हमारे लेखक
- राकेश श्रीमाल
- Indore, Madhya Pradesh
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जन्मदिवस: 05/12/1963
कवि, कला समीक्षक, सम्पादक और बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व राकेश श्रीमाल का कल रात को असमय निधन हो गया। वे वर्ष भर पहले महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कोलकाता केन्द्र से सेवा निवृत्त हुए थे और वहीं रह रहे थे। इंदौर के निवासी श्रीमाल ने कोलकाता के सांस्कृतिक जगत को भी अपनी सक्रियता से समृद्ध किया था। थोड़े समय में साहित्यिक-सांस्कृतिक जगत में छा जानेवाली संस्था नीलाम्बर से भी उनका आत्मीय जुड़ाव रहा।
इन्दौर में जनमें राकेश श्रीमाल ने पत्रकारिता की शुरुआत ‘प्रभात किरण’ और ‘नवभारत’ से की थी। इन्दौर से ‘द आर्ट गैलरी’ पत्रिका की शुरुआत, जिसका लोकार्पण वरिष्ठ चित्रकार एन.एस. बेन्द्रे ने किया था। संगीत-नृत्य की संस्था ‘लयशाला’ के संस्थापकों में से एक। कुछ वर्ष भोपाल में मध्य प्रदेश कला परिषद् की मासिक पत्रिका ‘कलावार्ता’ का सम्पादन के साथ दस वर्षों तक ‘जनसत्ता’ मुम्बई में कला-पृष्ठ के प्रभारी भी रहे थे। मुम्बई में थियेटर इन होम’ की स्थापना की। दिनेश ठाकुर के ‘अंक’ नाट्य ग्रुप में रंगमंच समीक्षा के लिए गुलज़ार से सम्मानित। मुम्बई में रहते हुए ललित कला अकादेमी नयी दिल्ली की कार्य-परिषद् के सदस्य और प्रकाशन परामर्श मण्डल के सदस्य बने। मुम्बई ‘जनसत्ता’ बन्द होने के बाद दिल्ली जाकर महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘पुस्तक वार्ता’ के संस्थापक सम्पादक बने। दिल्ली में ही एक और कला पत्रिका ‘क’ के संस्थापक सम्पादक बने। उनके दो कविता संग्रह ‘अन्य’ और ‘कोई आया है शायद’ प्रकाशित।