• कुणाल सिंह

बहुचर्चित युवा कथाकार और सम्पादक कुणाल सिंह का जन्म 22 फरवरी, 1980 को कोलकाता के समीपवर्ती एक गाँव में हुआ।  उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज, कोलकाता से हिन्दी साहित्य में एम.ए. और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से एम.फिल. किया। उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं—‘सनातन बाबू का दाम्पत्य’, ‘इतवार नहीं’, ‘अन्य कहानियाँ तथा झूठ’ (कहानी-संग्रह); ‘आदिग्राम उपाख्यान’, ‘उत्तरजीवी’ (उपन्यास); ‘रोमियो जूलियट और अँधेरा’, (लघु उपन्यास)। सभी महत्त्वपूर्ण भारतीय भाषाओं के साथ-साथ इतालवी और जर्मन भाषाओं में भी उनकी कहानियों के अनुवाद हुए हैं। ‘आखेटक’ कहानी पर िफ़ल्म निर्मित और ‘साइकिल’ कहानी के कई नाट्य-मंचन हो चुके हैं।

उन्हें ‘साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार’ (2012), ‘भारतीय भाषा परिषद युवा पुरस्कार’ (2011), ‘भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार’ (2010 और 2006), ‘कथा अवार्ड’ (2005), ‘कृष्ण बलदेव वैद फेलोशिप’ (2005), ‘प. बंग राज्य युवा पुरस्कार’ (1999) और ‘नागार्जुन सम्मान’ (1999) से सम्मानित किया गया है।

सम्प्रति : ‘वनमाली कथा’ मासिक का सम्पादन।

Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.