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जमीन पर
विष्णु शर्मा द्वारा लिखित नाटक ग्राउण्ड जीरो' का हिन्दी अनुवाद

(यह धारावाहिक नाटक 9/11 की विभिषिका के शिकार लोगों को समर्पित है। इस नाटक के पात्र, स्थान, घटनाएं सब काल्पनिक हैं।)

पात्र अपने - अपने आगमन के क्रमानुसार

पिफ : एक महत्वाकांक्षी अधेड पुरुष जो कि एक सेल्समैन है

मिट : पिफ की मानसिक हताशा की शिकार पत्नी
टिम: इनका एक बुध्दिमान युवा बेटा जो पत्रकारिता पढ रहा है

पिम: इनकी बेटी जो वकील बनना चाहती है

ओसो: एक किन्नर, घृणित कार्यों में लिप्त समूह का मुखिया

डोजो: ओसो के समूह का एक विद्रोही सदस्य
मिको : ओसो के समूह की एक उद्भ्रांत स्त्री
निटो : ओसो के समूह की एक और महिला
दो ओसो के कमाण्डो

एक बच्चा

द्वितीय दृश्य


पिफ : बन्द करो यह बेवकूफी, टिम। तुम मेरी पीठ तोड दोगे। अब तुम बच्चे नहीं रह गये। तुम जवां मर्द हो अब।
टिम: सच्ची?
पिफ: तुम्हें नहीं पता क्या?
टिम: पता है, लेकिन मेरे अन्दर का बच्चा कभी कभी उछल कर बाहर आ जाता है।
पिफ: कुछ भी हो, इस सवारी में अब मुझे कोई मजा नहीं आता।
टिम: हां, हांजी हां इसमें दुर्लभ मजा है। दरअसल मैं यह मजा लम्बे समय बाद ले रहा हूं। मैं तरस गया इस लद्दू घोडे क़ी सवारी के लिये, मज़ा तब लिया करता था जब मैं बच्चा था।
पिफ: वैसे, हम हैं कहां?
टिम: डिस्नीलैण्ड में।

पिफ: इसका इतना प्रचार ज्यादा प्रचार हो चुका है, जाहिर सी बात है कि तुम डिस्नीलैण्ड आए बिना कैसे रह सकते थे?
टिम: आपको पसंद नहीं?
पिफ: नापसंद करने से कुछ बदलने वाला तो है नहीं
तुम जल्दी से आस - पास का देखो, और इस डिस्नीलैण्ड से निकलो
टिम: देखो कितना मजेदार है यह! कितनी रंगीनियों से भरा! मैं तो डिस्नीलैण्ड के सारे शानदार हिस्से देखना चाहता
हूं। आप फटाफट क्यों नहीं चलते आपको क्या चाबुक की जरूरत है?
पिफ: डिस्नीलैण्ड बडी भूलभुलैय्या है बेटे
यह पागल बना देगा हम इस में खो जाएंगे
टिम: एक जिन्दगी में पूरा डिस्नीलैण्ड घूम डालना बहुत ही कठिन है

पिफ: ( दुलकी चाल से चलकर एक लम्बी खामोशी के बाद) अब यह क्या जगह है? बडी ग़र्मी है यहां
टिम: आप डरते क्यों हैं पापा?
पिफ: हां, मैं डरता हूं
अरब स्ट्रीट अब कुख्यात हो गयी हैं, न जाने कब कोई हमें गोली मार दे या धमाकों से हम उड ज़ायें
टिम: अरे! डरना क्यों? यह तो कहीं भी - कभी भी हो सकता है
अरब स्ट्रीट तो अब पूरी दुनिया ही बन गयी है
पिफ: यहां कुछ ऐसी जगहें है जिन्हें जरूर देखना चाहिये, उससे पहले कि कोई आत्मघाती मानव बम हमें उडा दे

टिम: मुझे पता है आप जल्दी में हो
शायद आप मुझे वॉल स्ट्रीट ले जाना चाहते हो मैं वॉलस्ट्रीट में सट्टा लगाने के लिये बहुत बच्चा हूं।

