एक प्रिज़्म है
तुम्हारी ये नई सलोनी उदासी
जिसमें से गुज़र कर
वियोग
सात रंगों
सात भावों
में
छन कर आता है
पीडा का बैंगनी रंग
कामना का नीला
प्रेरणा का आसमानी रंग
तो
लगाव का हरा
मोह का पीला रंग
आकर्षण का नारंगी रंग
और अंतत:
लाल रंग प्रेम का
कविताएँ
प्रिज़्म
आज का विचार
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।
आज का शब्द
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।