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चैट उस औरत ने धीरे से मेरे हाथ को दबाया और बोला- बेटा ये तो कब की चली गयी। मै एकटक उसे परेशान भरी नजरो से देख रहा था। मैने अपने आप को नियंत्रित किया और धीरे से बोला - कब मै तो यही था? उस औरत ने मेरे सामने की चेयर को खीच कर बैठते हुए बोला- आठ साल पहले। मै अविश्वास करते हुए बोला- एैसा कैसे हो सकता मैने दोपहर में उसके साथ चैट किया और फिर फिर शाम को हमें मिलना था। तब उस औरत धीरे से बोली- वो मै थी। यह सुन कर मै कन्फयूज सा चुपचाप उसे देखने लगा। पर वो बोलती रही- देखो मुझे माफ कर देना एक एक्सिडेन्ट में इसके पापा और ये जब नही रहे तब मै बिल्कुल अकले पड़ गयी। शुरू शुरू पैसो के लालच में नाते रिश्तेदार ने मेरा काफी साथ दिया । पर मतलब निकलने पर सब धीरे धीरे सब दूर हो गए । कोई भी मुझसे मिलता नही , बात नही करता । तब मैने अपनी बेटी के नाम से चैट कर लोगो से बात करने की सोची। ताकि जीवन का खलीपन भर जाए। एैसा नही कि तुम पहले हो जिसे मैनें यह बात बतायी। पर जब जब मैने लोगो को अपनी सच्चाई बताई उन्हाने वापस मुझसे कभी बात नही की। उसकी बातें सुन मै दो मिनट तक खमोश बैठा रहा है। और फिर बिना कुछ बोले चुपचाप उठकर चला गया। घर आकर सीधा कमरे में गया और बिस्तर पर लेट गया। और उस वाक्ये को सोचने लगा और कब ऑख लग गयी पता ही न चला। । सुबह उठा तो याद आया बिल चुकाना तो भूल गया था। फिर मन ही मन मै मुस्कुराया और कम्यूटर ऑन किया। वह ऑन लाइन थी। मैने बिल चुकाने के लिए उसे धन्यवाद भेजा- थैक्यु फॉर काफी।
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