पिफ: कोई शक नहीं, वॉल स्ट्रीट अपने आप में एक धोखा है एक पल आसमान पर दूसरे पल जमीन पर चलो मैनहट्टन की गगनचुम्बी इमारतें देखें तुम वर्ल्डट्रेड सेन्टर की टि्वन टावर को स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से बतियाते देख पाओगे क्या तुम वे इमारतें नहीं देखना चाहते?
टिम: क्यों नहीं? मैं ने उन्हें केवल चित्रों में देखा है
मैं उन्हें पास से और अन्दर से देखना चाहता हूं। किसी को भी ऐसी दुर्लभ जगहों को देखने का अवसर नहीं गंवाना चाहिये
पिफ: मौसम धोखा दे सकता है
मैं बहुत सी धुंध देख रहा हूं टि्वन टॉवर के आस पास
टिम: ओह, यही वजह है कि मैं उन्हें ठीक से नहीं देख पा रहा!

पिफ: क्यों न अब इस सवारी को खत्म करें
टिम: इत्ती जल्दी!
पिफ: अरे! मेरी उम्र तो देखो
मैं अब जल्दी नहीं चल सकता और तुम्हें अब और लाद नहीं सकता
टिम: वैसे, आपने अच्छा काम किया, बस आप बहुत जल्दबाज हो रहे थे
आपको धीरज रखना चाहिये

पिफ: मुझे अन्दाज ही नहीं था कि तुम बडे और इतने भारी हो गये हो यह तुम्हारी मां का काम है, तुम्हें ठुंसा - ठुंसा कर खिलाती है

टिम: आप तो हर चीज क़े लिये मम्मी को दोषी ठहराते हो अगर मैं भारी हूं तो भी इससे क्या फर्क पडता है? मैं अब भी बच्चा ही तो हूं, पापा मुझे पता है आप मुझे उतारोगे नहीं, मुझे गिराओगे नहीं ना! आप मुझे प्यार करते हो, हैं ना?

पिफ: अजीब बात है, मैं तुम्हें प्यार करता रहूंगा तो इसका मतलब है कि तुम नीचे ही नहीं उतरोगे तुम्हें दिखाई नहीं देता कि मैं गठिया का मरीज हूं मेरी हड्डियां कमजोर हैं और दिल का हाल भी बेहाल है मैं किसी भी पल ढह सकता हूं।

टिम: बिलकुल सही बात पापा आप किसी भी पल ढह सकते हो इसीलिये तो मैं आपको यह अवसर गंवाने नहीं देना चाहता

पिफ: कैसा अवसर?

टिम: अपने बेटे को ये घोडे क़ी मजेदार सवारी देने का अवसर अगर आपने इसे गंवा दिया तो आप पछताओगे ना! अपनी इच्छाएं कब्र तक ले जाना ठीक नहीं

पिफ: तो तुमने मेरी कब्र की कल्पना करना शुरु भी कर दिया! वाह बेटे!

टिम: नहीं, नहीं मेरा यह मतलब नहीं था सच तो यह है कि मैं आपको गिरते हुए नहीं देखूंगा आप कभी ढह नहीं सकते, आप ढह जाओ इस तरह के कमजोर व्यक्ति हो ही नहीं

पिफ: सच्ची?

टिम: हां, यह मेरा परखा हुआ है वैसे पापा, आप बिना चाबुक भी बढिया चल रहे हो मुझे आप पर गर्व है पापा
पिफ: मुझे तुम्हारा यकीन नहीं

टिम: मुझे ऐसी उम्मीद भी नहीं बस खुस रहो यह जिस्मानी मेहनत आपके फायदे के लिये है आपको इसकी जरूरत भी है

पिफ: बहुत हो गया, मजाक बन्द करो( पिफ जानबूझ कर टिम को गिरा देता है, और उसकी तरफ देखता है) तुम नहीं जानते मुझे क्या चाहिये

टिम: पिताओं को समझना कठिन है बेटों को भी समझना कौनसा आसान है!

पिफ: मैं तुम्हें बखूबी समझता हूं तुम अपनी मां के प्रभाव में हो वह हमेशा मेरे, तुम्हारे साथ घोडा - घोडा खेलने के ख्याल ही से चिढती आई है' बहुत खतरनाक खेल है' यही सोचती थी , कि मैं तुम्हें गिरा दूंगा मैं उसकी नाराजग़ी को आमंत्रित करना कभी पसन्द नहीं करता था
टिम: तो यही कारण है कि आपने कभी मुझे अपने ऊपर सवारी नहीं करवाई? आप मुझे पसन्द नहीं करते थे
बोलो न पापा, मैं आपका अपना बेटा हूं कि नहीं?

