मेरे ही साथ क्यों
जो इस पल होता है‚
तो वह‚
अगले पल नहीं होता
मैं तो वही होती हूँ
अपनी शर्तों पर जीती
अपने मूल्यों को सहेजती
वही की वही मैं
तुम बदल जाते हो
मेरे ‘मै’ होने से घबरा कर
या मेरी नन्हीं अपेक्षाओं से
ऐसा क्या मांग बैठती हूँ मैं?
कि सब कुछ बदल जाता है
वो लम्बा चौड़ा
हर पल विस्तार पाता प्यार
कितना संर्कीण हो जाता है
कि उतना भी लौटा कर नहीं देना चाहता
जितना लिया था
एक खत
एक मीठी बात
या
एक शुभकामना
उत्साह भरा साथ
एक उत्सवॐ
मगर
एक फड़फड़ाती तितली
को
तब तक ज़रूर बांधे रखना चाहता है
तुम्हारा प्यार
जब तक कि उसके पंख
तार तार हो जायें
रंग छूट कर
उंगलियों की पोरों पर लग जाये।
कविताएँ
इस पल
आज का विचार
मिलनसार The new manager is having a very genial personality. नये मैनेजर का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार है।
आज का शब्द
मिलनसार The new manager is having a very genial personality. नये मैनेजर का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार है।