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साहित्य समाचार
एस.आर. हरनोट के उपन्यास 'हिडिम्ब' का विश्व पुस्तक मेले में लोकापर्ण
प्रख्यात आलोचक एवम् राष्ट्रीय सहारा के प्रधान सलाहकार सम्पादक डॉ। नामवर सिंह द्वारा एस। आर। हरनोट के उपन्यास ' हिडिम्ब का विश्व पुस्तक मेले के दौरान लोकापर्ण किया गया। इस अवसर पर चर्चित कथाकार – उपन्यासकार डॉ। काशीनाथ सिंह‚ बिहार राष्ट्रभाषा परिषद के अध्यक्ष श्री यादव, श्री देश निर्मोहीह्य प्रकाशक‚ आधार प्रकाशन‚ पल – प्रतिपल के सम्पादकहृ‚ कहानीकार – उपन्यासकार श्री सूरज प्रकाश‚ ओमा शर्मा‚ पंकज मित्र सहित कई प्रतिष्ठित लेखक व प्रकाशक मौजूद थे। ' दारोश तथा अन्य कहानियां ' कथा संग्रह के लिये अन्तर्राष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान 2003 से सम्मानित हरनोट का यह पहला उपन्यास है।
इस उत्तर आधुमिक समय में जब जल‚ जंगल‚ पहाड़‚ संस्कृति एवम् परम्पराओं की चिन्ताएं हाशिये पर चली जा रही हैं‚ एस। आर। हरनोट का यह उपन्यास इन चिन्ताओं को विमर्श के केन्द्र में लाने की एक विनम्र कोशिश है। यह उपन्यास हिन्दी के पाठकों के लिये एक बिलकुल अपरिचित परिवेश में प्रवेश करने जैसा है‚ जहां देवता हैं‚ गूर हैं‚ उनके कारकून हैं और काहिका जैसी अनूठी परम्पराएं हैं। साथ – साथ नेता‚ सैकरेटरी‚ प्रधान और ठेकेदार हैं और उनकी सत्ता है। जहां नदी जैसा बहता निर्मल जीवन है और पहाड़ जैसे ऊंचे चरित्र हैं‚ जिन पर समय की लगी कु – दृष्टि है। एक अंचल की कथा होते हुए भी ' हिडिम्ब' के सरोकार वैश्विक हैं। पर्यावरण की फिक्र के साथ – साथ प्रकृति का भी आक्रोश है।' हिडिम्ब ' शीर्षक से ऐसा प्रतीत होता है जैसेप यह एक पौराणिक कथा हो लेकिन ऐसा नहीं है। इसे एक राक्षसी प्रवृति के रूप में लिया गया है‚ जिसकी कथा में यह तथ्य प्रमाणित करने का प्रयास है कि हिडिम्ब या उस जैसे अनेक राक्षस आज भी भ्रष्ट नेताओं और स्वार्थी लोगों के भीतर बैठे ज़िन्दा हैं। एक दुर्लभ नड़ जाति के परिवार के इर्द – गिर्द रची – बुनी ' हिडिम्ब' की कथा को सरोकारों के साथ प्रस्तुत करने वाला शायद यह इस तरह का पहला उपन्यास होगा। इस उपन्यास का एक महत्वपूर्ण पक्ष दलित चेतना भी है जो एक पॉज़िटिव रूप में ' हिडिम्ब ' की कथा में आई है। यह उपन्यास आधार प्रकाशन‚ पंचकूला द्वारा प्रकाशित किया गया है। एस। आर। हरनोट की ' दारोश तथा अन्य काहानियां ' पुस्तक खूब चर्चित रही है। उम्मीद की जानी चाहिये कि उनका यह उपन्यास भी इस वर्ष की साहित्य चर्चा में अपना स्थान बनायेगा।
 

 

छायाचित्र में लेखक एस. आर. हरनोट(दायें)‚ ' हिडिम्ब ' का लोकापर्ण करते हुए डॉ। नामवर सिंह‚ उनके साथ हैं आधार प्रकाशन के प्रोपराइटर देश निर्मोही‚ प्रख्यात कथाकार – उपन्यासकार काशीनाथ सिंह और बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् के अध्यक्ष श्री यादव।

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