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काव्य
जीवन है।
कहते
हैं जहां कुछ भी न पहुंच पाए वहां कवि अपनी कल्पना द्वारा पहुंच जाता है और
अपने काव्य द्वारा जीवन से जुडे प्रत्येक पहलू पर प्रकाश डालता है।
विश्वजाल पर यह हिन्दी कवियों का मंच है।
आपके
सहयोग से सुन्दर कविताओं द्वारा हम इस मंच को हिन्दी प्रेमियों में
लोकप्रिय बनाएं,
ऐसा
हमारा प्रयास रहेगा।
-
मनीषा
कुलश्रेष्ठ
manisha@hindinest.com
कविता सूची |
अ से अः
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क से डः
|
च से ञ
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ट से
ण |
त से न
|
प से
म |
य से श |
ष से ज्ञ
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कविताएं -
प से
म
प्यार
-
डा सी एस शाह
पगली बदली
-
मीनाक्षी झा
पछतावा-चन्द्र
प्रकाश देवल
पत्थर -
इला प्रसाद
पत्थर में राम-
लक्ष्मी नारायण गुप्त
पतझड़
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
पतझड़-
तेजेन्दर शर्मा
पतझड़ और अलगाव
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
पदचाप
-
डा सी एस शाह
परकीया
--सुमित्रानंदन पंत
परदा -राकेश
त्यागी
परदेस में -गौतम
कुमार सागर
परदेस में प्रीति
- अमित शर्मा
पलायन -गार्गी
पलाश के जंगल
– मनीषा कुलश्रेष्ठ
पर्वतारोही
-
विश्वमोहन तिवारी,
पूर्व एयर वाईस
मार्शल
पहचान
- श्यामल सुमन
प्रकृति अपनी-अपनी
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
प्रकृति का सबसे अनूठा छल
-
अंकुश मौनी
प्रकृति के नाटक-राकेश
त्यागी
प्रगति पथ
-
अनिता जैन
प्रण
-
अखिलेश सिन्हा
प्रतीक्षा - राजीव
कुमार
प्रवासी कवियों की कलम से
-
ऊषा राजे
सक्सेना
प्रवासी पुत्र
-
डॉ
रमाकान्त शर्मा
प्रश्न
-
अखिलेश सिन्हा
परामर्श का प्रसाद
- अविनाश बिहारिया ''आर्य``
परिवर्तन
-
डा सी एस शाह
परिवर्तन है नवजीवन
-
राजेन्द्र कृष्ण
पलाश के जंगल
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
पश्चाताप
-
शैलेन्द्र चौहान
प्रवासी कवियों की कलम से
- ऊषा राजे सक्सेना
पहले जैसी बात नहीं
--
सन्तोष कुमार सिंह
पाबागिल सब हैं
-परवीन शाकिर
पानी
-
जय
कुमार रूसवा
पारदर्शी
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
पारितोषिका
-
संगीता गोयल
पावस गीत
-
सुधा सक्सेना
प्राण कैसे आऊं तुम तक
- नीरजा
द्विवेदी
प्रातः काल- विनोद कुमार
पिघल रही है बर्फ़
- दीपक मशाल
प्रिज्म़
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
पिता- जया जादवानी
पिन्जरा
-
शिवा रमण
पाण्डेय
पिया
न आये-कुलवन्त
सिंह
पीछे
-
राज जैन
पीड़ा
-
शिवा रमण
पाण्डेय
पीले पत्तों का सैलाब - मनीषा कुलश्रेष्ठ
पुकार
-
सुमन कुमार घेई
पुनर्जीवित अभिमन्यु
-अमित शर्मा
पूछूंगी तुमसे- जया जादवानी
प्रकाश-श्याम
श्रीवास्तव
प्रदूषण के गुबार
- संजय वर्मा "दृष्टि
प्रवाह- अजंता
प्रेम-हरीश
करमचन्दाणी
प्रेम
-
जया जादवानी
प्रेम
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
प्रेम
-
अखिलेश सिन्हा
प्रेम
-
गरिमा
प्रेम की उम्र के चार पड़ाव
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
प्रेम की ऋतु -
राजेन्द्र कृष्ण
प्रेम की परिभाषा
-
लावण्या शाह
प्रेम की परिणितिः
महाशून्य - राजेन्द्र