पिफ: क्या प्रश्न है!

टिम: एक बहुत ही प्राकृतिक और कठिन प्रश्न है

पिफ: तब तो तुम्हें अपनी मां से पूछना चाहिये था

टिम: जब भी मां ने मुझे खिलौना खरीद कर दिया आपने उसका विरोध किया आपको लगता था कि वह पैसे की बरबादी है

पिफ: समस्या पैसे की नहीं थी

टिम: फिर क्या थी?

पिफ: तुम्हारी मां का अतिरिक्त मोह उसने तुम्हें बहुत सर चढा रखा था

टिम: ठीक है, आप भी तो मुझे सर चढा कर रख सकते थे थोडा सा भी सर चढाते तो वह मुझे अधिक खुश कर सकता था

पिफ: तुम्हारी मां ने तुम्हें मितव्ययता के बारे में कुछ नहीं सिखाया, और मुझे तुम्हें कुछ सिखाने ही नहीं दिया

टिम: यह सच नहीं आपने पिम का बहुत ज्यादा खयाल रखा अब भी वह आपकी सबसे प्रिय है और मैं? आप मुझे हमेशा अजीब और असहज महसूस करवाते हो

पिफ: तुम मेरे उच्चस्तर से घबराए हुए रहते हो मुझे हैरानी होती है, कि तुम कैसे इस गला काटू प्रतियोगिता वाले संसार में सफलता पूर्वक चल सकोगे!

टिम: आपने कैसे सीखा इस बैरी संसार में जीतना,पापा?

पिफ: तुम सच में सीखना चाहते हो? तुममें सच का सामना करने का साहस है?

टिम: क्यों नहीं कहो न, सच क्या काटता है? अगर मैं आपका बेटा हूं तो मुझे अधिकार है, आपके जीवन के इस पाठ को विरासत में पाने का

पिफ: यह पाठ सीखने में कठिन हैतुम बहुत नाज़ुक और सहज होमेरे खयाल में तुम ऐसी किसी चीज में रुचि नहीं लोगे जिसमें संघर्ष शामिल हो

टिम: आप गलती पर हैं, पापा मैं मजबूत और कद्दावर हूं।

पिफ: अगर तुम बढ चढ क़र नहीं बोल रहे तो, आओ मुजे अपनी पीठ पर सवारी गांठने दो
टिम: आप? मेरी पीठ पर सवारी गांठोगे?

पिफ: हां, तुम्हारी पीठ पर सवारी गांठूंगा
टिम: आपने मुझे भयभीत कर दिया
अच्छा मजाक थाकभी पापा लोग अपने बेटों की पीठ पर चढते भी हैं?

पिफ: हां, चढते हैंअकसर पिताओं को भी मन करता है ऐसी सवारी करने का

टिम: क्या आपके पापा ने ऐसी सवारी की कभी आपकी पीठ पर?

पिफ: हां की थी मुझे बहुत मजा आया था उन्हें अपने अपर सवारी कराके
टिम: तो आप मुझसे भी वैसी ही सवारी की उम्मीद करते हैं
मुझे नहीं लगता कि यह ठीक होगा

पिफ: बस एक बार करने दो यह मेरे लिये बहुत दुर्लभ किस्म का आनंद होगा तुमने कहा कि तुम मजबूत हो
टिम: पापा, मैं उतना मजबूत भी नहीं कि जितना आप सोचते हो
मेरा मतलब है कि मेरी ताकत कुछ अलग तरह की है मेरी पीठ पर सवारी करके उसकी परीक्षा लेना सही तरीका नहीं है

पिफ: उत्तेजित मत होओ मैं उतना भी मोटा नहीं हूं। जितने मेरे पिता थे कम से कम एक बार तो मुझे तुम पर सवारी करने की संतुष्टी लेने दो मैं इसका अधिकारी हूं मैं इसके लिये लम्बा इंतजार किया है
टिम: आप इस बारी का इंतजार करते करते काफी मोटे हो गये हो
मैं आपको लाद नहीं सकता मेरे दिल बुरी तरह घबरा जायेगा यह जन्मजात लगता है आपकी आनुवांशिकी में शामिल

