखक के सृजन पर पी.एच.डी. सम्पन्न और जारी भी।
10- ”फांस” और गलत नम्बर” जैसी कहानियाँ दूरदर्शन पर प्रस्तुत।
11- ख्याति प्राप्त थियेटर ग्रुप – ”अनामिका” द्वारा कलकत्ताा में पााँच कहानियाँ नाटक रूप में प्रस्तुत।
12- दृष्टांत शीर्षक के अन्तर्गत तेरह कहानियों पर सीरियल दूरदर्शन दिल्ली द्वारा प्रस्तुत।
13- सुप्रसिध्द हिन्दी और मराठी आलोचक डॉ.चन्द्रकान्त वांदिवडेकर द्वारा सम्पादित”गोविन्द मिश्र” ”सृजन के आयाम” नाम पुस्तक प्रकाशित, जिसमें वरिष्ठ लेखकों द्वारा लेखक के सृजनकर्म का विस्तृत आकलन।
14- डॉ. चन्द्रकान्त वांदिवड़ेकर रचित ‘गोविन्द मिश्र का औपन्यासिक संसार‘ प्रकाशित।
15- ”निर्झरिणी” नाम से दो विशाल खंडों में लेखक की सम्पूर्ण कहानियों का संग्रह नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली द्वारा प्रकाशित।
16- ”पाँच आंगनों वाला घर” के लिए 1998 का प्रतिष्ठित व्यास सम्मान।
17- 2001 का ‘सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान‘ समग्र साहित्यिक योगदान के लिए राष्ट्रपति जी द्वारा दिया गया।
अनुवाद – उपन्यास ”तुम्हारी रोशनी में”, ”धीर समीरे”, गुजराती में, ”पाँच आंगनों वाला घर गुजराती और मराठी दोनों में अनूदित और प्रकाशित। विभिन्न कहानियाँ दूसरी भाषाओं जैसे अंग्रेजी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती और कन्नड़ में अनूदित।