कृष्ण
प्रेम के बाद
- जया जादवानी
प्रेम बनाम प्रकृति
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
प्रेम राग
-
इन्दु मज़लदान
प्रेम स्मृति
-
लावण्या शाह
प्रेम-संगिनी
-
डॉ शालिनी यादव
प्रेम-लगन
-
सुमन कुमार घेई
प्रेम में प्रैक्टिकल
होना - अपर्णा अनेकवर्णा
प्रौढ़ प्रणय निवेदन
- डॉ
लक्ष्मीनारायण गुप्त
पौधा -पद्मेश
गुप्ता
पौधा -सुधेश
पॉश खेल - शिखा
वार्ष्णेय
फगुनाहट -
श्यामल सुमन
फगुआ
-अरूण
प्रसाद
फागुन की रितु
मनीषा कुलश्रेष्ठ
फागुन के रंगों की ग़ज़लें -
संजय विद्रोही
फागुनी आंगन-
डॉ. सरस्वती माथुर
फागुनी बसन्त
-श्याम
'' साहिल''
फिर तेज़ हवा का झौंका
- अब्बास रज़ा अलवी
फ़िर
अतीत की खुली डायरी
-शार्दुला नोगजा, सिंगापुर
फूलों का आँगन
-
अब्बास रज़ा
अल्वी
फूलों का धर्म
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
बड़ा हुआ बच्चा -
शिखा वार्ष्णेय
बचपन
-
हरीश करमचन्दाणी
बज गया बाजा
- डॉ
अरविन्द रूनवाल
बंटवारा-
श्याम
श्रीवास्तव
बदल दो जो बदल रहा है
- अर्पिता श्रीवास्तव
बंद मुट्ठी - अशोक प्रितमानी
बन कविता
मुस्काती- हरिहर झा
बन्धन
- राज जैन
बरखा: हेमन्त रिछारिया
बरसात - गरिमा गुप्ता
बरसात की कविताएं - अजन्ता शर्मा
बरसात के बाद
- गरिमा
बस एक ही पल में
- सुधा रानी
बसन्त के कुछ गीत - डॉ. जगदीश व्योम
बसंत वाचाल
- शैलेन्द्र चौहान
वसंत के आगमन
-अंजली यादव
बा
-सुमन केशरी
बा और बापू
-सुमन केशरी
बासंती
हवा की होती हैं हज़ार उंगलियां
- मनीषा
कुलश्रेष्ठ
बस मां - अन्तरा करवड़े
बहारों से न तुम पूछो
- ज्ञानराज माणिकप्रभु
बहुत दिनों बाद -
राजीव कुमार
बाजार-
संदेश त्यागी
बात दिल से अगर बयां होती- हसनैन रज़ा
बातें तुम्हारी प्रिये-अभिरंजन कुमार बातों के अर्धविराम
- सुशील गोस्वामी
बादल -
गरिमा गुप्ता
बालगीत
- सुधा सक्सेना
बासंती बसंत की
- सुनील अग्रवाल
बिखरे पुष्प की गंध
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
बिगड़ते रिश्ते
- रति सक्सेना
बीतराग -
राजेश जैन
बुझता चिराग
- मीनाक्षी झा
बुद्धम
शरणं गच्छामि...........-
दीपक शर्मा
बुरा न मानो होली है
- राजेन्द्र कृष्ण
बूझो तो जानें
- संजय कुमार गुप्त
बूढ़ी आँखें
-
शबनम शर्मा
बूढ़ा बरगद
- शरद पटेल
बेटियाँ -
शबनम
शर्मा
बेबस
- प्रिया रूनवाल
बेबस बेवतन - समीर
बेबसी
-सुधा
ओम ढींगरा
भक्ति- डा सी एस शाह
भविष्य आंकते-आंकते...
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
भारत माता
- राममूर्ति स्वामीनाथन
भावी विप्लवकारी
की मां -
सुनीतीचंद्र
मिश्र
भाषा
- धरमवीर भारती
भिखारी १
- प्रदीप चौबे
भिखारी २
- प्रदीप चौबे
भीख
- संगीता गोयल
भुवन मोहिनी सन्यासिन
- मंजरी भान्ती
भूल
- अखिलेश सिन्हा
भेद
- राज
भोर का गीत
-महेन्द्र
भटनागर
भोर से पहले-मुकेश
सोनी
भूख की भाषा नहीं
-
सत्यवान सत्य
भ्रम और सत्य -
डा. सी एस शाह
भ्रष्ट राष्ट्र
-
मीनाक्षी
झा
मइया मोहिं डाऊ बहुत खिझायो
-
लक्ष्मीनारायण
गुप्त
मजदूर दिवस
-
अस्त्र्ण कुमार प्रसाद
मत छुओ मुझे-
सुषम बेदी
मदन और मोहन
-
लक्ष्मीनारायण गुप्त
मदिरा ढलने पर-
हरिहर झा
मन और मैं
-
दीपक रस्तोगी
मन कहता है
-
मीनाक्षी झा
मन
के गाँव में - मनीष चन्द्रा
मन के भाव
-
आस्था
मन गीला हुआ जाता
-
डॉ.
