|
धीरेन्द्र
अस्थाना
जन्म : 25 दिसंबर 1956, उत्तर प्रदेश के शहर मेरठ में।
शिक्षा : मेरठ,
मुजफ्फरनगर, आगरा
विवाह : 13 जून 1978 को देहरादून में ललिता बिष्ट से प्रेम विवाह के बाद दिल्ली आगमन। हिंदी के सबसे बड़े पुस्तक प्रकाशन संस्थान राजकमल प्रकाशन से रोजगार का आरंभ। तीन वर्ष यहां काम करने के बाद लगभग नौ महीने राधा प्रकाशन में भी काम।
पत्रकारिता : सन्
1981 के अंतिम दिनों में टाइम्स समूह की साप्ताहिक राजनैतिक पत्रिका
'दिनमान' में बतौर उप संपादक प्रवेश। पांच वर्ष बाद हिंदी के पहले
साप्ताहिक अखबार 'चौथी दुनिया' में मुख्य उप संपादक यानी सन् 1986 में। सन्
1990 में दिल्ली में बना-बनाया घर छोड़कर सपरिवार मुंबई गमन। एक्सप्रेस समूह
के हिंदी दैनिक 'जनसत्ता' में फीचर संपादक नियुक्त। मुंबई शहर की पहली नगर
पत्रिका 'सबरंग' का पूरे दस वर्षों तक संपादन। सन् 2001 में फिर दिल्ली
लौटे। इस बार 'जागरण' समूह की पत्रिकाओं 'उदय' और 'सखी' का संपादन करने।
सन् 2003 में फिर मुंबई। सहारा इंडिया परिवार के हिंदी साप्ताहिक 'सहारा
समय' के एसोसिएट एडीटर बन कर। फिलहाल 'राष्ट्रीय सहारा' हिंदी दैनिक के
मुंबई ब्यूरो प्रमुख।
कृतियां : लोग हाशिए पर,
आदमी खोर, मुहिम, विचित्र देश की प्रेमकथा, जो मारे जाएंगे, उस रात की गंध,
खुल जा सिमसिम, नींद के बाहर (कहानी संग्रह)
समय एक शब्द भर नहीं है, हलाहल, गुजर क्यों नहीं जाता, देश निकाला (उपन्यास)।
पहली कहानी 'लोग हाशिए पर' सन् 1974 में छपी जब उम्र केवल 18 वर्ष की थी। नवीनतम रचना 'देश निकाला' सन् 2008 में छपी जब उम्र 52 वर्ष की है। धीरे-धीरे लेकिन रचनात्मक स्तर पर निरंतर सक्रिय। पत्रकारिता के दैनिक तकाजों, तनावों और दबावों के बावजूद।
प्रत्येक कहानी का छपना, छपे हुए शब्दों की दुनिया में, एक घटना बन जाता
है। कोई भी रचना इसी लिए 'अन नोटिस्ड' नहीं जाती।
फिलहाल फिल्मी दुनिया के बैकड्रॉप पर लिखे लघु उपन्यास 'देश निकाला' के लिए
चर्चा में हैं जो सन् 2009 की पहली तिमाही में भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन से
पुस्तक रूप में छपने के लिए घोषित हुआ है।
5 जनवरी 2007 से प्रत्येक शुक्रवार हिंदी फिल्म देख कर फिल्म समीक्षा लिखने का काम संभाला है जो आज तक जारी है। इस नयी भूमिका का बीज सन् 2006 के गोवा फिल्म समारोह की रिपोर्टिंग के दौरान विकसित हुआ था। सिनेमा पर भी एक किताब वाणी प्रकाशन से आने को है।
पुरस्कार : पहला महत्वपूर्ण पुरस्कार
1987 में दिल्ली में मिला : राष्ट्रीय संस्कृति पुरस्कार जो मशहूर पेंटर
एम.एफ. हुसैन के हाथों स्वीकार किया। पत्रकारिता के लिए पहला महत्वपूर्ण
पुरस्कार सन् 1994 में मिला : मौलाना अबुल कलाम आजाद पत्रकारिता पुरस्कार,
मुंबई में। सन् 1996 में इंदु शर्मा कथा सम्मान से नवाजे गये।
अतिरिक्त : एक उपन्यास और एक कहानी संग्रह जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के एम.ए. (हिंदी) पाठयक्रम में शामिल। एक कहानी गोवा विश्वविद्यालय के बी. ए. के पाठयक्रम में शामिल। एक कहानी गढ़वाल विश्वविद्यालय के बी. ए. के पाठयक्रम में शामिल। मुंबई, हरियाणा और कर्नाटक के विश्वविद्यालयों में विभिन्न पुस्तकों पर लघु शोध (एम. फिल) जारी।
संपर्क : dhirendraasthana@yahoo.com dhirendra.asthana@rashtriyasahara.com
|
कहानी
|