उस क्षण,
न जाने क्यों ऐसी अनुभूति हुई
कि मेरा मन
एक विस्तृत भू-खण्ड है
मुझे भान ही कहां था
कि इस घास से भरे भू-खण्ड पर
कब से हजारों पक्षी
न जाने कैसे बीज चुग रहे है
अगर तुम न आते
और
इन अजाने- अदेखे
पक्षियों का झुण्ड शोर मचाकर
उड न गया होता
तो,
मैं अपने हरे भरे मन की
थाह कैसे पाती?
कविताएँ
हरे भरे मन की थाह
आज का विचार
समानता Women’s Day advocates gender parity. महिला दिवस लैंगिक समानता की वकालत करता है।
आज का शब्द
समानता Women’s Day advocates gender parity. महिला दिवस लैंगिक समानता की वकालत करता है।