उस एक मोड़ से ज़रा हट कर
वहां पीछे से मुड़ती गली के ढलान पर
उतर कर देखो
तो —
हर एक व्यक्ति के अन्दर
एक जंगल मिलता है
जहां कोई नहीं जाता
स्वयं वह भी नहीं
हाँ कभी कभी
सम्मोहन भटका कर ले जाते हैं उसे
व्यक्तित्व के उस अन्दरूनी इलाके में
जहां हाथ को हाथ नहीं सूझता
पैर लड़खड़ाते हैं
कहीं वासनाओं की फिसलन
तो कहीं अहं की बहुत कठोर
मगर टूटी – फूटी दीवारें
उलझाती हैं मोह की कंटीली बेलें
डराती हैं भय की अनाम गुफाएं
उम्र के इस शानदार शहर के पीछे
दफन हैं न जाने कितनी भली इच्छाएं
वहां रसायनों की नदी बहती है
जो पालती – पोसती है
इन मानसिक क्रियाओं – प्रतिक्रियाओं को
हंसी के फूलों को‚ आंसुओं की दूब को
संतुलनों को‚ विकारों को‚ आतंक को
कुण्ठाओं‚ उत्तेजना‚ क्रोध के कैक्टसों को
यहां इस जंगल के अन्त में
यह कब्रगाह है सपनों का
यहाँ
चीख – चीख कर
जब लौट आती हैं पुकारों की चिमगादड़े
तो टकराती हैं अहम की दीवारों से
यहाँ
थक हार कर सो जाती है अनाथ आस्था
पथरा जाता है विश्वास रो रो कर
प्यार चुपचाप उदासीन हो समाधिस्थ है
वहाँ उधर अंधेरों के बियावां में
अवचेतन की गहरी खाईयों के बीच
मन पर जमी ग्लानि की चट्टानों पर
डर के ज़हरीले कुकुरमुत्ते उग आए हैं
डरते हो?
यह जंगल है तुम्हारा अपना
तुम्हारे अपने दिलो दिमाग के
अन्दरूनी हिस्से में फैला
तुम्हारा अन्तस‚
तुम्हारी अपनी ही देह के भीतर
करवटें लेता।
कविताएँ
अन्तस यात्रा
आज का विचार
मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।
आज का शब्द
मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।