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छोटी छोटी बातें

हमारा जीवन ईश्वर का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इस जीवन रूपी उद्यान को सुगंध से परिपूर्ण बनाने के लिये तथा स्वयं को भी संतुष्ट रखने के लिये कुछ बातें ध्यान में रखना अति आवश्यक है। यदि इन बातों को हम सदैव ध्यान में रखें तो निश्चित रूप से हमें सही मायनों में आत्मिक शान्ति का सुख प्राप्त हो सकेगा। कभी भी किसी से कुछ पाने की आशा न करें। क्योंकि यह ज़रूरी नहीं कि किसी व्यक्ति से की गईं आपकी अपेक्षाएं हमेशा पूरी ही हों। आशा के विपरीत होने पर हो सकता है कि आपका मन दु:ख पाये। तो किसी दूसरे से कोई अपेक्षा ही क्यों रखी जाए।
सदैव धीरज से काम लें‚ क्योंकि रास्ते लम्बे होते हैं लेकिन अंतहीन नहीं। कोई भी कदम उठाने से पहले भली भांति सोच विचार लें।
क्रोध को अपने वश में रखें क्योंकि क्रोध मूर्खता से आरंभ होता है और पश्चाताप पर समाप्त होता है।
मानव मन की एक बहुत बड़ी कामना होती है कि वह दूसरों के हृदय पर अपना प्रभाव जमाए‚ इसके लिये बुद्धि का प्रयोग करना होता है। निसंदेह संसार में बुद्धिमत्ता का आदर होता है‚ बुद्धिमत्ता के लिये आवश्यक है ज्ञानार्जन। ज्ञानार्जन के लिये कोई आयुसीमा नहीं और ज्ञान अनन्त है अत: जहां से भी जो ज्ञान मिले उसे प्राप्त करने का अवसर न चूकें।
सदैव याद रखें कि " मधुर वचन है औषधि‚ कटु वचन है तीर' । इन शब्दों को ध्यान में रख कर ही बोलें।
शेक्सपियर ने कहा था, ' संक्षेप बुद्धिमत्ता की आत्मा है। आवश्यकता से अधिक बातें सुनने हेतु दूसरों को बाध्य न करें। वार्तालाप जितना लम्बा होगा उसका प्रभाव उतना ही कम होगा।
आत्मप्रशंसा करने की भूल न करें। इससे आप दूसरे पर प्रभाव नहीं जमा सकते‚ उसे स्वयं ही पता चलने दें कि आप जैसा सीधा सरल व्यक्तित्व कितना गुणी है। उसे आपके बारे में स्वयं अनुमान लगाने दें। यह तरीका अधिक प्रभावशाली है किसी पर अपनी महत्ता प्रदर्शित करने में कि आपके कर्म बोलें शब्द नहीं।
परनिंदा‚ आलोचना न करें‚ दूसरों के दोष निकालने की आवश्यकता नहीं। ये आदतें उन्नति एवं सफलता में बाद में बाधक सिद्ध होती हैं।
ईष्र्या मनुष्य को उसी तरह खाती है जैसे कीड़ा कपड़े को धीरे धीरे कुतरता है। यह भावना न हमें प्रसन्नता देती है‚ न दूसरे को। दूसरों के सुख में सुख महसूस करें‚ दु:ख में सहानुभूति दें।
प्रेम जीवन की समस्त कठिनाईयों तथा समस्याओं को आत्मसात कर लेता है। सदैव प्रेम की भावना रखें। मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिये तथा सही मायनों में खुश रहने के लिये‚ प्रेम करें। प्रेम की प्रतिक्रिया में सदैव प्रेम मिलता है जो कि दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है।
हमेशा आत्मविश्वासी रहें। आत्मविश्वास जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के लिये आवश्यक है। जब धन‚ ज्ञान साथ न दे तो आत्मविश्वास काम आता है।
दूसरों के हित में ही अपना हित देखें। किसी के दु:ख में काम आने के लिये अपने सुख का त्याग बहुत संतोष देता है।यह सच्ची सेवा है। दूसरों की सेवा करें क्योंकि हर मनुष्य में ईश्वर विद्यमान है। किसी के आंसू पौंछना‚ या कठिनाई में सहायक होना ईश्वर की प्रार्थना के तुल्य है।
इन कुछ छोटी छोटी बातों को जीवन में सिद्धान्तों की तरह सहेज लेने से हमारा जीवन खुशहाली से भर जाएगा। मानसिक तनावों से जर्जर होता आज का मनुष्य संतोष और आनंद से विभोर हो‚ शान्ति का अहसास पल पल महसूस करेगा। क्योंकि इन छोटी छोटी बातों को अमल में लाकर वह अपनी जीवन बगिया के आस पास से स्वार्थ, क्रोध‚ कटुता‚ ईष्र्या‚ घृणा आदि के कांटे बुहार वातावरण को सुखद बना लेता है। इस छोटे से जीवन की बस यही तो एक उपलब्धि है जिसकी वजह से हमें हमारे जाने के बाद भी याद किया जा सकता है।

– मंजू


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