मौत के दरवाजें से
झांकती एक ज़िन्दगी
तरस रही है
एक बूंद पानी के लिये
तड़प रही है
एक रोटी के लिये
सरकारी आंकड़ों में
उत्पादन बढ़ा है
गतवर्ष की तुलना में
निर्यात बढ़ा है
फिर भी पलामू का
केशवराम भूख से व्याकुल
मौत के दरवाज़े पर खड़ा है
तीन साल से
रबी‚ भदई और खरीफ
एक भी फसल नहीं हुई
तीन सौ एकड़ उपजाऊ ज़मीन
बंजर बन गई
फसल तो दूर
घास भी नहीं उग रही
आदिमानव की तरह
लोग जंगलों में भटकते हैं
पौधों की जड़ों को खोदते हैं
काटते – उखाड़ते हैं
कड़वाहट निकालने के लिये
पानी में उबालते हैं
फिर इसे चबाते हैं
पेट की आग बुझाने के लिये
बाज़ार में ‚ सरकारी गोदामों में
बहुत अनाज है
किन्तु ये
गरीब दाने दाने को मोहताज हैं।
कविताएँ
अकाल
आज का विचार
मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।
आज का शब्द
मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।