पिफ: कोई बात नहींमेरे जीन्स तुम्हें धोखा नहीं देंगे टालमटोल मत करोमैं जल्दी ही संतुष्ट हो जाऊंगा, एक संक्षिप्त सवारी से हीवादा रहा
टिम: मुझे नहीं लगता, आप इतनी जल्दी संतुष्ट हो सकते हो

पिफ: मैं बहुत सज्जन हूं। मैं ऐसे संतुलित तरीके से बैठूंगा कि तुम्हें दर्द नहीं होगा कोशिश करो यह एक ही तरीका है जिससे तुम अपनी जिम्मेदारियां उठाना सीख सकोगे यह तुम्हारे लिये अंतिम अवसर है( पिफ टिम को घुटनों के बल बिठाता है और उसकी पीठ पर सवार हो जाता है) हां, अब चलो
टिम: आप भारी हो पापा

पिफ: मेरे पापा औ भारी थे
टिम: मेरे कंधे नाजुक़ हैं

पिफ: मेरे भी थे, पर मैं नहीं हिचका था अपने पिता को पीठ पर बिठाने में
टिम: आपने सच में उन्हें बिठाया था?

पिफ: हां, अक्सर, लम्बे लम्बे समय तक, दूर दूर तक यहां तक कि अजनबियों तक ने देखा था
टिम: मुझसे वह सब उम्मीद मत करो

पिफ: क्यों नहीं? जब मैं तुम्हारी उम्र का था उससे तुम मुझसे ज्यादा मजबूत होअब दांये तरफ चलो
टिम: आपको सच में मजा आ रहा है पापा?

पिफ: उससे ज्यादा जितना कि मैं ने सोचा था तुम्हें पता है मेरे पिता पर भारीर् कज़ा था
टिम: मेरे खयाल से उन्होंने आपको कभी खिलौने नहीं दिलाए

पिफ: कभी नहीं बल्कि जो दूसरों ने दिये वो भी कर्ज चुकाने में बेच डाले
टिम: क्यों?
पिफ: क्योंकि वे एक जरूरतमंद इंसान थेपर उन्होंने मुझे कभी नहीं बताया
टिम: तो उन्हें मजा नहीं आया जब आपने उन्हें सवारी दी?

पिफ: वे संतुष्ट थे कम से कम वे यह जानते थे कि उनका बेटा बेकार नहीं और जिम्मेदारियां उठाने में सक्षम है उन्हें मुझमें विश्वास था

टिम: मैं ने कभी नहीं सोचा था कि आप कभी मुझसे अपनी पीठ पर सवारी के लिये पूछ सकते हो मैं आपको मैसेडोनिया, चेचैन्या, तिब्बत, काबुल और डेफर तक ले जा सकता था यहां तक कि आपको वक्त मिला तो इन जगहों पर हैलिकॉप्टर में उडा कर ले जाऊंगा वह सच में मजेदार होगा

पिफ: अगर तुम इस तरह बातें ही करते रहे तो, तुम मुझे सायबर स्पेस की दिशा में इन्टरनेट पर मोड दोगे मैं ऐसे उबाऊ अंत के लिये बिलकुल तैयार नहीं हूं।
टिम: मैं ने कभी नहीं सोचा था कि आप कभी मुझसे अपनी पीठ पर सवारी के लिये कहोगे, आप अपने पिता के अत्याचार की सजा मुझे दे रहे हो

पिफ: मैं तुम्हें कोई सजा नहीं दे रहा न ही मेरे पिता अत्याचारी थे बल्कि वो तो इस दुनिया के सबसे कृपालु इंसान थे
टिम: ओह, तो इसलिये वे कर्जदार हो गये
यहां भी वही बात आती है, धक्का आपको सहना पडा

पिफ: तुम इस बारे में कुछ नहीं जानते मुझे उन्हें सवारी देने में मजा आता था
टिम: मैं आपको नहीं समझ सकता पापा

मिट का प्रवेश
मिट : मैं समझती हूं, तुम्हारे पापा को अच्छी तरह से इन्होंने हमेशा अजीब और क्रूर तरीके के खेल खेले हैं ये कभी तुम्हारी पीठ से नहीं उतरेंगे अगर एक बार चढ ग़ये इन्हें अपनी व्यक्तिगत संतुष्टी के लिये हमेशा कोई न कोई चाहिये ही

