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अभी थोड़े ही दिन पहले एक हिन्दी
चैनल के एक खासे लोकप्रिय कार्यक्रम में संजय दत्त अपने मासूमियत के अच्छे
खासे अभिनय के साथ अपने शुभचिन्तकों और परिजनों के साथ बड़ी बड़ी बातों और
आदर्शों के साथ मौज़ूद था। उसने दर्शकों को लगभग यकीन दिला ही दिया था कि
बॉम्बे ब्लास्ट के मामले में उनके विरोधियों ने उन्हें फंसाया था‚ अन्यथा
सुनील दत्त जैसे सज्जन पिता का पुत्र ऐसा कैसे कर सकता है? |
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