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क्या लोकतन्त्र और संविधान भारत में
एक मज़ाक बन कर रह गया है? क्या जनादेश अदालत के फैसलों की अवमानना कर सकता
है? भ्रष्टाचार के कई मामलों में दोषी व्यक्ति को मुख्यमंत्री जैसे
महत्वपूर्ण पद पर आना चाहिये? क्या संविधान के अस्पष्ट प्रावधानों के चलते
देश अब भ्रष्टाचारियों‚ सजायाफ्ता लोगों के हाथों चलने वाला है? |
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