हमारे लेखक
- प्रबोध गोविल
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प्रबोध कुमार गोविल का जन्म 1953 में अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ। वे जयपुर स्थित ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय में पत्रकारिता और जनसंचार के प्रोफेसर और निदेशक रह चुके हैं। वे एक प्रख्यात लेखक हैं, जिन्होंने साहित्य की लगभग सभी विधाओं में पुस्तकें लिखी हैं। उनकी कई कृतियों का अंग्रेज़ी, उर्दू, सिंधी, पंजाबी, संस्कृत, तेलुगु, उड़िया, बांग्ला, अरबी, मराठी, असमिया आदि भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उनकी कई रचनाएँ आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारित / प्रसारण हो चुकी हैं।
गोविल की उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का सूर पुरस्कार, राजस्थान बाल साहित्य अकादमी का बाल साहित्य मनीषी पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी का देवी लाल समर पुरस्कार, राजस्थान पत्रिका का सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार, जोधपुर का राज्य स्तरीय गुलेरी सम्मान और अन्य कई सम्मानों का उल्लेखनीय स्थान है।
**प्रबोध कुमार गोविल के प्रकाशित कार्य:**
**कविता संग्रह:**
– रक्कासा सी नाचे दिल्ली
– शेयर खाता खोल सजनिया
– उगती प्यास दिवंगत पानी
**उपन्यास:**
– देहाश्रम का मनजोगी
– बेस्वाद मांस का टुकड़ा
– रेत होते रिश्ते
– वंश
– आखेट महल
– जल तू जलाल तू
– अकाब
– रायसाहब की चौथी बेटी
– टापुओं पर पिकनिक
– ज़बाने यार मनतुर्की
– हसद
– झंझावात में चिड़िया
– बसंती की बसंत पंचमी
– खाम रात
– सेहरा में मैं और तू
**कहानी संग्रह:**
– अंत्यास्त
– सत्ताघर की कंदरायें
– खाली हाथ वाली अम्मा
– थोड़ी देर और ठहर
– धुस-कुटुस
– प्रोटोकॉल
– मेरी कहानियां (कथामाला)
**नाटक:**
– मेरी जिंदगी लौटा दे
– अजब नार्सिस डॉटकॉम
– बता मेरा मौतनामा
**लघुकथा संग्रह:**
– मेरी सौ लघुकथाएँ
– दो तितलियां और चुप रहने वाला लड़का
**बाल साहित्य:**
– उगते नहीं उजाले
– मंगल ग्रह के जुगनू (नौ भागों में)
– याद रहेंगे देर तक
– हडसन तट का जोड़ा
– डोर टू डोर कैंपेन
– जंगल चला शहर होने