पिफ:( टिम की पीठ से उतर कर) यह झूठ हैतुमने मुझे कभी संतोष प्रदान नहीं किया इसलियेमैं तो बस अपने बच्चे के साथ एक मासूम खेल खेल रहा था
मिट: (
पास आकर टिम को थपथपाती है) यह मासूम खेल है, अपने बोझ के नीचे अपने ही बच्चे को दबाना? इसके माथे पर पसीना छलछला आया है। चेहरा कितना पीला पड ग़या है।

पिफ: यह पुराना नाटक छोडाे इसे कोई दर्द नहीं हुआ यह तो मजा कर रहा था
मिट: ' मजा कर रहा था!' तुम्हें कैसे पता? तुम इसकी मां नहीं हो।

पिफ: निश्चित तौर पर जानता हूं, क्योंकि मैं इसकी मां नहीं हूं। तुम्हारी समस्या यह है कि तुम मुझे इसके साथ कुछ और होने ही नहीं देती हो किस तरह की मां हो तुम? आज रात तुम इसके पीछे मंडराती रहोगी अपनी जडी बूटियों के साथ तुम इसके बिस्तर में सोओगी
मिट: क्यों नहीं सो सकती मैं अपने बच्चे के साथ? मैं सकी मां हूं

पिफ: पर तुम इसके बिस्तर में मुझे चिढाने के लिये सोओगी उसे कहानियां सुनाने और इसे मुझसे दूर करने के लिये

टिम: इन्होंने मुझे बचपन में बहुत सारी लोरियां सुनाई हैं, पापा
ये मेरे लिये मीठे सपने लाएंगी

पिफ: दुर्भाग्य से तुम गलत हो बेटा मुझे सुनो _ तुम्हारी मां तानाशाह है यह तुम्हें अपने बस में रखना चाहती है, जैसे कि मुझे कर के रखा है अगर तुम इसकी कहानियों पर ध्यान दोगे तो यह तुम्हें संसार के हर व्यक्ति से काट कर रख देगी तुम कभी किसी लडक़ी से स्वयं को पर्याप्तरूप से जोड नहीं सकोगे
मिट: तुम्हें पता है कि तुम घोर दुराचारी हो? तुम्हारी ये पागलों जैसी कल्पनाएं

पिफ: तुम्हारा अपने बारे में क्या ख्याल है?
मिट: हैरानी होती है अपने आप पर कि कैसे इतना लम्बा समय तुम्हारे साथ रह सकी? क्या तुम मेरे वो साल लौटा सकते हो?

पिफ: तुम मेरे लौटा सकती हो?
टिम: कृपया अपनी पुरानी दुर्भावनाएं अपने तक रखें
मैं अपनी छुट्टियां बिताने यहां आया हूं आप लोगों के साथ पिम भी किसी भी समय पहुंचती ही होगी आप अपने बच्चों को हताश करना चाहते हैं अपने इन अनवरत झगडों से क्या अब हमें यहां आना बन्द कर देना चाहिये क्यों इस घर में अब न शांति है न सद्भावनाएं
मिट: यह अच्छा हुआ कि पिम भी आ रही है
मेरी बिटिया अपने पिता को मुझसे कहीं ठीक से संभाल लेती है चिन्ता मत करो, मैं तुम्हारे लिये केक लेकर आती हूं। तुम बहुत थके हो तुम्हें कुछ खाना चाहिये

पिफ: अब, टिम हमें बातचीत कर लेनी चाहिये इससे पहले कि पिम आए और तुम्हारी मां यहां वहां कुछ सूंघती फिर
टिम: मैं समझा नहीं
बातचीत, किस बारे में?

पिफ: अं हमारी उस मुठभेड क़े बारे में
टिम: ' अल तन्त्रा केव' वाली? वह भयानक जगह?

पिफ: शऽश अपनी आवाज धीमी रखो
टिम: चिन्ता मत करो पापा
मैं वहां आपकी जासूसी करने नहीं गया था

पिफ: फिर क्या करने गये थे?
टिम: मैं वहां एक खोजी पत्रकार की तरह गया था
मैं डर गया था कि सैक्स, नशीली दवाएं, पैसे की उगाहियां और हत्याएं वहां धर्म के पवित्र उद्देश्यों के नाम पर चल रहे हैंआप जल्द ही मेरा एक आलेख 'अल तन्त्रा' पर जल्द ही प्रेस में जाने वाला है

