शहर के सार्वजनिक पार्क में मंडराते लव बर्ड्स की चहचहाहट आजकल कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है । पार्क में घूमने वाले बुजुर्गों और प्यार में असफल कुछ प्रेमियों को इससे खासी परेशानी हो रही है । लिहाजा थाने में शिकायत की गई । सामाजिक रीति-रिवाजों की धज्जियां उड़ाने वाले इन लव बर्ड्स पर सख्त कार्यवाही की जाए । पेड़ों पर चहचहाते पक्षियों का भी समर्थन इसमें शामिल था ! इन्हें खदेड़ने के लिए थाने से कॉन्स्टेबल बलराम सिंह उर्फ बल्लू की ड्यूटी तुरंत पार्क में लगा दी गई ।
रोजाना पाँच-दस प्रेमी-प्रेमिकाओं को खदेड़ते-खदेड़ते, एक दिन उसकी दिल की सीमेंटेड गच के बीच पड़ी दरार से; अचानक प्यार की कौंपल फूटने लगी । पुलिस का दिल सख्त ही होता है। हरी दूब,फूल-पत्तियों की तरह मुलायम होगा तो अपराधियों से सख्ती की जगह प्यार होने लगेगा । बल्लू को लगा कि पार्क में दौड़ती हुई एक बाला, उसके दिल के ट्रैक पर उतर गई है । उसे यह जानकार आश्चर्य हुआ कि वह बाला उसी के मोहल्ले में रहती है । दीया तले अंधेरा !
बल्लू को भी अब पार्क में लव बर्ड्स से सहानुभूति होने लगी । पर ड्यूटी की वजह से डंडा फटकाने में कोई कमी नहीं रखता । एक दिन भागते हुए एक प्रेमी जोड़े की जेब से एक प्रेम पत्र पार्क में गिर गया । बल्लू ने उसे उठाया और ड्यूटी के बाद घर पहुंचकर पढ़ा । उसके मन में भी आया कि वह भी अपने प्रेम का इज़हार करने के लिए प्रेम पत्र लिखेगा ।
वैसे आजकल प्रेम पत्र लिखता कौन है ? सब मोबाइल पर टपकाते हैं । पर उसके पास तो एक अदद छुटकू मोबाइल है,जिससे संदेश भेजने की सीमा भी निर्धारित है । एक लव बर्ड ने पार्क के एक घने पेड़ के पीछे स्थान देने के पेटे, उसे एंड्रॉयड फोन देने की पेशकश की थी ,पर उसे लगा कि प्यार में सौदा नहीं । बल्लू ने प्रेम पत्र की नकल रपट करते हुए अपने दिल की बात कहने के लिए कागज -कलम उठाए ।
मेरी सोनचिड़ी , इस प्रेम पत्र के साथ मेरा दिल भी लफ (संलग्न) है । कई दिनों से, मैं तुम्हें मौका-ए-वारदात (सार्वजनिक पार्क) पर घूमते हुए देख रहा हूँ । ड्यूटी के नियमों से बंधे होने की वजह से, मैं उन प्रेमी-प्रेमिकाओं की तरह से अपने प्यार का खुलेआम इज़हार नहीं कर सकता । इसलिए यह मुचलका (व्यक्तिगत पत्र) तामील-ए -हाज़िर है ।…. भेज रहा हूँ प्रेम निमंत्रण, प्रियतमा तुम्हें बुलाने को/ आज शाम घर के पिछवाड़े, भूल न जाना आने को । समझ लो, हमारे प्यार की ये नकल चिक (एफआईआर) यानी प्रथम सूचना प्रति है । कृपया इसकी तस्दीक(पुष्टि) करना ।
मेरी स्वप्न सुंदरी, इस प्रेम अर्जदारत(याचिका) को स्वीकार कर कृपया अपने दिल का हाल भी बताना ताकि खतो खितावत (पत्राचार) का यह सिलसिला चलता रहे । मुझे उम्मीद है कि तुम मेरे बयान तहरीर (लिखित कथन) को गंभीरता से लेवोगी । मैंने पिछले दिनों यह भी देखा कि तुम्हारी इच्छा के विपरीत मोहल्ले के कुछ मजनूँ तुम्हारा पीछा करते हैं । घबराओ नहीं, मैंने थाने के निर्देश पर दबिश देकर मौका मुरत्तीब (घटना स्थल पर कार्रवाही) कर, उन्हें नक्शे अमन (शांति भंग) का नोटिस तामील करवा दिया है ।
मेरी पद्मिनी , तुमने अपनी तीखी नज़रों के आला-ए-कत्ल(हत्या में प्रयुक्त हथियार) से मेरा दिल चीर कर रख दिया है । मुझे अपने दिल की तफ्तीश में मालूमात हुआ कि, ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं ,हम क्या करें ? अब इसमें कोई बाइस्तवा(शक-संदेह) नहीं कि मैं तुमसे बेपनाह मोहब्बत करने लगा हूँ ।
मेरी हथकड़ी,मैं बयान तहरीर (लिखित कथन) के साथ तुम्हें यकीन दिलाना चाहता हूँ कि हमारा यह साथ हमेशा जुड़ा रहेगा। तुम्हारी मुस्कराहट,बातों के लहजे का, मेरे दिल में अदम तकमीला (अंकन) हो गया है । यह सफ़ीना (बुलावा पत्र ) अदम मौजूदगी (बिना उपस्थित) भेजकर तुम्हें यकीन दिला रहा हूँ कि तुम्हें भी मेरे जैसा यार नहीं मिलेगा, न ही ऐसा याराना मिल पाएगा । तुम्हारे इंतजार में पलकें बिछाए, प्यार में मजरूब(पीड़ित)- बलराम सिंह उर्फ बल्लू ।
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