निर्मल विनोद
मन : पागल पंछी
-
आस्था
मन्दिर ने कहा मस्जिद से
-
डॉ. विवेक
साहनी
मनीप्लान्ट
-मंजु
महिमा भटनागर
मनौती
-जयप्रकाश
मानस
मंज़िल
-
प्रबुद्ध जैन
मरूस्थलः जीवन की दो कविताएं :
नंद भारद्वाज
मरूस्थलः
प्रेम की दो कविताएं :
नंद भारद्वाज
मलाला - अनुपमा
तिवाड़ी
मवाद -
विजय
ठाकुर
महा विस्फोट -
विश्वमोहन तिवारी, पूर्व एयरवाईस मार्शल
माटी की गंध -
डॉ. रीता हजेला '
आराधना '
मानवता की लाश
-
सुमन
कुमार घेई
माया
-
राजेन्द्र कृष्ण
माया एंजलू से हुई
मेरी बात -अपर्णा मनोज
माया के गर्भ से
-
लक्ष्मीनारायण गुप्त
मायूसी
-
नीरज माथुर
मात्र एक उत्सव
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
माँ
-
शबनम
शर्मा
माँ
- गरिमा गुप्ता
माँ सरस्वती वन्दना
-
सावित्री जायसवाल
मां का हलवा
-
रुचि
चन्द्रा
मां की सीख
-
चंपा वैद
मांझी
-
महेन्द्र
भटनागर
मानसून
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
माँ
- गरिमा गुप्ता
माँ
याद बहुत याद आती है
-
रचना
माँ सरस्वती वन्दना
-
सावित्री जायसवाल
मिट्टी के दिये
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
मिलन
- दीपक
रस्तोगी
मिलन पाठ
-जयप्रकाश
मानस
मीठी सच्चाई
-
शिवकामी
सुब्रमण्यन्
मीडिया की आंधी
- महेश चन्द्र
द्विवेदी
मुखौटे आदिवासियों के
- रति सक्सेना
मुझसे दूर कहाँ जाओगे
- अशोक
प्रितमानी
मुझे मालूम है -
मधुप मोहता
मुन्नी की करवट
-
आशुतोष दूबे
मुस्कुरा के कहना
- सय्यद मुज़म्मिलुद्दीन
मूर्ख-सच
-
अमित
कुमार सिंह
मूल्य है निर्माण का
-रोहिनी कुमार भादानी
मेरा आकाश
-
शंकर सिंह
मेरा चाँद
-
डॉ.शशि
पठानिया
मेरा पलायन..
-शीतल
मेहता
मेरा मन
-
गरिमा
मेरा व्यक्तिगत मसला
- रविन्द्र बतरा
मेरी कहानी
-मथुरा
कलौनी
मेरी चदरिया
- रति
सक्सेना
मेरी कृतियाँ मर गयीं
-
सुरेशचन्द्र शुक्ल
'शरद आलोक'
मेरी दो ज़िन्दगियां समानान्तर
: एक प्रवासी मनःस्थिति
-
सुषम बेदी
मेरे पास की औरतें
- अनुपमा तिवाड़ी
मेरे पासपोर्ट का रंग...
- तेजेन्द्र शर्मा
मैं अपनी होना चाहती हूँ
- जया जादवानी
मैं अनोखा हो गया हूँ
-अभिरंजन कुमार
मैं अहं तुम्हारे पुरूष का
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
मैं आज अपने गाँव लौट जाऊँगा -
सेमंत हरीश
मैं इसे यूँ सुनूँगी
-वन्दना शर्मा
मैं उसका कमरा
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
मैं जानता था उसने ही बरबाद किया है
- तेजेन्दर शर्मा
मैं जो एक दिन- नन्द भारद्वाज
मैं नदी हूँ -
अनुपमा तिवाड़ी
मैं बिरहन
- मीनाक्षी झा
मैं सड़क हूं
-
यू ए़म स़हाय
मैं हूं... -किरण राजपुरोहित नितिला
मैं हूं
-
प्रबुद्ध जैन
मैंने कहा
- सुशील कृष्नेत
मोड़ एक अनजाना
-
अंकुश मौनी
मोनालिसा की तस्वीर!
-
मनीषा कुलश्रेष्ठ
मोहने का उपक्रम
-महेश चन्द्र
द्विवेदी
मोक्ष का रहस्य
- नवल किशोर कुमार
मौन
- महेश
चन्द्र
द्विवेदी
मौन
-
सुमन कुमार घेई
मौन के गीत -
शिरीषा
मौसम
-
प्रताप सोमवंशी
मौसम
-
आरती होनराव
मौसम -
हरिहर झा
मौसमे बहार मेरे
गुलसितां में है
-परवीन शाकिर
मृत्यु किसी को डराती नहीं
-चन्द्र
प्रकाश देवल
मृत्यु से मत भागों
-चन्द्र
प्रकाश देवल
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