पिफ: ओह अकल्पनीय! मैं असमंजस में हूं

टिम: मैं नहींमेरे पास पर्याप्त सबूत हैंयह मेरी महान रचना होगीआप इतने उत्तेजित क्यों हो रहे हैं?
पिफ: पता नहीं
( खामोशी) क्या तुम हमारी उस गुफा में हुई मुलाकात के बारे में अपनी मां को बताने से बचोगे ना? वह हमेशा दुर्भाग्य सूंघ ही लेती हैमैं डरता हूं वह हम पर पागलों की तरह बरसेगी अगर
टिम: मुझे पर नहीं
मेरी उनसे अच्छी बनती हैपर मैं हैरान हूं कि आप वहां क्या कर रहे थे? मैं बुरी तरह चौंका था आपको वहां पाकर

मिट केक लेकर हाजिर होती है
मिट: कहां, किस गुफा में? मुझे पता है किसी पापियों के क्लब में

टिम: मैं किसी क्लब में नहीं जाता, सिवा अपने असाइनमेन्ट के कामों के मम्मा
मिट: भगवान का शुक्र है
पर तुम्हारे पिता वहां क्या कर रहे थे?

टिम: पता नहीं, न मैं ने पूछा न उन्होंने बताया
मिट: तो ' न पूछो, न बताओ
' पॉलिसी काम कर रही है हमारे घर मेंमैं अपने घर की छत के नीचे यह सब बरदाश्त नहीं करुंगीपिफ, बताओ, अच्छे बच्चे की तरह, टिम किस गुफा की बात कर रहा था? ( वह पिफ को जकड लेती है और हिलाती है) कहां थे तुम? वहां तुम क्या कर रहे थे?
पिफ: यह जिद करना बन्द करो
मैं कुछ भी गलत नहीं करता
मिट: तुम कुछ छिपा रहे हो
मैं सच तो तुम्हारी आंतों से निकाल लूंगीजल्दी कहो, नहीं तो मैं स्वयं को मार लूंगी या तुम्हें मार दूंगी
पिफ: यह तानाशाही है
मैं इसके खिलाफ हूंमैं तुम्हें कुछ नहीं बताने वालाकुछ नहीं सैध्दान्तिक रूप से कुछ नहीं

मिट: मैं तुम्हारे सिध्दान्त जानती हूं( वह उसका गला पकडती और चीखती है) मैं उस जगह का नाम जान कर रहूंगी, तुम्हारे मुंह से हीयहां और अभीतुम मुझे सुन रहे हो ना!

टिम: शांत हो जाओ मम्मी तुम्हें हाई ब्लडप्रेशर रहता है
पिफ: इसका ध्यान रखो टिम
इसे कहीं आघात न पहुंचेकहीं यह चल बसी तो!
टिम: यह कैसे मर सकती हैं? इन्हें अभी मुझे यह मजेदार केक खिलाना है
मैं ठीक कह रहा हूं ना मम्मी? आपको पता है कि मुझे यह आपके हाथों से खाना पसंद हैमुझे इसकी जरूरत है
मिट: मुझे पता है बच्चे
मैं मरने वाली नहींपहले में तुम्हें केक खिलाऊंगी, पर मैं तुम्हारे पिता से सच उगलवा कर रहूंगीवे गलत हैं अगर सोचते हैं कि मुझसे कुछ छिपा लेंगे तो

पिम: ( प्रवेश करती है, अपने सफरी बैग के साथ) कौन किससे क्या छिपा रहा है? क्या चल रहा है? मैं ने मम्मी को चिल्लाते सुनाइनका गुस्सा फिर बढने लगा है क्या? मम्मी - पापा?
पिफ: तुम्हारी मां को हाई ब्लड प्रेशर है पिम
यह समयान्तराल के साथ बढ ज़ाता हैअब तुम आ गयी है तो सब ढीक हो जाएगा
पिम: ओ मां इधर आओ
मैं आ गई तुम्हारी बिटिया तुम्हारा पहला बच्चास्कूल से घर( दोनों आलिंगित होती हैं) अब आपको बीमार नहीं होना है और
मिट: स्वागत है पिम
यह ब्लडप्रेशर भी न गलत समय पर बढ ज़ाता हैअब तुम दोनों मेरे साथ हो, यह कम हो जाएगामैं तुम दोनों को तुम्हारा पसंदीदा केक खिलाती हूंतुम क्या सोचते हो पिफ यह कम होगा न!

