पूरा देश मना रहा है
एक सुनहरी सुबह
सलाम कर रहा है
उस पहली स्वतन्त्र किरण को
बरसों पहले चमकी थी जो इस देश के क्षितिज पर
उल्लास का एक समुद्र अपनी लहरों के साथ नाचता
बिखर गया है हर कण में
बहुत करता है मेरा मन भी
मैं जो जन्मा हूँ इस आज़ादी की गन्ध के साथ
मैं जो भोग रहा हूँ
सेनानियों के बलिदान का फल
कि इस सुनहरी किरण को
बाँध अपने शरीर के साथ नाचूं इतना
साकार होते स्वप्न की प्रसन्नता जितना
जितना मेरे देश का रगो–रेशा
मैं भी चाहता हूँ गर्व करना
देश की प्रगति पर
सबकुछ भूल कर
करोड़ों भूखे पेटों से आंखें मूंद कर
खर्च करना चाहता हूँ‚ करोड़ों जन्मदिन के नाम पर
भूल जाना चाहता हूँ‚ इस आज़ादी को
जो बन गई कुछ लोगों के लिये
दो से आठ रोटियाँ जुटाने का मंत्र
कुछ के लिये अभी भी है
अपनी रही–सही दो रोटियां बचाने का प्रयत्न
मैं भी गर्व करना चाहता हूँ
विश्व के इस महान प्रजातन्त्र पर
ओ‚ मेरे प्रजातन्त्र! तेरी ही बदौलत ही
तेरे महान जनसेवक आज
हत्याओं के आरोपी
मुक्त हो जेल की दीवारों से
फैसला कर रहे हैं‚ तेरे भाग्य का
आज जब देखता हूँ संसद में
नंगा नाच स्वार्थ का
देखता हूँ सफेद खद्दर में छिपे
बगुलों का मुक्त अट्टहास
हथेली फैलाए मांगता हूँ आकाश से
तभी एक गर्म बूंद
तलाश के लिये खुली हथेली में बस जाती है
चौंक जाता हूँ
किसकी आँख का आंसू
दर्द ने छिटका दिया है आज
कहीं यह आंसू
उस आँख का तो नहीं
कहलाती है जो भगतसिंह या चन्द्रशेखर या आज़ाद
जो नहीं बहा था चढ़ कर फांसी पर भी
पर देश में देख नंगा नाच
फूट पड़ा है आज बरबस।
इन सब अंधेरों के बावज़ूद
नहीं डूबा है
नहीं डूबेगा
मेरी आस्था का सूरज
विश्वास है मुझे।
कविताएँ
तेरे जन्मदिन पर ओ मेरे देश
आज का विचार
मिलनसार The new manager is having a very genial personality. नये मैनेजर का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार है।
आज का शब्द
मिलनसार The new manager is having a very genial personality. नये मैनेजर का व्यक्तित्व बहुत ही मिलनसार है।