मुखपृष्ठ
|
कहानी |
कविता |
कार्टून
|
कार्यशाला |
कैशोर्य |
चित्र-लेख | दृष्टिकोण
|
नृत्य |
निबन्ध |
देस-परदेस |
परिवार
|
फीचर |
बच्चों की
दुनिया |
भक्ति-काल धर्म |
रसोई |
लेखक |
व्यक्तित्व |
व्यंग्य |
विविधा |
संस्मरण |
डायरी
|
साक्षात्कार |
सृजन |
स्वास्थ्य
|
|
Home | Boloji | Kabir | Writers | Contribute | Search | Feedback | Contact | Share this Page! |
|
|
खुदा खैर करे
तेज फेशन की है रफतार खुदा खैर करे। नर भी आते है नजर नार खुदा खैर करे।। जेब पर तेरी हवलदार खुदा खैर करे। सर्द है सटटे का बेपार खुदा खैर करे।। एक जापे में एक महिला को हुए छै बच्चे। हे ये पेपर में समाचार खुदा खैर करे।। दुश्मन के लिए सरहद पे लगायें हम फैोजे। और घर में चले तलवार खुदा खैर करे।। आंख मारी है पडोसन ने मुझे इठलाकर। पत्नि ने देख लिया यार खुदा खैर करे।। मुझसे पूछो के है शैतान से बढकर वो लोग। सब जिन्हे समझे है अवतार खुदा खैर करे।। हंस के एक बार जब उस शोख ने मुझको। मुं से निकला मेरे सौ बार खुदा खैर करे।। जिनसे जनता ने लगाई है बडी उम्मीदे। वो है कुर्सी के तलबगार खुदा खैर करे।। मैंने तो यूं ही कहा था के हूे मै भी मन्सूर। लोग ले आये सरे दार खुदा खैर करे।। तोडे शाइर खुद ही बहरोर वजन की बन्दिश। फन के दुश्मन हुए फनकार खुदा खैर करे।। जितना करता हंू परिवार नियोजन पे आलम। उतना बढता है परिवार खुदा खैर करे।। सुनते है गाती है तनहाई में कुछ छोकरिया। 'हीरा इन्दौरी' के अशआर खुदा खैर करे।।
|
|
(c) HindiNest.com
1999-2021 All Rights Reserved. |