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जटायु का संघर्ष
हे जटायु! क्या तुझे मालूम न था बहुरूपिया रावण सीता को हरने आया है तो फिर तूने उसे तब क्यों नहीं नोंचा हरण के बाद तो रावण शक्तिशाली हो गया तब तेरा झपटना निरर्थक था और मरना भी निश्चित क्या केवल श्रीराम के हाथ अग्निसंस्कार कराने का तेरा प्रयोजन था सीता की रक्षा से कोई वास्ता नहीं ? नहीं.. नहीं ऐसा आरोप करना गलत है मै जानता हूं लेकिन क्या करूं आज समाज में असली जटायु कम हैं और बनावटी गिद्ध नेता राम के हाथों गौरव पा रहे हैं। |
सीमा रेखाएं अक्सर नक्शोंपर सीमा रेखाएं दर्शायी
जाती है |
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