।। एक ।।

इधर सुनो

सच तो यह है कि

झेंपता हुआ चांद

कभी अपने आकार में मुस्‍कराता

हम दोनों के बीच

लगभग अकेला

हमेशा मिलाता है हमें

हमारी दूरी को

हमेशा अपने होने से पाटता

छेड़ता कभी तुमको

कभी मुझ संग अठखेलिया करता

इधर सुनो

इस ब्रम्‍हाण्‍ड में

किसी और की नहीं

केवल हमारी मध्‍यस्‍थता के लिए

तैनात रहता है वह

बेनागा……….

।। दो ।।

इधर सुनो

कुछ शब्‍द भटक गए थे कल

नहीं पहुंच पाए थे तुम तक

उन्‍हें ढूंढ कर

ध्‍यान से सुन लेना तुम

रास्‍ते में मिल गए होंगे वे

तुम्‍हारे कहे शब्‍दों से

झिझकते हुए

पहचान बढ़ा रहे होंगे परस्‍पर

र को ठंड में कांपता देख

स ने ओढा दी होगी अपनी मात्रा

क को भीगता हुआ पाकर

के ने लगा दी होगी छतरी

इधर सुनो

ठीक नहीं

इतना हमारे शब्‍दों का मिलना

डर है मुझे

अकेला न कर दें

हमारे ही शब्‍द हमें

।। तीन ।।

इधर सुनो

कल नहीं मिल पाऊंगा में तुमसे

बेबजह के काम हैं कुछ

निपटाने हैं कुछ हिसाब-किताब

जवाब देने हैं चिट्टिठयों के

चाय पर बुला रखा है पड़ोसी को

छांटना है अखबारों की रद्दी

इधर सुनो

कल मिल लेना तुम मुझसे आकर

फिर पूरे दिन साथ ही रहना

।। चार ।।

इधर सुनो

मफलर निकाल लो अब तुम

ढंक कर रखा करो अपने कान

तुम तक पहुंचते-पहुंचते

ठंड ना लग जाए  कहीं

मेरे बोले गए शब्‍दों को

।। पांच ।।

इधर सुनो

मैं जो बोल रहा हूं तुमसे

तुम्‍हें ही समझाना है

मुझे उसका अर्थ

।। छह ।।

इधर सुनो

तुम्‍हें ही सुनना है

मेरे कानों से

मेरे न बोले गए शब्‍द

।। सात ।।

इधर सुनो

कई दिनों से

नहीं सुन पाया तुम्‍हें तसल्‍ली से

आज की शाम

कर दी है खाली मैंने

तुम्‍हारे शब्‍दों को सहेजने के लिए

।। नौ ।।

इधर सुनो

थोडी ताकीद रखा करो तुम

कोई और न पढ पाएं

तुम्‍हारे लिए लिखे मेरे शब्‍द

वैसे पढ भी लें अगर

कोई इन शब्‍दों को

नहीं समझ पाएगा वह

इनका वह अर्थ

जो पहुंचता है तुम तक  

।। दस ।।

इधर सुनो

थक गया हूं मैं अब

लगातार बोलते-बोलते

तुम ऐसा करना

मेरे पिछले शब्‍दों की

धूल झांडकर

फिर-फिर से सुन लेना उन्‍हें

कहीं एकरसता ना हो उनमें

निकाल लेना

अपनी मर्जी से

अपना कोई मनचाहा अर्थ

इधर सुनो

पर खुश रहना तुम

मेरे पिछले शब्‍दों को सुनकर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

आज का विचार

मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।

आज का शब्द

मोहर Continuous hard work is the cachet of success in the life. निरंतर परिश्रम ही जीवन में सफलता की मोहर है।

Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.