पिफ चुप और खिन्न सा खडा है

पिम: बोलो न पापा, 'हां' कहो मम्मी सेआप इतने खिन्न क्यों हैं? कहो इनसे कि ये बिलकुल ठीक हो जायेंगीहम सब इनसे बहुत प्यार करते हैं
पिफ: हां मिट
हम तुम्हें प्यार करते हैंमैं, पिम और टिमतुम क्यों परेशान होओ?( टिम से) क्या यह पहले से बेहतर महसूस नहीं कर रही, टिम?
टिम: शर्त लगा लो, पहले से बहुत बेहतर

पिम: देखो मां, मैं तुम्हारे लिये एक सुन्दर धूप का चश्मा लाई
हूं।( वह अपनी मां की आंखों पर चश्मा लगाती है) आप बडी प्यारी लग रही हैं इस चश्मे में
मिट: शुक्रिया, मेरे बच्चे

पिफ: मेरे लिये क्या लाईं, पिम?
पिम: आप इंतजार कर सकते हो, पापा
मम्मी इस चश्मे से संसार कैसा दिखता है?
मिट: थोडा गहरा

पिम: नहीं मम्मी
बस जरा सूरज की तीखी किरणों का असर कम हो जाता हैयह आपकी आंखों के लिये आरामदेह होगा
मिट: मुझे नहीं पता पर तुम मेरी चांदनी हो
कुछ केक और खाओ
पिम: ठीक है पर मैं एक छोटा टुकडा लूंगी
मैं डायटिंग पर हूं
टिम: और डेटिंग?
पिम: शटअप!( पिफ की तरफ मुडक़र) आप थोडा लो न पापा
अगर आप अपने ब्लडशुगर का ध्यान न रख रहे हों तो
मिट: न पिम, पापा को रहने दो
चीनी इनके लिये ठीक नहीं
पिफ: तुम्हारी मम्मी ने मुझसे सारी मीठी चीजें छुडवा दी हैं

मिट: देखा तुमने कैसा डंक मारते हं तुम्हारे पापा
यही मेरे हाई ब्लडप्रेशर की वजह हैं
पिफ: तुम सच कहो न
मुझे तंग कर करके ही तुम्हें हाई ब्लडप्रेशर हुआ है
पिम: अब कोई रुखाई की बातें नहीं, मम्मी - पापा
अब पुराने झगडे भुला दो और मुस्कुराओआप दोनों को कुछ हास्य अपने भीतर पैदा करना चाहियेटिम चलो मम्मी - पापा की दुनिया सुन्दर बनाते हैं
टिम: अपने जादुई ठहाकों से, तुम्हारा मतलब? वही ठहाके जो हम हमेशा घर पर लगाते थे

पिम: बिलकुल सहीजब भी हम आते हैं, हम पापा मम्मी को एक दूसरे से पागलों की तरह झगडता पाते हैं
टिम: और फिर, हमारे ठहाके माहौल बदल देते हैं
ये इस घर के समय और स्थान को भर देते हैंयह इनकी उदासियां दूर भगाते हैंमैं तैयार हूं हंसने के लियेतुम तैयार हो पिम?

पिम: हांये बहुत तेज होने चाहिये इस बार
टिम: हां बहुत तेज
हालांकि बहुत ऊर्जा खप जाती है इनमें
पिम: मम्मी पापा हमारा साथ दो
अलग थलग मत रहो
टिम: कोशिश करो
ये ठहाके हमारे दिमाग में ध्वनित प्रतिध्वनित होते रहें और सब जगह फैल जायें
पिम: सब हमारा साथ दो, दिल से

वे हंसते हैं पिफ और मिट भी साथ देते हैं अपनी दुर्भावनाओं के बावजूद और ठहाके धीरे धीरे डूब जाते हैं दर्शकों के ठहाकों में

मंच पर अंधेरा छा जाता है और द्वितीय अंक समाप्त होता है

(नाटक के अगले खण्ड में  अल तन्त्रा केव का दृश्य, ओसो के कारनामे)
इस नाटक के समस्त अधिकार विष्णु शर्मा के पास हैं बिना उनकी अनुमति यह नाटक या इसका अंक न मंचित किया जा सकता है न प्रकाशित अथवा प्रसारित

मूल कृति: विष्णु शर्मा
अनुवाद : मनीषा कुलश्रेष्ठ
अगस्त 1, 2005

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