सब कहते हैं‚
मुरझा गई है मुस्कान
समेट लिये हैं पंख अपने
आवाज में घुल गई है
उदासी की नमी
जल्दी जल्दी झपकती पलकें
बेतहाशा इधर उधर दौड़ती नज़रें
अब ठहर – ठहर जाती हैं
कहीं‚ अचानक कभी भी
हसंते खेलते मौसम में भी
पकड़ लेती है
एक धागा हताशा का
और बुनती है
लम्बी ढीली ढाली उदासी
वजह इस उदासी की
तू भी नहीं‚ वो भी नहीं
सच पूछो तो मैं भी नहीं
यह ज़िन्दगी ही है
जो
दौड़ कर उतरी थी
ढलान
और खा गई मोच
अब यह चलती है
तो दर्द होता है
ठहरती है तो टीस!!
कविताएँ
एक धागा हताशा का
आज का विचार
मिलनसार The new manager is having a very genial personality. नये मैनेजर का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार है।
आज का शब्द
मिलनसार The new manager is having a very genial personality. नये मैनेजर का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार है।